Gunjan Sinha : वाह! एबीपी न्यूज पर सनी लिओनी व्यक्ति विशेष! उनकी पोर्न फिल्मों के टुकड़े मोजॅक कर आज सुबह के नाश्ते में परोसे जा रहे हैं. तस्लीमा की राय को आगे बढ़ते हुए मेरी कामना है कि एबीपी न्यूज के मालिकान, उनके संपादकों और माननीय महेश भट्ट को, उनकी संतति को भी पोर्न फिल्मों में काम मिले। आदरणीय रविशंकर प्रसाद शायद इसके मंत्री हैं – उन्हें सुझाव है कि पोर्न फिल्मों के लिये एक चैनल शुरू करवायें। मैं, पोर्न, दारू, लिव इन, उन्मुक्तता, किसी के खिलाफ नहीं हूँ, वात्स्यायन और सुधीर कक्कड़ का भी प्रशंसक हूँ लेकिन भैया हर चीज की जगह होती है. शौच शौचालय में किया जाता है और सम्भोग बंद कमरे में – सड़क पर नहीं। उल्लू के पट्ठे सालो संपादक हो तुम लोग? यह समझ में नहीं आता कि जब तुम्हारी बेटी तुम्हारा चैनल देखते हुए तुमसे पूछेगी कि पापा ये पोर्न क्या होता है तो तुम क्या जवाब दोगे? वो कहेगी कि मैं भी पोर्न हीरोइन बनना चाहती हूँ तब तुम क्या जवाब दोगे? भेज दोगे बचपन-पोर्न शूट कराने?
Kumar Sauvir : जीजा बाई किसी कोठे की रंडी थीं? क्या रजिया कभी किसी गुंडन में फंसी थी? पन्ना धाय ने क्या कभी किसी बच्चे के साथ दुराचार किया? क्या सावित्री किसी चोरी-छिनारी के मामले में पायी गयी है? क्या रेडियोलॉजी की पहली माता कहलानी वाली मादाम क्यूरी कभी अवांछित गर्भ-समापन की सहायक रही हैं? अगर नहीं तो फिर ऐसी महिलाओं के बारे में बात करने के बजाय आपके किसी खबर-ची ने दुनिया की पोर्न-स्टार सन्नी लियोन की खबर को कैसे ब्रेक कर दिया। जीजा बाई, रजिया बलवन, सावित्री, मादाम क्यूरी या पन्ना धाय के बारे में कोई खबर ब्रेक के बजाय आपने समाज को सन्नी की जीवन-गाथा क्यूँ गान किया?
श्रीमान जी, आपको मैं बता दूं कि सन्नी का नाम अपने शरीर के हर एक अंग-प्रत्यंग के एक-एक गुप्तांग को प्रदर्शित को लेकर कुख्यात है। आज एबीपी न्यूज ने इस बारे में खूब खोल-खोल कर अपने बिकाऊ-पने का एक-एक पन्ना खोल दिखा ही दिया है। खबर अब तक एबीपी न्यूज में चल रही है। अरे भाई साहब, आप इस देश और उसकी संस्कृति को किस तश्तरी में परोसने की साजिश कर रहे हैं। इन अप्रतिम महिलाओं का तुलना इस सन्नी लियोन से करने में आपको तनिक भी शर्म नहीं आ रही है। अरे क्या सबक सिखेंगे-पायेंगे आपके बच्चे, जो आदर्श के बाद सन्नी की चर्चा कण्डोम खोल-खोल कर समझेंगे-समझायेंगे ? अबे, जा बे धत्त कर्मी ! कितना पैसा वसूल लिया तुमने इस सन्नी-कीर्तन का?
वरिष्ठ पत्रकार द्वय गुंजन सिन्हा और कुमार सौवीर के फेसबुक वॉल से.
jagdish samandar
April 13, 2015 at 4:24 am
सन्नी लियोन जैसी ब्लू फिल्मों की अभीनेत्री को टीवी और सिनेमा के जरिये बड़ी आसानी से भारतीय परिवारों में जगह मिल गयी । बच्चे से लेकर बूड़े तक ‘बैबी डॉल मैं सोने दी’ गाने पर सन्नी संग ठूमके लगा रहे हैं । हनी सिंह जैसा गायक मां-बहनों और खालिस देसी गालियों को गाकर ही युवाओं में लोकप्रिय हो गया । संस्कृति के पहरेदार खामोश हैं और मीडिया इस पर इसलिये सवाल नहीं उठाता कि आधुनिकता में सब जायज है । अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे इन्टरनेट पर कौन सी ‘धार्मिक’ फिल्में देख रहें हैं इसे देखने-रोकने की जहमत कोई नही उठाता है। जिस भारत देश में संस्कारों की पैरवी होती थी वहां नई पीढ़ी फिल्मों-नाटकों में अपने जीवन की प्रेरणा ढूडं रही है। टीवी पर विज्ञापन देखता किशोर यह देखकर रोमांचित हो जाता है कि ‘फलाने डियो’ को लगाने से लड़कियों की र्स्कट ऊपर उठ जाती है । सेंसर बोर्ड को तो जैसे केवल इन चलचित्रों का सबसे पहले मजा लेने के लिये बनाया गया है । विज्ञापन की दुनियां में महिलाओं को केवल भोग की वस्तु के रूप में परोसा जाता रहा है । सीमेन्ट के विज्ञापन में बिकनी पहने महिला का क्या काम है यह बताने वाला कोई नहीं है ।
Hindustani
April 15, 2015 at 8:56 am
Kya kare ye bechare ye sab hain trp me maare.are thoda to sharm kar lo bhai sunny jaise ko porn site take hi rehne do. TV me dikha kar ghar ghar mat pahunchao