Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

पेट्रोल खोर मोदी : पेट्रो प्रोडेक्ट्स प्राइस के मामले में जनता को बुरी तरह ठग रही है केंद्र सरकार

नरेंद्र मोदी : कब तक टोपी पहनाएंगे जनता को?


कच्चे तेल की कीमत ने जिस तरह से 50 डॉलर तक गोता लगाया है, उसके बाद तो अपने देश में पेट्रोल की कीमत बहुत कम यानी ज्यादा से ज्यादा 25 रुपए सभी करों सहित होनी चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ऐसा न करके जनता को ठगने का काम कर रही है। आज कच्चे तेल की कीमत उस स्तर पर पहुंच गई है जहां छह साल पहले थी। हम याद करें केंद्र में मोदी सरकार के आने से पहले का वह वक्त जब देश में पेट्र्रोल की कीमत 78 रुपए के आस-पास थी। उस समय कच्चे तेल की कीमत 165 डालर प्रति बैरल थी।

नरेंद्र मोदी : कब तक टोपी पहनाएंगे जनता को?


कच्चे तेल की कीमत ने जिस तरह से 50 डॉलर तक गोता लगाया है, उसके बाद तो अपने देश में पेट्रोल की कीमत बहुत कम यानी ज्यादा से ज्यादा 25 रुपए सभी करों सहित होनी चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ऐसा न करके जनता को ठगने का काम कर रही है। आज कच्चे तेल की कीमत उस स्तर पर पहुंच गई है जहां छह साल पहले थी। हम याद करें केंद्र में मोदी सरकार के आने से पहले का वह वक्त जब देश में पेट्र्रोल की कीमत 78 रुपए के आस-पास थी। उस समय कच्चे तेल की कीमत 165 डालर प्रति बैरल थी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

आज की तारीख में कच्चे तेल की कीमत जब 50 डालर से भी कम हो गई है तो साफ है कि इसकी कीमत में करीब 70 फीसदी की कमी आई है। जब सरकार कहती है कि पेट्रोल बाजार के हवाले है तो कच्चे तेल में आई गिरावट के बाद 78 रुपए के पेट्रोल की कीमत में भी 70 प्रतिशत की गिरावट आनी चाहिए। यानी पेट्रोल की ज्यादा से ज्यादा कीमत 25 रुपए के आस-पास होनी चाहिए, लेकिन देश में पेट्रोल की कीमत 60 रुपए से ज्यादा है।

अब सोचने वाली बात यह है जो भाजपाई केंद्र में कांग्रेस की सरकार के समय पेट्रोल की कीमत पर भारी हाय तौबा मचा रहे थे, वे अब अपनी सरकार से क्यों नहीं कहते हैं कि पेट्रोल की कीमत को कच्चे तेल में आई कमी के हिसाब से कम किया जाए। इतना तय है कि केंद्र सरकार जिस तरह से पेट्रोल की कीमत को लेकर जनता के साथ खेल रही है और जनता को ठग रही है, उसका खामियाजा उसे आज नहीं तो कल जरूर उठाना पड़ेगा। जब केंद्र में मोदी की सरकार बनी थी तो सबने सोचा था कि जरूर अब केंद्र में भाजपा कम से कम दस साल तो जरूर राज करेगी, कई विशेषज्ञों ने कहा कि मोदी की केंद्र में हैट्रिक होगी। लेकिन जिस तरह के हालात पैदा होते जा रहे हैं, उससे लगता नहीं है कि अगली बार केंद्र में भाजपा को फिर से आने का मौका मिलेगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब जनता ज्यादा समझदार हो गई है। इसकी एक छोटी नहीं बल्कि बड़ी बानगी छत्तीसगढ़ में देखने को मिली है जहां नगरीय निकाय चुनावों में रायगढ़ में एक किन्नर को जनता ने महापौर की कुर्सी तक पहुंचाया है। इसी के साथ चिरमिरी में एक निर्दलीय को महापौर बनाने का काम किया है। यही कई पालिकाओं में निर्दलीय जीते हैं। इससे साफ है कि अब जनता उनको पसंद करने लगी है जो उनको सही लगते हैं। ऐसे में सरकार के पास अब भी वक्त है, कि वह सुधर जाए और जनता के हित को पहले देखे। पेट्रोलियम मामलों में सरकार की एक और बात खटकने वाली है कि सरकार बाजार में कच्चे तेल की कीमत के कम ज्यादा होने की समीक्षा एक सप्ताह में करती है। अगर आज कच्चा तेल सस्ता हो गया है तो कायदे से पक्के तेल को भी उसी दिन से सस्ता हो जाना चाहिए, क्योंकि जब आपने पेट्रोल को बाजार के हवाले कर दिया है तो फिर एक सप्ताह का इंतजार क्यों?

