आजकल आई नेक्स्ट आगरा में ख़बरों पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. खबरों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. तथ्यों में अभाव में खबरें हास्यास्पद साबित हो रही हैं. ऐसी ही एक खबर के कारण प्रेस काउंसिल आफ इंडिया से धिक्कार योग्य घोषित किए जा चुके एडिटोरियल हेड सचिन वासवानी की अकर्मण्यता की वजह से डेस्क का स्टाफ लापरवाह बना रहता है.
पिछले कुछ दिनों से फ्रंट पेज देख रहे गौरव लहरी बीमारी की वजह से छुट्टी पर हैं. अब सारा काम डेस्क इंचार्ज राजीव अग्निहोत्री और एडिटोरियल हेड सचिन वासवानी ने अपने हाथ में ले लिया है. उसी का परिणाम है कि 17 नवंबर के फ्रंट पेज पर हद दर्जे की गलती की गई है.
‘बुलेटप्रूफ जैकेट पहन दीवानी पहुंचा हेमनदास’ हेडिंग से न्यूज़ छापी गई है. जबकि हेमनदास का मर्डर नवंबर 2014 में हो गया था. हेमनदास का बेटा महेश 16 नवंबर को गवाही देने कोर्ट गया था. लेकिन आई नेक्स्ट ने मृतक हेमनदास को ही गवाही देने कोर्ट पहुंचा दिया. अब इस गलती पर आई नेक्स्ट के एडिटोरियल हेड को जबाव देते नहीं बन रहा है.
प्रतिमा भार्गव के केस के कारण प्रेस काउंसिल समेत पूरे देश भर की निंदा और किरकिरी झेल रहे सचिन वासवानी दरअसल कानपुर के एक अधिकारी के चहेते होने के कारण अपनी हिटलरशाही ऑफिस में चला रहे हैं. चर्चा है कि सिटी इंचार्ज मेघ सिंह यादव से भी उनकी आजकल पटरी नहीं खा रही है. लेकिन कानपुर मुख्यालय से वासवानी की तगड़ी सेटिंग के कारण उनका बाल तक बांका नहीं हो रहा है.
singh
November 20, 2015 at 10:14 am
सचिन वासवानी को पता नहीं किसने एडीटोरियल हेड बना दिया। पिछले कुछ सालों से कोई भी आगरा आईनेक्स्ट में टिक नहीं पा रहा है। कई लोग सचिन वासवानी के तानाशाही रवैये के कारण संस्थान छोड़कर जा चुके हैं। पिछले कुछ सालों में आगरा आईनेक्स्ट में कई योग्य पत्रकार आए और चले गए लेकिन इन्होंने उन योग्य पत्रकारों की कद्र नहीं की। कई सिटी इंचार्ज और डेस्क पर कार्यरत लोग इनके तानाशाही और अनदेखे रवैये के कारण चले गए। नाम सब जानते हैं। इसी के कारण ये चुतियापा हो रहा है।