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उत्तराखंड

उप-जिलाधिकारी की रिपोर्ट में खुली मीडिया की पोलः स्कूल भवन को असुरक्षित बताने के लिए हेलमेट पहना कर लीं बच्चों की फोटो

देहरादून। जिलाधिकारी चन्द्रेष कुमार द्वारा 6 सितम्बर, 2014 को दैनिक समाचार-पत्र में ‘‘स्कूल की हालत ऐसी कि हेलमेट पहनकर पढ़ो’’ नामक शीर्षक से प्रकाशित खबर एवं टी.वी. चैनलों में प्रसारित समाचार का संज्ञान लेकर खबर की सत्यता के संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून व उप जिलाधिकारी, डोईवाला से आख्या उपलब्ध कराने के निर्देष दिये गये। इस प्रकरण पर उप जिलाधिकारी, डोईवाला ने अपनी आख्या में अवगत कराया गया कि राजकीय इन्टर कालेज, दूधली में छात्र-छात्राओं को कक्षा में हेलमेट पहनाकर फोटो खिंचवाकर अखबार में समाचार छपाकर यह दर्शाने की कोशिश की गयी है कि विद्यालय भवन असुरक्षित है।

<p>देहरादून। जिलाधिकारी चन्द्रेष कुमार द्वारा 6 सितम्बर, 2014 को दैनिक समाचार-पत्र में ‘‘स्कूल की हालत ऐसी कि हेलमेट पहनकर पढ़ो’’ नामक शीर्षक से प्रकाशित खबर एवं टी.वी. चैनलों में प्रसारित समाचार का संज्ञान लेकर खबर की सत्यता के संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून व उप जिलाधिकारी, डोईवाला से आख्या उपलब्ध कराने के निर्देष दिये गये। इस प्रकरण पर उप जिलाधिकारी, डोईवाला ने अपनी आख्या में अवगत कराया गया कि राजकीय इन्टर कालेज, दूधली में छात्र-छात्राओं को कक्षा में हेलमेट पहनाकर फोटो खिंचवाकर अखबार में समाचार छपाकर यह दर्शाने की कोशिश की गयी है कि विद्यालय भवन असुरक्षित है।</p>

देहरादून। जिलाधिकारी चन्द्रेष कुमार द्वारा 6 सितम्बर, 2014 को दैनिक समाचार-पत्र में ‘‘स्कूल की हालत ऐसी कि हेलमेट पहनकर पढ़ो’’ नामक शीर्षक से प्रकाशित खबर एवं टी.वी. चैनलों में प्रसारित समाचार का संज्ञान लेकर खबर की सत्यता के संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून व उप जिलाधिकारी, डोईवाला से आख्या उपलब्ध कराने के निर्देष दिये गये। इस प्रकरण पर उप जिलाधिकारी, डोईवाला ने अपनी आख्या में अवगत कराया गया कि राजकीय इन्टर कालेज, दूधली में छात्र-छात्राओं को कक्षा में हेलमेट पहनाकर फोटो खिंचवाकर अखबार में समाचार छपाकर यह दर्शाने की कोशिश की गयी है कि विद्यालय भवन असुरक्षित है।

उप जिलाधिकारी, डोईवाला द्वारा अपनी जांच आख्या में जिलाधिकारी को अवगत कराया है कि राजकीय इण्टर कालेज दूधली में कक्ष संख्या 1 व 2 की मरम्मत की आवश्यकता है, विद्यालय का शौचालय जीर्ण-शीर्ण है, जिसमें सफाई भी नहीं है, विद्यालय कक्षों में विद्युत की फिटिंग भी नहीं की गयी है, समुचित पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है, विद्यालय में चार दिवारी की आवश्यकता है। विद्यालय का भवन इतना खराब नहीं है कि उसको तत्काल ध्वस्त कर दिया जाये और न ही तत्काल स्वयं गिरने की स्थिति में है। सामान्य मरम्मत से भवन सम्बन्धी समस्या हल हो सकती है।

