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सुख-दुख

मुलायम-अमिताभ प्रकरण : दैनिक हिन्‍दुस्‍तान लखनऊ ने पहली खबर दबा दिया, दूसरी खिलाफ खबर छाप दिया!

अच्‍छा, इस हालत को क्‍या कहा-माना जाए कि एक खबर को दबा लिया गया है। इतना ही नहीं, इस असल खबर से जुड़ी एक दूसरी खबर उस खबर के खिलाफ छाप दी गयी। इतना भी होता तो बर्दाश्‍त कर लिया जाता। सम्‍पादक ने उससे जुड़ा एक साक्षात्‍कार छाप दिया है। सम्‍पादक है। यह कमाल किया है दैनिक हिन्‍दुस्‍तान के सम्‍पादक केके उपाध्‍याय ने। अरे जनाब, यह करने से पहले आप जरा इतना तो सोच लेते कि आप सम्‍पादन कर रहे हैं या तेल-चटाई का धन्‍धा खोले बैठे हैं। 

वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर

अच्‍छा, इस हालत को क्‍या कहा-माना जाए कि एक खबर को दबा लिया गया है। इतना ही नहीं, इस असल खबर से जुड़ी एक दूसरी खबर उस खबर के खिलाफ छाप दी गयी। इतना भी होता तो बर्दाश्‍त कर लिया जाता। सम्‍पादक ने उससे जुड़ा एक साक्षात्‍कार छाप दिया है। सम्‍पादक है। यह कमाल किया है दैनिक हिन्‍दुस्‍तान के सम्‍पादक केके उपाध्‍याय ने। अरे जनाब, यह करने से पहले आप जरा इतना तो सोच लेते कि आप सम्‍पादन कर रहे हैं या तेल-चटाई का धन्‍धा खोले बैठे हैं। 

वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर

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मामला है, आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और उनकी वकील पत्‍नी डॉ नूतन ठाकुर का। परसों समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अमिताभ को फोन कर धमकी दी थी। लेकिन यह बात खुल जाने के बावजूद लखनऊ के किसी भी अखबार ने इस खबर को नहीं छापा। केवल नवभारत टाइम्‍स ने इसे सूचना के तौर पर प्रकाशित किया। लेकिन उसी ग्रुप के टाइम्‍स ऑफ इण्डिया ने एक शब्‍द तक नहीं बोला।

अगले दिन अमिताभ ठाकुर ने तय किया कि इस धमकी पर वह पुलिस में एमआईआर दर्ज करायेंगे। अमिताभ हजरतगंज थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज करायी। लेकिन किसी भी अखबार ने यह खबर नहीं छापी है। मगर अमिताभ-नूतन पर बलात्‍कार करने वाली मामले में रिपोर्ट दर्ज किये जाने की सूचना हर अखबार में सुनहरे हर्फों में दर्ज कर दी गयी है। एक भी अखबार ने इस खबर में मुलायम सिंह यादव वाली धमकी का एक शब्‍दत तक नहीं छापा। जबकि दैनिक हिन्‍दुस्‍तान ने तो पूरा अखबार ही सरकार के चरणों पर अर्पित कर दिया। 

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इस अखबार के स्‍थानीय सम्‍पादक केके उपाध्‍याय ने रेप वाली खबर दो-दो बार छापी। दोनों बार डबल कॉलम। फोटो सहित। पहली खबर तो फ्रंट-पेज पर है, जबकि दूसरी पृष्‍ठ दस पर है। लेकिन उसी पेज पर बैनर लीड छापी गयी है। शीर्षक है:- केंद्र हमें न रोके, हम उन्‍हें नहीं रोंकेंगे: अखिलेश। तीन फोटो के साथ छापी गया है यह साक्षात्‍कार। इंटरव्‍यू करने वाले का नाम है केके उपाध्‍याय। 

हद हो गयी है। अरे यही सब करना ही था, तो दो-चार दिन का आगा-पीछा ही कर लेते। कम से कम आपके ऊपर यह तो तोहमत नहीं लगती कि आप ने पत्रकारीय मूल्‍यों की हत्‍या कर दी। भविष्‍य में आपके जूनियर्स को यह कहने का मौका तो नहीं मिलता कि:- हमें तो विरासत में काली पत्रकारिता ही मिली है।

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लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर के फेसबुक वॉल से

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0 Comments

  1. शंभू दयाल वाजपेयी

    July 13, 2015 at 2:34 am

    नव भारत टाइम्‍स ने नहीं , हमारे अखबार दैनिक कैनविज टाइम्‍स ने भी पहले ही दिन अमिताभ ठाकुर को मुलायम सिंह द्वारा धमकाये जाने जाने की सूचनात्‍मक खबर छापी थी। यह कहना गलत है कि नवभारत टाइम्‍स के अलावा लखनऊ के किसी अखबार ने यह खबर नहीं छापी।

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