अगर बाजार में कच्चे तेल की कीमत सोमवार को कम होती है और समीक्षा शनिवार को होनी है तो पांच दिनों तक जनता ज्यादा कीमत क्यों कर चुकाए।  यह ज्यादा कीमत किसके खाते में जाती है? इसका जवाब किसके पास है। हमें एक बात समझ नहीं आती है कि सरकार का हर बात पर विरोध करने वाली विपक्षी पार्टियों के दिग्गज नेता ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट की शरण में क्यों नहीं जाते हैं। कई मामले ऐसे होते हैं जिन पर जनहित याचिका लगाई जा सकती है, पर अपनी राजनीतिक पार्टी ऐसा न करके महज बयानबाजी करके जनता को बेवकूफ बनाने के अलावा कुछ नहीं करती हैं। इसका कारण यह है कि अपने देश में राजनीतिक पार्टिंयां जनता का नहीं बल्कि अपना भला चाहती है और महज बयानबाजी करके खानापूर्ति करने का काम करती हैं और दूसरी पार्टी पर आरोप लगाना ही जानती है। कोर्ट के रास्ते से जनता को राहत दिलाने का काम कोई राजनीतिक पार्टी नहीं करती है। अगर कोई पार्टी ऐसा रास्ता अपना लें तो जरूर उसको जनता सबसे पहले पसंद करेगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

लेखक राजकुमार ग्वालानी रायपुर छत्तीसगढ़ में दो दशक से ज्यादा समय से पत्रकार हैं, उनसे 09302557200 या 9826711852 पर संपर्क किया जा सकता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. ruchir bhatia

    January 9, 2015 at 8:43 am

    Bhai sahab gapp bahut lambhi haank di hai aapne.

    1.16 may ko crude oil 100USD tha 162 to kabhi gaya hi nahin . life high 147 USD hai..

    2.pichli baar jab 50 $ tha tab $ 45 rs ka tha. abhi $65 ka hai.

    main manta hoon ki aur kam hone chahiye per utna bhi nahin jitna aap kah rahe ho.

    kam se kam alochna karte waqt gapp na mare. facts de

  2. इंसान

    January 10, 2015 at 12:27 am

    रायपुर छत्तीसगढ़ में संभवतः किसी एक ने इस व्यक्ति का एक तरह से गिरेबान पकड़ इसे पत्रकार तो अवश्य बना दिया है अन्यथा मेरी समझ से फिरंगी राज में उनकी सेवा में लगे भारतीय उप महाद्वीप के मूल निवासियों की तरह पापी पेट के रोग से ग्रस्त खोपड़ी में राष्ट्रवाद के अभाव के कारण कीचड़ पत्रकारिता करते इसके भेजे में अक्ल नाम की कोई वस्तु नहीं घुसेड़ पाया है| इन तथाकथित पत्रकारों के कारण भारत में बहुसंख्यक हिंदी भाषी मुट्ठी भर बावर्ची अंग्रेज़ी के ज्ञाताओं के प्रभुत्व तले अपना व्यक्तिगत “सुख-दुःख” रो रहे हैं| कच्चे तेल के भाव में गिरावट के कारण देश विदेश के अर्थशास्त्री भारत को ऐसी स्थिति में विशेष आर्थिक लाभ होने की संभावना की चर्चा कर रहे हैं और यह देशद्रोही मूर्ख प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार के लिए अपमानजनक वक्तव्य दे रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement