Dayanand Pandey : सब्जी के दाम तो फिर आसमान पर पहुंच गए। चालीस रुपए मटर, टमाटर है। गोभी भी जून जुलाई के भाव पर है। तीस से चालीस-पचास रुपए, प्याज तीस रुपए। दाल के दाम में भी आग लगी हुई है। कश्मीर सीमा और पाकिस्तान के मसले भी जस के तस। नरेंद्र मोदी की माऊथ कमिश्नरी भी जस की तस है। टीवी चैनलों और उन पर अवतरित होने वाले लोगों की लफ्फाज़ी भी जस की तस। गरज यह कि सीमा से लगायत बाज़ार तक बिचौलियों के पौ अभी भी बारह हैं। जय हो!
Mukesh Kumar : हमारे हुक्मरान हमें बताते रहे हैं कि पेट्रोलियम पदार्थों के दाम अब मार्केट तय कर रहा है। जब दाम बढ़े तो कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दाम बढ़े हैं इसलिए ऐसा किया गया। अब आप ये बताएं कि जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दाम आधे हो गए हैं तो हमें क्या आधे दामों में पेट्रोल, डीज़ल, कुकिंग गैस और केरोसिन मुहैया कराया जा रहा है। दो-चार-दस रुपए की रियायत देकर हमें झाँसा मत दीजिए। मान लीजिए कि आप अंबानी अडानी के लिए काम करे हैं, सारी दलीलें, नीतियाँ उन्हीं के लिए बनाते हैं और तमाम बहाने आम जनता के लिए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय और मुकेश कुमार के फेसबुक वॉल से.