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सहारा समय में प्रसून शुक्ला का भी विकेट गिरा

सहारा समय में ग्रुप इनपुट एडिटर प्रसून शुक्ला को भी 16 जून 2016 को एक पत्र के माध्यम से थैंक्यू बोल दिया गया है. गौरतलब है कि उपेंद्र राय के समय आये सभी पत्रकारों को एक-एक करके सहारा समय से निकाला जा रहा है. इसके चलते डिप्टी इनपुट हेड रूबी अरुण और असाइनमेंट पर काम कर रहे राधे श्याम राय को पहले ही दरवाजा दिखा दिया गया था. इस तरह पत्रकारों की छंटनी को लेकर आम पत्रकारों में खासा रोष देखा जा रहा है.

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सहारा समय में ग्रुप इनपुट एडिटर प्रसून शुक्ला को भी 16 जून 2016 को एक पत्र के माध्यम से थैंक्यू बोल दिया गया है. गौरतलब है कि उपेंद्र राय के समय आये सभी पत्रकारों को एक-एक करके सहारा समय से निकाला जा रहा है. इसके चलते डिप्टी इनपुट हेड रूबी अरुण और असाइनमेंट पर काम कर रहे राधे श्याम राय को पहले ही दरवाजा दिखा दिया गया था. इस तरह पत्रकारों की छंटनी को लेकर आम पत्रकारों में खासा रोष देखा जा रहा है.

हिमांशु तिवारी नामक एक पत्रकार ने अपने फेसबुक पर इस तरह की छंटनी की कड़े शब्दों में निंदा की है. इससे पहले यूपी हेड रजनीकांत और वेब एडिटर दुर्गेश उपाध्याय को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. माना जा रहा है कि प्रसून शुक्ला के बाद अब छंटनी का दौर खत्म हो गया है. इसके बाद अब सहारा समय से किसी को नहीं निकाला जायेगा. हालांकि सैलरी देने के नाम पर संस्थान अभी भी रहस्यमय खमोशी धारण किये हुए है. इस बात की भी जानकारी मिली है कि जिन वरिष्ठ लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है, उनका फुल एंड फाइनल सेटलमेंट नहीं किया जा रहा है. इसके कारण ऐसे कर्मचारी लीगल नोटिस के बाद अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

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