Sanjaya Kumar Singh : गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग पर एफआईआर हुई तो पढ़िए सुधीर चौधरी का बचाव। संपादक जी कह रहे हैं कि रिपोर्टर पूजा मेहता सिर्फ 25 साल की है। पूजा को ममता बनर्जी की असहिष्णुता झेलना पड़ रहा है जबकि पूजा अपने संपादक की नालायकी झेल रही है। ज़ी न्यूज संतुलित खबरें कर रहा होता तो खिलाफ खबरों पर भी एफआईआर नहीं होती है और संपादकी झाड़ने वाले मौका मिलते ही फंसा दिए जाते हैं – ये कौन नहीं जानता है। पूजा नहीं जानती होगी सुधीर चौधरी को तो पता ही है। अब पूजा की आड़ क्यों ले रहे हो। कहो, नैतिक जिम्मेदारी मेरी है। पूजा का नाम एफआईआर से हटा दिया जाए। पूजा की आड़ में खुद बचने का रास्ता क्यों खोज रहे हो।
कायदे से रिपोर्टिंग के लिए परेशान किया जाना गलत है। ममता बनर्जी ने जो किया वह समर्थन करने लायक नहीं है लेकिन संपादक रिपोर्टर की आड़ क्यों ले? दोष उसके सिर क्यों मढ़े? जिम्मेदारी तो संपादक की होती है और अगर रिपोर्ट सही है तो संपादक कहेगा सही है और नहीं तो माफी मांगेगा? रिपोर्टर की आड़ लेने का क्या मतलब लगाया जाए?
मैं ज़ी न्यूज की रिपोर्टिंग / संपादकी देखता नहीं लेकिन संपादक के रूप में बचाव बड़ा लचर है। दम है तो यही कहते कि रिपोर्ट सही है। ममता मुझे झेल भेज दें। अब जूनियर रिपोर्टर की आड़ में रिरिया क्यो रहे हो? आखिर स्टोरी पास करने की जिम्मेदारी तो तुम्हारी है सुधीर चौधरी। अगर ममता ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया (अभी तो एफआईआर ही हुई है) तो लिखो ना बताओ, दिखाओ, रोने क्यों लगे? अगर एफआईआर कराना मुख्यमंत्री की असहिष्णुता है तो तुम्हारा यह बचाव दुम दबाकर रिरियाना है। इससे अच्छा होता, सीधे गलती मान लेते। तुम भी तो मीडिया की आजादी के नाम पर भौंक रहे हो।
वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह की एफबी वॉल से.
मूल खबर…
गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग पर सुधीर चौधरी और उनकी रिपोर्टिंग टीम के खिलाफ मुकदमा
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ravi
December 29, 2016 at 1:02 pm
वाह, क्या भड़ास निकाली है ! वरिष्ठ भड़ासी लगते हैं !