गिरीश मालवीय-
“मैं अर्नब गोस्वामी को 2004 से जानता हूं. हम टाइम्स नाउ में एक साथ काम किया करते थे. मैंने 2013 में बार्क के सीइओ का पदभार संभाला. अर्नब गोस्वामी ने साल 2017 में रिपब्लिक टीवी लॉन्च किया. रिपब्लिक टीवी लॉन्च करने से पहले भी वह मुझसे चैनल लॉन्च करने की योजनाओं पर चर्चा करते थे.”
“वह परोक्ष रूप से हिंट दिया करते थे कि मैं उनके चैनल को अच्छी रेटिंग दिलाने में मदद करूं. गोस्वामी को ये अच्छी तरह पता था कि मैं ये जानता हूं कि टीआरपी सिस्टम कैसे काम करता है. उन्होंने मुझे इस बात का प्रलोभन दिया कि वह भविष्य में मेरी मदद करेंगे.”
“मैंने अपनी टीम के साथ काम करके ये सुनिश्चित किया कि रिपब्लिक टीवी को 1 नंबर रेटिंग मिले. ये 2017 से 2019 तक चला होगा. इस दौरान 2017 में अर्नब गोस्वामी लोअर परेल स्थित सेंट रेजिस होटल में मुझसे व्यक्तिगत रूप से मिले और मेरे परिवार की फ्रांस एवं स्विट्ज़रलैंड ट्रिप के लिए 6000 अमेरिकी डॉलर दिए.’’
‘’इसके बाद 2019 में लोअर परेल स्थित सेंट रेजिस होटल में अर्नब व्यक्तिगत रूप से मिले और मेरे परिवार की स्वीडन एवं डेनमार्क यात्रा के लिए 6000 अमेरिकी डॉलर दिए. 2017 में ही अर्नब गोस्वामी आईटीसी होटल में मुझसे मिले और बीस लाख रुपये दिए, 2018 और 2019 में भी गोस्वामी मुझसे मिले और हर बार 10 लाख रुपये दिए.”
टीआरपी स्कैम में गिरफ्तार बार्क के सीईओ पार्थो दासगुप्ता का मुंबई पुलिस को दिया गया हस्तलिखित बयान
सौमित्र रॉय-
3600 पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, 500 से ज़्यादा पेज के व्हाट्सएप चैट और 59 बयानों का चक्रव्यूह।
समझ लीजिए कि TRP घोटाले में अर्णब गोस्वामी का बच पाना बहुत मुश्किल है।
खुद बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने पुलिस को लिखित बयान दिया है कि अर्णब ने उसे सैर-सपाटे के लिए 12 हज़ार डॉलर और 3 साल में 40 लाख रुपए TRP में हेर-फेर करने के लिए दिए थे।
फिर भी अगर आपको लगता है कि अर्णब बच जाएंगे तो मैं आप सभी की इस मासूम दुआ के लिए कहूंगा
आमीन।
पूरा प्रकरण समझिए-
टीआरपी स्कैम में गिरफ्तार पार्थो दासगुप्ता ने मुंबई पुलिस को दिए एक हस्तलिखित बयान में दावा किया है कि अर्नब गोस्वामी ने अपने चैनल के पक्ष में टीआरपी रेटिंग्स के लिए उन्हें तीन साल में चालीस लाख रुपये दिए और उन्हें छुट्टियां बिताने के लिए 12 हज़ार अमेरिकी डॉलर दिए थे.
ये बात टीआरपी स्कैम में पेश की गई एक अतिरिक्त चार्जशीट में सामने आई है. अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में इस ख़बर को अपने पहले पेज़ पर जगह दी है.
अख़बार के मुताबिक़, 3600 पेजों की इस अतिरिक्त चार्जशीट में दासगुप्ता, ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रीसर्च काउंसिल (बार्क) रोमिल रमगढ़िया और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खनचंदानी के ख़िलाफ़ दायर की गई है. इससे पहले नवंबर 2020 को पुलिस ने जो चार्जशीट फाइल की थी जिसमें 12 लोगों के नाम थे.
इस चार्जशीट में बार्क की फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट, दासगुप्ता और गोस्वामी के बीच हुई कथित वॉट्सऐप चैट और 59 लोगों के बयान शामिल हैं. इसमें पूर्व काउंसिल कर्मचारी और केबल ऑपरेटर के बयान भी शामिल हैं.
इस ऑडिट रिपोर्ट में कई न्यूज़ चैनलों के नाम हैं जिनमें रिपब्लिक, टाइम्स नाउ, आज तक आदि शामिल हैं. इसके साथ ही उन मौकों का भी ज़िक्र है जब बार्क के उच्चाधिकारियों की ओर से रेटिंग्स की प्री-फिक्सिंग की गई और कथित रूप से छेड़छाड़ की गई.