गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब में शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. तीन दिन के भीतर दो एफआईआर दर्ज होने के बाद अध्यक्ष मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी ने भी कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
तहरीर के मुताबिक प्रेस क्लब के कार्यकारिणी सदस्य दुर्गेश यादव ने मुख्यमंत्री के खिलाफ कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया था. एफआईआर में क्लब के महामंत्री भूपेंद्र द्विवेदी और राजीव पांडेय का नाम दर्ज है. आरोप है कि इन लोगों ने भी गाली-गलौच करते हुए बंदूक से गोली मारने की धमकी दे डाली थी.
कैंट थाने में इस मामले में दुर्गेश यादव, भूपेंद्र द्विवेदी और राजीव पांडेय के खिलाफ बीती 8 मार्च शुक्रवार को एफआईआर संख्या-138 2024 के तहत धारा 504 व 506 ( मारपीट और जान से मारने की धमकी देने) में रिपोर्ट दर्ज की गई है.
मार्कण्डेय मणि द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक, 6 मार्च को वह प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के संदर्भ में चर्चा कर रहे थे. इसी बीच दुर्गेश यादव, भूपेन्द्र द्विवेदी और राजीव पाण्डेय बीच में आकर शोर शराबा करने लगे एवं चिल्लाते हुये बोले कि हमारे रहते मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में नहीं आ सकते हैं. इसी के साथ मुख्यमंत्री के बारे में अपशब्द बोलना शुरू कर दिए. समझाने पर मारने पीटने पर आमदा हो गए और बोले कि बंदूक से गोली मार देंगे.
मार्कण्डेय मणि ने कहा कि, “इससे पहले दुर्गेश आदि को बहुत समझाने की कोशिश की. कई बार उनकी हरकतों पर टोका था मगर इसके बाद भी वह साजिशन कुछ ऐसा करना चाहते थे कि बवाल हो. वह कहते हैं कि मेरी छवि खराब करने का भी कुत्सित प्रयास किया गया. छोटे भाई की तरह दुर्गेश आदि को समझाया था मगर वह किसी भी सूरत में विवाद और बवाल खड़ा करने की व्यूह रचना कर चुके थे. अब इस मामले की पुलिस विवेचना करेगी. मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी भी तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं होगी. यह प्रेस क्लब के अनुशासन से भी जुड़ा मामला है. मुख्यमंत्री के नाम पर जानबूझकर विवाद खड़ा करने की योजना बनाई गई थी. अपने जीते-जी इसे कभी सफल नहीं होने दूंगा.”
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