Praveen Malhotra जागरण और नई दुनिया (इंदौर) के मालिक और प्रधान संपादक संजय गुप्त एक पार्टी के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं। इस परिवार की यह खूबी है कि सत्ता के साथ निकटता स्थापित कर फायदा उठाया जाए और राज्यसभा की सीट भी प्राप्त कर ली जाये। पेड़ न्यूज़ छापने में भी इन्हें महारत हांसिल है। पत्रकारिता इनके लिए एक व्यवसाय से अधिक कुछ नहीं है।
Ajay Kumar ये पूंजीवाद की बाजारू मीडिया को अब बाजार, पैसा और सत्ता में भागीदारी मिलने के अलावा और कुछ क्यों नहीं दिखायी देता है? खैर इस हरकत से इनका विपक्ष वोट और संगठित हो रहा है.
Mohammad Hasan जागरण अपने संप्रदायिक और बायस के लिये बदनाम है. जब प्रसिद्ध लेखक प्रो. आशुतोश वारषनेय अपनी Ethnic Conflict in India के लिये अलीगढ़ के लिये research कर रहे थे तो जागरण ने खबर छापी कि “लेखक ये जान रहे हैं कि अलीगढ़ में दंगे कैसे कारवाये जा सकते हैं?” ये बात खुद लेखक ने किताब में लिखी है. किताब मेरे पास है.
Mahendra K. Singh इस फ़र्ज़ी पोल के बारे में दूर गॉंवों में लोग अभी तक नहीं जानते हैं। सभी लोग फेसबुक पर नहीं हैं। अतः इस पर आप लोग खबरें लिखिए और खंडन करिये कि यह सर्वे फ़र्ज़ी था और बीजेपी के पक्ष में कोई हवा नहीं बह रही है और उसे अखबारों में छापिये ताकि बीजेपी का एक कुत्सित चेहरा जनता के सामने आये।
Mahesh Saraswat जब बकौल मोदी और भक्तगण यूपीए-2 में मन्त्रियों और सहयोगी दलों के मंत्रियों द्वारा हुए भ्रष्टाचार के लिए मनमोहन सिंह दोषी होते हैं तो एक अखबार में हो रहे भ्रष्टाचार के लिए उसका मालिक कैसे दोषी नहीं है? सरासर दोषी है और बलि का बकरा सपादक को बनाया गया है! शर्मनाक पत्रकारिता
Rajeev Chaturvedi राम ने भरत को राज्य मिले इसके लिये सहर्ष वनवास स्वीकार किया था.. Zee TV वाले सुभाष चंद्रा को राज्य सभा में स्थान मिले इसके लिये सुधीर चौधरी ने तिहाड़ को स्वीकार किया था… दैनिक जागरण के मालिक को राज्य सभा में स्थान मिले इसके लिये इस “लोकतंत्र के चौथे स्तंभ” के संपादक ने जेल को स्वीकार किया है…
Dileep Yadav जागरण एक तरह से बीजेपी के मुखपत्र का काम करता आ रहा है,खबर के शीर्षक कुछ ऐसे गढ़ेजाते हैंकि बस बीजेपी हीरो लगे!
Amar Sharma गुप्ता और उसके वरिष्ठ managers को अविलंब जेल में बंद करने की ज़रूरत है.
Deepak Kumar Yadav बिक गया दैनिक जागरण
Manzar Khan जागरण न्यूज पेपर पूरा पूरी संघियों का दलाल है, सब जानते हैं।
उपरोक्त कमेट्स जिस एफबी पोस्ट पर आए हैं, उसे पढ़ने के लिए नीचे दिए शीर्षकों पर क्लिक करें :
जागरण का मालिक और सीईओ संजय गुप्ता ने पेड न्यूज करने के धंधे को कुबूल कर लिया
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