पेट्रोल खोर मोदी : पेट्रो प्रोडेक्ट्स प्राइस के मामले में जनता को बुरी तरह ठग रही है केंद्र सरकार

नरेंद्र मोदी : कब तक टोपी पहनाएंगे जनता को?


कच्चे तेल की कीमत ने जिस तरह से 50 डॉलर तक गोता लगाया है, उसके बाद तो अपने देश में पेट्रोल की कीमत बहुत कम यानी ज्यादा से ज्यादा 25 रुपए सभी करों सहित होनी चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ऐसा न करके जनता को ठगने का काम कर रही है। आज कच्चे तेल की कीमत उस स्तर पर पहुंच गई है जहां छह साल पहले थी। हम याद करें केंद्र में मोदी सरकार के आने से पहले का वह वक्त जब देश में पेट्र्रोल की कीमत 78 रुपए के आस-पास थी। उस समय कच्चे तेल की कीमत 165 डालर प्रति बैरल थी।

खबरों से हो रहा सामूहिक बलात्कार

हमें यह लिखने में कताई संकोच नहीं हो रहा है कि आज मीडिया में खबरों के साथ सामूहिक बलात्कार होने लगा है। हम मीडिया से करीब ढाई दशक से जुड़े हैं, इसके बाद भी हम कहते हैं कि आज का मीडिया इतना ज्यादा पेशेवर हो गया है कि उनको महज विज्ञापनों के अलावा कुछ नजर नहीं आता है। यह बात काफी दिनों से लिखने का मन था, लेकिन आज अचानक यह लिखने का अवसर इसलिए निकला क्योंकि आज फेसबुक पर हमने अपने ढाई दशक पुराने मित्र अनिल पुस्दकर का खेलों को लेकर एक दर्दभरा बयान पढ़ा।

‘ओएमजी’ के आस-पास भी नहीं फटक सकी ‘पीके’

तीन दिन पहले हमने आमिर खान की फिल्म पीके देखी। उसी दिन इस पर लिखने का मन था, पर अचानक हमारे इंटरनेट ने बेवफाई कर दी और तीन के लिए वह मौत के आगोश में चला गया। अब जाकर उनका पुनर्जन्म हुआ है और हमें समय मिला है तो सोचा चलो यार उस दिन की कसर पूरी कर ली जाए। पीके को लेकर लंबा विवाद प्रारंभ हो गया है। वैसे तो इस फिल्म को लेकर पहले से ही आमिर की पहली तस्वीर को लेकर  विवाद हुआ है, लेकिन फिल्म देखने के बाद जहां लगा कि उस तस्वीर को लेकर ऐसा विवाद करना बेमानी है, वहीं इस बात को लेकर अफसोस हुआ कि आमिर की यह फिल्म परेश रावल की फिल्म ओ माय गाड के आस-पास भी नहीं फटक सकी।