”इस इस्‍तीफे की कहानी का मुख्‍य किरदार यूपी कांग्रेस का एक नेता है”

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मित्रों आप फेसबुक के मित्र हैं और भी मित्र हैं, फेसबुक के अस्तित्‍व में आने के पहले वाले भी हैं। अब मैं बताने वाला हूं वह कथा जिसके चलते मैंने विश्व में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबार से बीते नौ अप्रैल को रिजाइन किया था। दूसरी बार। पहली कहानी अलग है। वह आठ साल चली और यह तीन साल से थोड़ा कम। कहानी का मुख्य किरदार यूपी कांग्रेस का एक नेता है जिसका पूरा सिजरा मैं बताऊंगा।

दरसल इसको नेता कहना नेता शब्द का अपमान है, जिसके लिए ऐसे ही शख्‍स जिम्मेदार हैं। इसे विश्व में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबार के “अवस्था पार कर चुके स्थूलकाय संपादक और एक और शख् जिसका वर्णन आगे आएगा, का वरदहस्त है। थोड़ा कागज पत्र तैयार कर लूं तो फिर बताता हूं पूरी दास्तान। हां, इस बीच अगर मैं अवा मेरी पत्नी दोनों को एक साथ खत्म न कराया गया तो जो बचेगा वो पूरी दास्तां मय सुबूत रखेगा। थोड़ा इंतजार करें। धन्यवाद।

लखनऊ के तेवरदार पत्रकार राज बहादुर सिंह के एफबी वाल से साभार.



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