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सियासत

सत्यम घोटोले में रामालिंगा समेत दसो आरोपियों को सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया

हैदराबाद : सत्यम घोटाले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बी रामालिंगा राजू को दोषी ठहराया है। इस मामले में दूसरे नौ लोगों को भी दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने रामालिंगा राजू को आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का दोषी पाया है। सजा का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा। देश की सबसे बड़ी लेखा धोखाधड़ी माना जा रहा यह घोटाला सात जनवरी 2009 को तब प्रकाश में आया जब कंपनी के संस्थापक और तत्कालीन अध्यक्ष बी रामलिंगा राजू ने कथित तौर पर अपनी कंपनी के बही खाते में हेराफेरी तथा साल  तक करोड़ों रूपये का मुनाफा बढ़ा चढ़ा कर दिखाने की बात कबूल की थी।

<p>हैदराबाद : सत्यम घोटाले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बी रामालिंगा राजू को दोषी ठहराया है। इस मामले में दूसरे नौ लोगों को भी दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने रामालिंगा राजू को आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का दोषी पाया है। सजा का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा। देश की सबसे बड़ी लेखा धोखाधड़ी माना जा रहा यह घोटाला सात जनवरी 2009 को तब प्रकाश में आया जब कंपनी के संस्थापक और तत्कालीन अध्यक्ष बी रामलिंगा राजू ने कथित तौर पर अपनी कंपनी के बही खाते में हेराफेरी तथा साल  तक करोड़ों रूपये का मुनाफा बढ़ा चढ़ा कर दिखाने की बात कबूल की थी।</p>

हैदराबाद : सत्यम घोटाले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बी रामालिंगा राजू को दोषी ठहराया है। इस मामले में दूसरे नौ लोगों को भी दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने रामालिंगा राजू को आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का दोषी पाया है। सजा का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा। देश की सबसे बड़ी लेखा धोखाधड़ी माना जा रहा यह घोटाला सात जनवरी 2009 को तब प्रकाश में आया जब कंपनी के संस्थापक और तत्कालीन अध्यक्ष बी रामलिंगा राजू ने कथित तौर पर अपनी कंपनी के बही खाते में हेराफेरी तथा साल  तक करोड़ों रूपये का मुनाफा बढ़ा चढ़ा कर दिखाने की बात कबूल की थी।

अपने भाई रामा राजू और अन्य के साथ फर्जीवाड़े की बात कथित तौर पर स्वीकार करने के बाद आंध्रप्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग ने राजू को गिरफ्तार कर लिया। मामले में सभी 10 आरोपी अभी जमानत पर हैं। करीब छह साल पहले शुरू हुए मामले में लगभग 3000 दस्तावेज चिह्नित किये गए और 226 गवाहों से पूछताछ हुयी। रामलिंगा राजू के अलावा अन्य आरोपी उनके भाई और सत्यम के पूर्व प्रबंध निदेशक बी रामा राजू, पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी वदलामणि श्रीनिवास, पूर्व पीडब्लूसी ऑडिटर सुब्रमणि गोपालकृष्णन और टी श्रीनिवास, राजू के एक अन्य भाई बी सूर्यनारायण राजू, पूर्व कर्मचारियों जी रामकृष्ण, डी वेंकटपति राजू और श्रीसाईलम तथा सत्य के पूर्व आंतरिक मुख्य ऑडिटर वी एस प्रभाकर गुप्ता हैं।

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आमदनी बढ़ा चढ़ाकर दिखाने, खाता में हेरफर, फर्जी सावधि जमा के साथ ही विभिन्न आयकर कानूनों का उल्लंघन करने के सिलसिले में राजू और अन्य पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत गलत रिटर्न भरने, फर्जीवाड़ा, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात का मामला दर्ज किया गया था। फरवरी 2009 में सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभाला और तीन आरोप पत्र (7 अप्रैल 2009, 24 नवंबर 2009 और 7 जनवरी 2010) दाखिल किया जिसे बाद में एक साथ मिला दिया गया।

मुकदमे के दौरान, सीबीआई ने आरोप लगाया कि घोटाले की वजह से निवेशकों को 14,000 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ जबकि बचाव पक्ष ने आरोपों के जवाब में कहा कि जालसाजी के लिए आरोपी जिम्मेदार नहीं हैं और केंद्रीय एजेंसी की ओर से मामले से संबंधित दाखिल सभी दस्तावेज मनगढंत हैं और कानून के मुताबिक नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय ने भी धन शोधन रोकथाम कानून के तहत उनके खिलाफ एक आरोप पत्र दाखिल किया था। पिछले साल जनवरी में आयकर अदायगी मामले में आर्थिक अपराध के लिए एक विशेष अदालत ने रामलिंगा राजू की पत्नी नंदिनी राजू और बेटों तेजा राजू और रामा राजू समेत पूर्व सत्यम प्रमुख के 21 रिश्तेदारों को दोषी ठहराया था।

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