माननीय सुप्रीमकोर्ट के दिशा निर्देश पर जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित त्रिसदस्यीय निरीक्षण समिति में पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला सदस्य और नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट की महाराष्ट्र महासचिव शीतल करदेकर ने मराठी दैनिक आपला वार्ताहार के कार्यकारी संपादक राजेंद्र चव्हाण के खिलाफ धमकी देने की लिखित शिकायत दादर के सहायक पुलिस आयुक्त के यहां दी है।
अपने शिकायती पत्र में महिला पत्रकार शीतल करदेंकर ने लिखा है कि उन्होंने माननीय सुप्रीमकोर्ट के दिशानिर्देश का पालन करते हुए श्री अम्बिका प्रिंटर्स एंड पब्लिकेशंस के प्रबंधन से मजीठिया वेजबोर्ड के तहत बकाया और वेतन वृद्धि के लिए 17(1) का क्लेम कामगार आयुक्त कार्यालय में लगाया है। वह खुद मराठी दैनिक वार्ताहार की कर्मचारी हैं। क्लेम की बात जैसे ही आपला वार्ताहार के संपादक राजेंद्र चव्हाण को पता चली तब से वे आये दिन कर्मचारियों को बुलाकर यह कहते हुए धमकी दे रहे हैं कि ”इस बाई की तो वॉट लगा दूंगा”। कर्मचारियों ने इसकी सूचना शीतल को गोपनीय तरीके से दे दी। दादर के सहायक पुलिस आयुक्त ने मामले की छानबीन की जिम्मेदारी दादर पुलिस को सौंप दी है और पुलिस फिलहाल इस मामले की छानबीन कर रही है।
आपको बता दें कि शीतल करदेकर ने वार्ताहार के संपादक राजेंद्र चव्हाण से खुद के जान का खतरा भी बताया है। शीतल के मुताबिक 2 दिसंबर 2016 को उन्होंने कामगार आयुक्त कार्यालय में 17 (1) का क्लेम लगाया है। 9 दिसंबर को कामगार विभाग की नोटिस प्रबंधन को मिली। इसी को लेकर राजेंद्र चव्हाण उनसे बदला लेना चाहते हैं। शीतल का आरोप है कि राजेंद्र चव्हाण नहीं चाहते कि श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के किसी कर्मचारी को जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मिले। शीतल ने शिकायती पत्र में ये भी आरोप लगाया है कि माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर विशाखा समिति के गठन को भी यहाँ गंभीरता से नहीं लिया गया। इस महिला पत्रकार ने शिकायती पत्र में लिखा है कि अगर उसके साथ कुछ भी गलत होता है तो इसके लिए वार्ताहार के कार्यकारी संपादक राजेंद्र चव्हाण को जिम्मेदार समझा जाए। फिलहाल शीतल करदेकर को मिली धमकी की पत्रकार जगत ने जमकर निंदा की है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
मुंबई
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