रायपुर : वैसे तो दैनिक जागरण के द्वारा अधिग्रहण किये जाने के बाद से ही नईदुनिया के बुरे दिन शुरू हो ही गए थे किंतु पिछले करीब 7 -8 वर्षो में हालत और भी ख़राब होते चले गए हैं। जागरण प्रबंधन यूपी से संपादक बुला बुला कर नईदुनिया में प्रयोगों का सिलसिला जारी रखा है। नतीजा ये कि छीजता जा रहा है अखबार और सिमटता जा रहा है पाठक वर्ग।
रायपुर नईदुनिया में संपादकीय प्रभारी सतीश चंद्र श्रीवास्तव को बनाए जाने के बाद एक के बाद एक अच्छे और मेहनती लोग काम छोड़कर जा रहे हैं। इसके लिए लगातार कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। शुरुआत हुई थी रायपुर नईदुनिया के संपादक अरुण उपाध्याय को हटाने के साथ। उनके बाद जो भी सतीश चंद श्रीवास्तव की राह में रोड़ा लगा उसे येन केन प्रकारेण हटा दिया गया।
अरुण उपाध्याय के बाद में न्यूज़ एडिटर के पद पर काम करने वाले संदीप ठाकुर को इतना प्रताड़ित किया गया कि आखिर उन्होंने नौकरी छोड़ देना ही बेहतर समझा जबकि उनके रिटायरमेंट में सिर्फ 1 साल ही बचा था।
इसी तरह सीनियर न्यूज एडिटर मयंक चतुर्वेदी पर तरह तरह के दबाव बनाये जा रहे थे। मयंक ने भी संस्थान को नमस्कार करना बेहतर समझा।
इसके साथ ही डॉट-कॉम में काम करने वाले हिमांशु शर्मा, अजमत अली ने भी संस्थान को अलविदा कह दिया।
इसके पश्चात स्टेट ब्यूरो को देखने वाले संदीप दीवान ने भी अखबार को गुडबाय कह दिया। सिटी डेस्क बखूबी संभालने वाले कुणाल दत्त मिश्रा ने भी दिसंबर तक आते-आते इस्तीफा दे दिया।
ताजा मामले में डॉट कॉम को संभालने वाले चीफ सब एडिटर शशांक शेखर बाजपेई ने भी 12 दिसंबर को त्याग पत्र दे दिया है।
यह स्थिति तब है जब संस्थान में एक भी नए कर्मचारी की नियुक्ति साल भर से नहीं हो पा रही है। काम करने वाले साथियों पर अतिरिक्त काम का बोझ बढ़ता जा रहा है।
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Rajesh deopa
January 7, 2022 at 10:27 pm
प्रिंट मीडिया का ये आचरण बता रहा है कि वह उम्र की चौथे सावन ।के चल रहा है।