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दिनांक 05 सितम्बर, 2014 को कक्ष 7 एवं 8 के छात्र-छात्राओं को स्कूल समयान्तर्गत हेलमेट पहनाकर कक्षा में बैठाया गया तथा प्रिन्ट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया को बुलाकर उनकी फोटो एवं विडियोग्राफी की गई तथा उक्त मीडियाकर्मियों को विद्यालय के अध्यापकों द्वारा इन्टरव्यू भी दिया गया। उक्त कृत्य के द्वारा यह प्रदर्शित करने की कोशिश की गई है कि विद्यालय भवन कभी भी गिर सकता है तथा शिक्षा विभाग संवेदनशील बना हुआ है, जबकि यह कथन सत्य नहीं है। विद्यालय में छात्र छात्रायें दोनों कही अध्ययनरत हैं, वाह्य व्यक्तियों का विद्यालय में प्रवेश कर कक्षाओं में घुसना, हेलमेट पहनाना तथा उनकी फोटो लेना एवं विडियोग्राफी करना प्रथम दृष्टया छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के प्रतिकूल है साथ ही साथ विद्यालय प्रबन्धन की छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।

मीडियाकर्मियों को बिना किसी अनुमति के साक्षात्कार दिया जाना तथा विद्यालय में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को ताक पर रखकर उक्त कृत करने से विभाग की छवि धूमिल की गई है, जिसमें प्रभारी प्रधानाचार्य एवं सम्बन्धित कक्षाओं के अध्यापक पूर्णतया संलिप्त एवं उत्तरदायी हैं। प्रकरण के संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा मण्डलीय अपर निदेशक माध्यमिक गढ़वाल मण्डल पौड़ी के साथ रा0इ0का0 दूधली का संयुक्त निरीक्षण कर अपनी विस्तृत आख्या प्रस्तुत की गयी, जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया है कि समाचार-पत्रों में प्रकाशित लेख एवं टी.वी. चैनलों पर प्रसारित समाचार मुख्य भवन के प्रथम तल में निर्मित कक्ष संख्या-9 एवं 10 जिसमें कक्षा-7 एवं 8 का संचालन किया जाता है तथा जिसमें छात्र-छात्राओं को हेलमेट पहनकर दिखाया गया है का निरीक्षण करने पर पाया कि, कक्षाओं की छत पूर्ण रूप से सुरक्षित है और कहीं-कहीं पर नाम मात्र प्लास्टर उखड़ रहा है, लेकिन किसी भी रूप से यह कक्ष सुरक्षा की दृष्टि एवं अध्ययन अध्यापन के लिए अनुपयुक्त नहीं है एवं इसमें पठन-पाठन करने में किसी भी छात्र-छात्रा एवं अध्यापकों को खतरा नहीं है और विद्यालय की छत से पानी टपकने का भी कोई अंदेशा नहीं है।

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उनके द्वारा दिनांक 05-09-2014 को घटित कार्यक्रम के सम्बन्ध में निम्न बिन्दु पर ध्यान आकृर्षित किया गया है। दिनांक 05-09-2014 को माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार के सम्बोधन को देखने व दिखाने के लिये विद्यालय खुलने का समय प्रातः 11 बजे निर्धारित किया गया था, विद्यालय प्रातः 09:30 बजे किन परिस्थितियों में खुला। प्रधानाचार्य एवं उपस्थित शिक्षक/कर्मचारियों के अनुसार विद्यालय में कोई भी छात्र-छात्रा साईकिल स्कूटर का प्रयोग नहीं करते है और न ही हेलमेट पहनकर विद्यालय आते हैं, फिर भी उस दिन छात्र-छात्राओं को हेलमेट किस स्तर से उपलब्ध कराये गये। निरीक्षण के समय भवन का कोई भी भाग ऐसी स्थिति में नहीं पाया गया कि, उसे तत्काल ध्वस्त किया जाय व छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन के अनुपयुक्त हो।

