मजीठिया वेज बोर्ड की मांग को लेकर मुकदमा दायर होते ही प्रभात खबर प्रबंधन ने अपने कर्मियों को पे-स्लिप देनी बंद कर दी. अब जबकि मजीठिया को लेकर बेहद अहम सुनवाई होने वाली है, तो अप्रैल महीने में पे-स्लिप का वितरण कर दिया गया.
इसमें पहले जितने ही वेतन को नये-नये मदों में बांट दिया गया, ताकि वह मजीठिया के अनुरूप लगे. एक और बड़ा बदलाव यह है कि सभी की पे- स्लिप पर पद का नाम और कांट्रैक्ट/पेरोल का जिक्र कर दिया गया है. जिन कर्मियों को वेतन बहुत कम मिलता है, उन्हें जबरन ट्रेनी जर्नलिस्ट बना दिया गया है, जबकि वे पिछले तीन से लेकर पांच साल से उप-संपादक और रिपोर्टर का काम कर रहे हैं. देखिए, अभी मजीठिया से बचने के लिए प्रबंधन और क्या-क्या तिकड़म करता है.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित