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मजीठिया मांगने पर जिन साथियों का ट्रांसफर, टर्मिनेशन या निलंबन हुआ, वे अपना विवरण भेजें

….ताकि सुप्रीमकोर्ट के संज्ञान में लाया जा सके… 

दोस्तों, मजीठिया वेज बोर्ड के तहत मीडियाकर्मियों की सुनवाई माननीय सुप्रीमकोर्ट में तेजी से चल रही है। अगर आपने या आपके किसी साथी ने मजीठिया वेज बोर्ड के तहत लाभ के पाने के लिये 17(1) का रिकवरी क्लेम लेबर विभाग में लगाया है और इस क्लेम को लगाने के बाद आपका या आपके किसी साथी का कंपनी प्रबंधन ने ट्रांसफर, टर्मिनेशन या निलंबन किया है तो आप अपना पूरा विवरण मुझे मेल पर भेजिये ताकि पता चल सके कि कितने लोगों के साथ मीडिया मालिकों ने अन्याय किया है। सभी लोगों का विवरण आने के बाद इसकी सूची बनायी जायेगी और इस ट्रांसफर, टर्मिनेशन या निलंबन के मुद्दे को सबूत के साथ माननीय सुप्रीमकोर्ट में एडवोकेट के जरिये रखा जायेगा। साथ ही माननीय सुप्रीमकोर्ट को बताया जायेगा कि किस तरह मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ  कर्मचारियों को ना देना पड़े, इसके लिये कंपनी प्रबंधन दमन की नीति अपना रही है।

<p><span style="font-size: 18pt;">....ताकि सुप्रीमकोर्ट के संज्ञान में लाया जा सके... </span></p> <p>दोस्तों, मजीठिया वेज बोर्ड के तहत मीडियाकर्मियों की सुनवाई माननीय सुप्रीमकोर्ट में तेजी से चल रही है। अगर आपने या आपके किसी साथी ने मजीठिया वेज बोर्ड के तहत लाभ के पाने के लिये 17(1) का रिकवरी क्लेम लेबर विभाग में लगाया है और इस क्लेम को लगाने के बाद आपका या आपके किसी साथी का कंपनी प्रबंधन ने ट्रांसफर, टर्मिनेशन या निलंबन किया है तो आप अपना पूरा विवरण मुझे मेल पर भेजिये ताकि पता चल सके कि कितने लोगों के साथ मीडिया मालिकों ने अन्याय किया है। सभी लोगों का विवरण आने के बाद इसकी सूची बनायी जायेगी और इस ट्रांसफर, टर्मिनेशन या निलंबन के मुद्दे को सबूत के साथ माननीय सुप्रीमकोर्ट में एडवोकेट के जरिये रखा जायेगा। साथ ही माननीय सुप्रीमकोर्ट को बताया जायेगा कि किस तरह मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ  कर्मचारियों को ना देना पड़े, इसके लिये कंपनी प्रबंधन दमन की नीति अपना रही है।</p>

….ताकि सुप्रीमकोर्ट के संज्ञान में लाया जा सके… 

दोस्तों, मजीठिया वेज बोर्ड के तहत मीडियाकर्मियों की सुनवाई माननीय सुप्रीमकोर्ट में तेजी से चल रही है। अगर आपने या आपके किसी साथी ने मजीठिया वेज बोर्ड के तहत लाभ के पाने के लिये 17(1) का रिकवरी क्लेम लेबर विभाग में लगाया है और इस क्लेम को लगाने के बाद आपका या आपके किसी साथी का कंपनी प्रबंधन ने ट्रांसफर, टर्मिनेशन या निलंबन किया है तो आप अपना पूरा विवरण मुझे मेल पर भेजिये ताकि पता चल सके कि कितने लोगों के साथ मीडिया मालिकों ने अन्याय किया है। सभी लोगों का विवरण आने के बाद इसकी सूची बनायी जायेगी और इस ट्रांसफर, टर्मिनेशन या निलंबन के मुद्दे को सबूत के साथ माननीय सुप्रीमकोर्ट में एडवोकेट के जरिये रखा जायेगा। साथ ही माननीय सुप्रीमकोर्ट को बताया जायेगा कि किस तरह मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ  कर्मचारियों को ना देना पड़े, इसके लिये कंपनी प्रबंधन दमन की नीति अपना रही है।

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मजीठिया मांगने के कारण जिन लोगा का उत्पीड़न, ट्रांसफर, टर्मिनेशन, निलंबन आदि हुआ है, उनके बारे में वकील के माध्यम से माननीय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाने का पूरा प्रयास किया जायेगा ताकि इन कुकृत्यों पर तथा मालिकानों की मनमानी पर रोक लगाने का बंदोबस्त किया जा सके। प्रताड़ित किए गए लोगों की लिस्ट देने सुप्रीमकोर्ट को भी पता चल सकेगा कि किस तरह अखबार मालिक मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मांगने पर मीडियाकर्मियों का शोषण कर रहे हैं।

आपको सिर्फ इतना करना है कि अगर आपको या आपके किसी साथी को टर्मिनेट किया गया है या ट्रांसफर किया गया अथवा निलंबन किया गया तो कंपनी द्वारा दिया गया टर्मिनेशन, निलंबन या ट्रांसफर के मूलपत्र को स्केन कराईये और साथ में अपना 17(1) के क्लेम फार्मेट की प्रति (सभी पेज) भी स्कैन कराईये और अपना नाम, पूरा पता, कंपनी का नाम व पूरा पता, पिन नंबर, प्रबंधन का नाम, आपका पद, ज्वार्ईन करने की तिथि आदि डिटेल मेल के जरिये मुझ तक भेजिये।

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एक बात ध्यान रखिये जो भी कापी मेल से भेजिये उसे सिर्फ स्कैन कराकर ही भेजिये। मोबाईल से फोटो खींच कर ना भेजें। स्कैन कराकर भेजा गया मेल न बहुत हाई रेजुलेशन का रहे और न ही बहुत लो। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आप द्वारा भेजे गए डाक्यूमेंट काफी गोपनीय रखे जायेंगे। ये डाक्यूमेंट अर्जेन्ट भेजें। कोई दिक्कत हो तो आप मुझे फोन कर सकते हैं। डाक्यूमेंट भेजते समय सब्जेक्ट में मजीठिया टर्मिनेशन, ट्रांसफर या निलंबन जो हो, जरूर लिखें और अपना नाम भी सब्जेक्ट में लिखें। डाक्यूमेंट इस मेल पर भेजें : [email protected]

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
मुंबई
9322411335

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