Dainik Jagran INEXT does a blank cover to fight Hunger

Initiates a year-long campaign by publishing a blank front page representing the plate of 20 crore Indians who sleep hungry every day. #BlankForHunger is buzzing on social media.

NEW DELHI : The bi-lingual newspaper, Dainik Jagran INEXT published a blank cover page to highlight the state of hunger in the country. The innovative campaign titled #BlankForHunger started on World Hunger Day, May 28, 2017. The year-long social initiative will now move to the next phase, which will involve a reality check on wastage of food in parties, events, hotels and restaurants on a daily basis.

i-next पर गिरी गाज़, दैनिक जागरण के नाम से ये भी छपेगा

Dainik jagran shuts down i-next… to be a variant of Dainik Jagran from Tomorrow… दैनिक जागरण समूह का द्विभाषीय अखबार i-next अलग नहीं दिखेगा। उसे ‘जागरण’ का ही वेरिएंट बनाया जा रहा है। मतलब ये कि i-next नाम के ब्रांड को औकात पर लाया जा रहा है। बदलाव कल से लागू है। 

inext की कई यूनिटो में क्यों तूफान आया हुआ है?

Inext Allahabad, Varanasi, Bareilly aur Gorakhpur unit Mein tufan aaya hai…. Tufan koi aur nahi balki I next ke purane khiladi Shree Vishwanath Gokaran hai… Chahe Bareilly Ki unit Ho ya fir Allahabad, Gorakhpur, Koi aisa din na ho ki team ke kisi bhi sadasya ko ye force leave ya nikalne ke liye pressure na banate ho. In teen edtion ke incharge ko aksar mail ke jariye pressure banate rahte hai… is chkkar mein bareilly ke incharge se aaye din inki bahas hoti hai.

मृदुल त्यागी ने जिस मैडम का जिक्र किया है कहीं वो आई-नेक्स्ट वाली शर्मिष्ठा शर्मा तो नहीं!

Mridul Tyagi : तो लीजिए मेहरबान, कद्रदान, साहेबान… हाजिर है, एक हैं मैडम….  एक हैं मैडम-1 …. एक बड़े अखबार का छोटा अखबार था. और उसमें थी एक बहुत मैडम. वो इतनी बड़ी क्यूं थी, कभी समझ नहीं पाए. शायद इसलिए कि वो जो कहती थीं, वो किसी को समझ नहीं आता था, और जो सब कहते थे, वो उन्हें समझ नहीं आता था. कुल मिलाकर अंतर इतना ज्यादा कि तमिल-पंजाबी. टू स्टेट्स यू नो…. कभी-कभी कुछ बातें समझ आ जाती थीं. जब वो कहती थी समथिंग बिग. फिर बहुत बड़ी खबर पर जब वो कहती थीं कि इसमें न्यूज जैसा क्या है, तो लगता था कि सही में न्यूयार्क टाइम्स और घंटाघर बोलता है वाला अंतर है.

आई नेक्स्ट अखबार ने मृतक को गवाही देने पहुंचा दिया कोर्ट!

आजकल आई नेक्स्ट आगरा में ख़बरों पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. खबरों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. तथ्यों में अभाव में खबरें हास्यास्पद साबित हो रही हैं. ऐसी ही एक खबर के कारण प्रेस काउंसिल आफ इंडिया से धिक्कार योग्य घोषित किए जा चुके एडिटोरियल हेड सचिन वासवानी की अकर्मण्यता की वजह से डेस्क का स्टाफ लापरवाह बना रहता है.

एक प्रयोग का मर जाना : मिस यू आई-नेक्स्ट टैब्लॉइड

भारतीय पत्रकारिता के एक टैब्लॉइड यूग का अंत हो गया। अपने प्रकाशन के नौ साल बाद ही भारत का एक मात्र मॉर्निंग डेली टैब्लॉइड न्यूज पेपर ने अपना टैब्लॉइड अस्तित्व खो दिया। आई-नेक्स्ट अब अन्य दूसरे मॉर्निंग डेली न्यूज पेपर्स के साथ ब्रॉड शीट में परिवर्तित हो गया। इस परिवर्तन को भले ही कई अन्य दृष्टिकोणों से देखा जाएगा, पर भविष्य में जब कभी भी भारत में टैब्लॉइड जर्नलिज्म का जिक्र आएगा उसमें आई-नेक्स्ट को भी जरूर याद किया जाएगा।

आई-नेक्स्ट अब नहीं रहेगा बच्चा अखबार, ब्राडशीट साइज के साथ होगा रीलांच

आई-नेक्स्ट को आगे से जागरण का बच्चा अखबार नहीं कर पाएंगे आप. प्रबंधन ने इस बच्चा अखबार को अब बड़े साइज का करने का फैसला कर लिया है. बताया जा रहा है कि आई-नेक्स्ट अब जागरण की ही साइज का अखबार हो जाएगा. चर्चा इस बात की हो रही है कि जागरण प्रबंधन आई-नेक्स्ट में स्टाफ बढ़ाए बिना इसे बड़े साइज का कर रहा है. इससे काफी काम का बोझ बढ़ेगा. तो, क्या इससे क्वालिटी पर असर नहीं पड़ेगा?

