मेरठ। संवेदनहीन हो चुकी उत्तर प्रदेश पुलिस के दौराला इंस्पेक्टर ने तो संवेदनहीनता की तमाम हदों को पार कर दिया। चौकी से चंद कदमों की दूरी पर लूट का शिकार हुआ पत्रकार जब चौकी पर मौजूद इंस्पेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाने पहुंचा तो इंस्पेक्टर साहब ने कार्यवाही करने के बजाय उल्टे पत्रकार पर सवालों की झड़ी लगा दी और पत्रकार के साथ अभद्रता भी की। दौराला इंस्पेक्टर की संवेदनहीनता और अभद्रता यहीं पर नहीं रुकी। उन्होंने कहा कि तुम्हारे साथ लूट हुई अच्छा है। पत्रकारों के साथ ऐसा ही होना चाहिए। लुटेरों का पीछा करना तो दूर उन्होंने वायरलेस पर मैसेज तक फ्लैश करना गवारा नहीं समझा। इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर मेरठ के तमाम पत्रकार आईजी मेरठ जोन आलोक कुमार शर्मा से मिले।
शाहवेज खान पुत्रा हाजी रिजवान दैनिक समाचार पत्र शाह टाईम्स कार्यालय में सीनियर रिपोटर के पद पर कार्यरत हैं। कार्य समाप्ति के बाद वह हर रोज रात्रि में मुजफ्फरनगर जाते हैं। शुक्रवार की देर शाम भी वह कार्य समाप्त कर रोडवेज की अनुबंधित बस से वापस मुजफ्फरनगर लौट रहे थे। मोदीपुर चौकी के सामने बस की कार के साथ टक्कर हो गई। इस बात को लेकर बस चालक और कार सवार युवकों में झगड़ा हो गया। दोनों पक्षों में फैसले की बात चली लेकिन घंटों भी दोनों पक्षों में फैसला नहीं हुआ तो यात्री वहां से गुजर रही कारों में बैठकर जाने लगे। इस बीच पत्रकार शाहवेज खान ने भी इंतजार करने के बाद कोई बस नहीं आई तो करीब रात्रि 10.30 बजे वह चौकी के सामने खड़ी सफेद रंग की वैगनआर कार जिसमें पहले से ही चार युवक बैठे थे, बैठ गए।
कार चालक हरिद्वार की आवाज लगा रहा था। शाहवेज खान ने बताया कि वह मुजफ्फरनगर जाने के लिए वैगनआर कार में बैठ गए। चौकी से चंद कदम की दूरी पर चलते ही वैगनआर सवार बदमाशों ने उन्हे गन प्वाइंट पर ले लिया और मोदीपुर फेज वन में ले जाकर आतंकित करते हुए 20800 की नगदी, सिम कार्ड, मोबाईल मैमोरी कार्ड, बैट्री समेत अन्य कीमती सामान लूट कर मौके से फरार हो गए। शाहवेज खान ने बताया कि जैसे ही बदमाश उनके साथ लूट करके फरार हुए तो वह तुरंत रोड पर खड़ी पीसीआर वैन के पास पहुंचा। वैन में दो सिपाही बैठे हुए थे। पीसीआर वैन में बैठे सिपाहियों ने बदमाशों का पीछा करने के बजाए चौकी पर जाकर सूचना देने की बात कही। शाहवेज खान द्वारा बार-बार आग्रह करने के बाद भी पीसीआर वैन उनके साथ चलने को तैयार नहीं हुई।