नवोदय टाइम्स के वरिष्ठ पत्रकार रमेश कुमार 16 अगस्त 2018 को एक सड़क दुघर्टना में घायल हो गए थे। उनका इलाज राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली में हुआ था और वो घर पर आ गए थे। अचानक छाती और पेट में दर्द को लेकर वो विम्हांस में एडमिट हुए। इंफेक्शन की वजह से उन्हें काफी दिन ICU में वेंटिलेटर पर रहना पड़ा। उन्होंने अपने फेसबुक पर आर्थिक सहयोग और दुआ की अपील की।
उनके सहयोग के लिए ippci और rjs, WJI ग्रुपों में अपील की गई। पत्रकारों का यथाशक्ति सहयोग भी जारी था। अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिंक पर भी प्रयास किया गया। विम्हांस के चिकित्सकों सहित सभी पत्रकार चाहते थे कि रमेश जी को बचाया जाए, सबने दुआएं भी की। लेकिन दोस्तों होनी को कोई नहीं टाल सकता।
आज हमारे बीच झारखंड निवासी रमेश कुमार (सुपुत्र श्री विजय कुमार ) नहीं रहे। अपने पीछे अपनी धर्मपत्नी, दो छोटी-छोटी बच्चियां मुस्कान और चारूलता तथा लड़का अभिराज को छोड़ गए। एक पत्रकार का इतनी कम उम्र में चला जाना पत्रकारिता की बहुत बड़ी क्षति है। साथ ही गैर मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों की स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलने पर सवालिया निशान भी लगाते हैं। कल तीन अक्टूबर को गीता कालोनी श्मशान घाट पर दाह संस्कार दोपहर ढाई बजे किया गया।
जब रमेश घायल हुए थे, तब उनकी खबर भड़ास पर भी छपी थी…