दिग्विजय सिंह और अमृता राय की शादी ने समाज को नया रास्ता दिखाया है

Sadhvi Meenu Jain : खबर है कि दिग्विजय सिंह ने अमृता राय से विवाह कर लिया है. खबर सुनकर चुस्की लेने या सिंह की नैतिकता / अनैतिकता से इतर मैं इस बहाने एक दूसरे विषय पर बात करना चाहती हूँ. हमारा समाज विधवा / विधुर / तलाकशुदा वरिष्ठ नागरिकों को दोबारा से एक नया जीवनसाथी चुनने की इजाजत क्यों नहीं देता और जो समाज की धारणा के विपरीत जाकर ऐसा कर भी लेते हैं उनका मखौल उड़ाया जाता है. उन पर ‘चढ़ी जवानी बुढ्ढे नूं’ ‘बुड्ढा जवान हो गया’ ‘तीर कमान हो गया’ ‘बुड्ढी घोड़ी, लाल लगाम’ जैसी फब्तियां कसी जाती हैं.

गोरखपुर आइ-नेक्स्ट के संपादकीय प्रभारी अश्वनी पांडेय का पटना तबादला

उत्पीड़नात्मक हरकतों के लिए चर्चित रहे गोरखपुर आइनेक्स्ट के संपादकीय प्रभारी अश्वनी पांडेय का पटना तबादला कर दिया गया है। उनके कार्यकाल में दो सब एडिटर नौकरी छोड़कर चले गए थे। बाद में सीनियर रिपोर्टर अभिषेक सिंह का जमशेदपुर ट्रांसफर कर दिया गया। पांडेय की प्रताड़नात्मक रवैये को प्रबंधन ने गंभीरता से लिया। उनके जाने …

गोरखपुर आइनेक्स्ट में एक और विकेट गिरा

गोरखपुर आइनेक्स्ट में सब एडिटर रहे रासेख कुमार ने दैनिक भास्कर रेवाड़ी (हरियाणा) ज्वॉइन कर लिया है। इससे पहले सीनियर सब एडिटर रवि प्रकाश ने भी एडिटोरियल इंचार्ज अश्विनी पांडेय की प्रताड़ना से आजिज आकर संस्थान छोड़ दिया था। बताते हैं कि राकेश कुमार के जाने की वजह भी पांडेय का रवैया रहा है। उन्हें …

सहारा छोड़ रजनीश पहुंचे देहरादून ‘आइ-नेक्स्ट’

रजनीश तारा देहरादून आइ-नेक्स्ट के असिस्टेंट मैनेजर बनाए गए हैं। इससे पहले वह वर्ष 2009 से अब तक राष्ट्रीय सहारा देहरादून में रहे हैं। 

बरेली आई नेक्‍स्‍ट के कार्यालय में ही दो सीनियर मीडियाकर्मियों में पटका-पटकी

दैनिक जागरण के बच्चा अखबार आई नेक्‍स्‍ट बरेली में स्थितियां कंट्रोल के बाहर हो रही हैं। कम सैलरी और काम के बोझ के तले यहां का स्‍टाफ कुंठित हो गया है। गत दिनो यहां के दो वरिष्ठ मीडियाकर्मी ऑफिस में ही भिड़ गए। 

रवि प्रकाश आईनेक्स्ट गोरखपुर से इस्तीफा देकर लाइव इंडिया नोएडा पहुंचे

आईनेक्स्ट गोरखपुर के सीनियर सब इडिटर रवि प्रकाश त्रिपाठी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपनी नई पारी की शुरुआत नोएडा के लाइव इंडिया वेब पोर्टल से की है। 

‘आईनेक्स्ट’ की खबर पर पाठक ने संपादक को भेजी लानत और जमकर लगा दी फटकार

मंगलवार को दैनिक जागरण के ‘बच्चा अखबार’ आईनेक्स्ट ने तो हद ही कर दी। कल उत्तर प्रदेश के डीजीपी ए.के. जैन को एक्सटेंशन मिला। सभी अखबारों में बड़ी-बड़ी खबरें छपीं, लेकिन आईनैक्स्ट लखनऊ ने लिखा है कि आज़ादी के बाद ये पहले ऐसे डीजीपी हैं, जिन्हें एक्सटेंशन मिला है।

रवि प्रकाश का आई-नेक्स्ट से छूटा साथ, खोलेंगे आलोक सांवल की पोल

दैनिक जागरण के टेबलॉयड अख़बार आई नेक्स्ट से खबर है कि इसके झारखण्ड संपादक रवि प्रकाश अब अखबार से अलग हो गए हैं. रवि प्रकाश ने अपने फेसबुक वॉल पर इस बात का खुलासा करते हुए लिखा है- “सुनो दोस्तों, इस देश के एक सुयोग्य संपादक ने मुझ जैसे अयोग्य पत्रकार को नौकरी से निकाल दिया है। यह पुण्य काम उन्होंने पिछले गुरुवार को किया। अब आगे चलकर यह बताउंगा कि ऐसा उन्होंने क्यों किया।”

आलोक सांवल का मूड फिर बिगड़ा, मृदुल त्यागी को बाहर का रास्ता दिखाया

आई-नेक्स्ट में तीन महीने पहले चौथी बार इंट्री मारने वाले मृदुल त्यागी को एक बार फिर आलोक सांवल ने मूड खराब होने के कारण निकाल बाहर किया है. एक बार फिर से एसोसिएट एडिटर श्रमिष्ठा शर्मा को कंटेंट की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गई है. इस संबंध में जीएम पंकज पांडे ने मेल चलाकर पूरे ग्रुप को बताया है कि मृदुल को हटा दिया गया है, उनसे कोई संबंध न रखें. मृदुल त्यागी को इससे पहले भी तीन बार आई-नेक्स्ट से विभिन्न कारणों से बाहर का रास्ता दिखाया गया था.