सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे, क्या से क्या हो गए देखते देखते…
कनुप्रिया-
राहत फतेह अली की ख़बर देखकर एक बात की पुष्टि हो गई कि व्यक्ति की प्रतिभा और expertise का उसके किरदार से कोई बहुत लेना देना नही होता. फ़न उनके व्यक्तित्व का बस एक पार्ट होता है, समूचा व्यक्तित्व नहीं, उनके फ़न की तारीफ़ करना एक बात है मगर उनसे ही प्रभावित हो जाना दूसरी. इसलिये सेलिब्रिटीज़ को ख़ुदा मानना बन्द कर देना चाहिये.
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तुषार कुमार- अब उससे जबरन माफीनामा दिलवाया गया है, जिसमे उस ने बताया है की वह पीर साहब का दम किया हुआ पानी था, वहीं कुछ लोग फतेह अली खान के बचाव में यहां तक कह रहे है की उस बोतल में शराब नही थी, आब ए जमजम का पानी था, मगर उस पानी पर आम मुस्लिम का हक नहीं होता इसलिए उसकी पिटाई की गई
अल्ताफ़ पटेल- बहुत ही खूबसूरत में नायाब आवाज है, जब वह इस वीडियो में चिल्लाकर शराब मांग रहे हैं।
अंजू शर्मा-
राहत फतेह अली ख़ान को बतौर गायक बेहद पसंद करती रही हूँ। ऐसी आवाज़ जो सीधे रूह को छूती है। आज उन्हीं राहत फतेह अली खान का एक वायरल वीडियो देखकर दिल दहल गया। जहीन गायक अपने एक नौकर को बहुत ही बेहरमी से जूते और थप्पड़ों से पीट रहे हैं।
बाद में सर्च करने पर पता चलता है कि वे इसे गुरु शिष्य के बीच का मामला बताकर रफ़ा दफ़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। एक बार फिर दिल टूट गया और महसूस हुआ कि कलाएँ सबको बेहतर इंसान नहीं बनातीं। अच्छा कलाकार होना अच्छे इंसान होने की गारंटी नहीं। ये दो अलहदा बातें हैं। इन्हें जोड़कर देखना ठीक नहीं।
सबाहत आफ़रीन- मेरा दिल भी कल से टूटा हुआ है , राहत की आवाज़ हमारे लिए राहत बख्श थी मगर वो वीडियो दिमाग में घूम रहा।
सुरेंद्र सोनी- वे कला से कमा रहे हैं, कला को जी नहीं रहे..! उन्हें उचित दण्ड मिलना चाहिए। हमारे हिस्से में यह है कि उन्हें सुनना छोड़ दें..!
अजय कानपुरी- व्यक्तिगत जीवन में कोई भी प्रसिद्ध व्यक्ति कैसा है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि ये लोग शायद दोहरी जिंदगी जीते है बाहरी जिंदगी को ये बहुत अच्छा रखते है वरना इतनी कामयाबी कैसे मिलेगी सादर प्रणाम दीदी जी।
मनोज पाराशर- ये सिलसिला राहत फतेह अली खान से न प्रारंभ होता है और न इन पर खत्म होता है..! ये हम प्रशंसकों की कमजोरी होती है कि किसी एक अथवा अनेक विधाओं में पारंगत किसी व्यक्ति विशेष को हम ‘परा मानव”स्वीकार कर अपने मन में उसकी जो छवि या मूर्ति गढ़ लेते हैं जो समस्त मानवीय श्रेष्ठ गुणों से ओतप्रोत होती है और जब उनकी इस तरह की हरकतों से परिचय होता है तब उस तथाकथित “महामानव” की वह मूर्ति खंडित होने पर हमें आश्चर्य मिश्रित कष्ट होता है …वास्तविकता यह है अगर इन सुपरस्टारों के व्यक्तिगत जीवन की सच्चाई सामने आ जाये तो इनमें से अधिकांश अपना मुँह छुपाते फिरेंगे…!!
देवयानी भारद्वाज- संगीत में तो गुरु-शिष्य परम्परा के नाम पर इसी को जस्टीफाई करते रहे हैं। मुझसे देखा नहीं गया। इतना निर्मम कैसे हो सकता है इतना बड़ा कलाकर।
अंका शर्मा- अक्सर बड़े और प्रतिष्ठित लोगों की पर्सनल लाइफ की कुछ घृणित परतें होती हैं, उनका निजी मामला कहकर फैन उनकी प्रेरणादायक छवि को सहेज कर रखना चाहते हैं क्योंकि इस पलायन के अलावा कोई चारा नहीं लेकिन दुख तो होता है।
शशि शर्मा- अपनी फ़्रस्ट्रेशन पर जो क़ाबू न कर सका वह काहे का कलाकार ? कलाकार की छोड़ो वह इंसान भी नहीं। सिर्फ़ एक बोतल की बात पर मार रहे हैं।
और ये है इस प्रकरण पर गुरु चेला की सफ़ाई-