विद्यालय परिसर व कक्षों में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश अपने आप में एक गम्भीर विषय है जो छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। उपरोक्त से स्पष्ट है कि कुछ व्यक्तियों द्वारा पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार विद्यालय समय से पूर्व बच्चों को बुलाकर बच्चों को हेलमेट पहनाकर फोटो खिचवाये गये और यह दर्शाने की कोशिश की गयी कि विद्यालय असुरक्षित है और येन-केन प्रकरण उसे तोड़कर उसके स्थान पर नया भवन निर्मित किया जा सकें। मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून के द्वारा सम्पूर्ण प्रकरण पर पूर्णकालिक प्रधानाचार्य के बार-बार अवकाश में रहने एवं प्रभारी प्रधानाचार्य का विद्यालय में शिक्षक व कर्मचारियों पर प्रभावी नियंत्रण न होने कारण उत्पन्न हुआ है।
प्रभारी प्रधानाचार्य द्वारा घटना की जानकारी तद्समय किसी भी उच्चाधिकारी को नहीं दी गयी। उनके द्वारा प्रभारी प्रधानाचार्य श्री दीपक राणा, प्रवक्ता को प्रथम दृष्टया दोषी बताया है और पूर्णकालिक प्रधानाचार्य श्री प्रेम प्रकाश ध्यानी, जो चिकित्सा अवकाश पर चल रहे है को अन्यत्र स्थानान्तरित करने की संस्तुति की गयी है। उपरोक्त आख्याओं के अवलोकन से स्पष्ट है कि राजकीय इन्टर कालेज, दूधली का भवन में कक्ष संख्या 1 व 2 व शौचालय की मरम्मत की आवश्यकता है एवं विद्यालय विद्यालय कक्षों में विद्युत की फिटिंग तथा समुचित पेयजल की व्यवस्था करते हुए विद्यालय में चार दिवारी की निर्मित की जानी आवश्यक है। किन्तु कहीं पर भी ऐसी स्थिति नहीं है कि विद्यालय में पठन-पाठन के समय छात्र-छात्राओं को सुरक्षा हेतु हेलमेट आदि पहनने की आवश्यकता है।

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समाचार-पत्रों में यह खबर केवल भवन को असुरक्षित बताकर नया भवन निर्मित कराये जाने हेतु प्रकाशित की गयी है। निर्धारित समय से पूर्व विद्यालय में बच्चों को बुलाकर, हेलमेट पहनाना तथा विद्यालय कक्षों बाहरी व्यक्तियों द्वारा उनकी फोटो लेना एवं विडियोग्राफी करना प्रथम दृष्टया छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के प्रतिकूल है तथा विद्यालय प्रबन्धन की छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। जिसके लिए प्रभारी प्रधानाचार्य एवं सम्बन्धित कक्षाओं के अध्यापक एवं विद्यालय चैकीदार/परिचर पूर्णतया दोषी है।

उक्त जांच आख्या के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून व जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) को निर्देशित किया गया है कि वह तत्काल उक्त प्रकरण पर लापरवाही हेतु दोषी प्रभारी प्रधानाचार्य एवं सम्बन्धित कक्षाओं के अध्यापक एवं विद्यालय चैकीदार/परिचर एवं अन्य के विरूद्ध तत्काल विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देष दिये गये है। उन्होने कहा कि विद्यालय परिसर/कक्षों में बिना अनुमति के घुस कर छात्र-छात्राओं को हेलमेट पहनाकर, उनकी फोटो लेना एवं विडियोग्राफी करने, जानबूझकर गलत तथ्य प्रस्तुत करने शासन-प्रशासन एवं शिक्षा विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध तत्काल नामजद प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराना सुनिश्चित करें। राजकीय इन्टर कालेज, दूधली में कक्ष संख्या 1 व 2 व शौचालय की मरम्मत चार दिवारी निर्माण एवं विद्यालय विद्यालय कक्षों में विद्युत की फिटिंग तथा समुचित पेयजल की तत्काल व्यवस्था करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। (प्रेस-नोट)

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विज्ञप्तिसंख्या-2014-15/462/06
जिला सूचना एवं लोक सम्पर्क कार्यालय
देहरादून।

 

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