चारूल मलिक-
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम वो फिर नहीं आते ….वो फिर नहीं आते !! बहुत बहुत दुःख हुआ सिद्धार्थ शुक्ला के असमय जाने से और उतना ही दुःख हुआ मीडिया कवरेज को देखकर ! आज ऐसा लगा की टॉप पोजीशन के लिए या खुद को बेहतर साबित करने की दौड़ में हम इमोशंस को भूल गए है!
क्या सच में ऐसी कवरेज करने के लिए हम मजबूर है ? कृपया इसे work pressure बोलकर नज़र अंदाज़ न करें !
एक एक चैनल को देखा ..देखकर समझ में आया कि हम बोलते कुछ हैं लेकिन उसके मायने नहीं होते ..एंकर ने फील्ड पर जाकर चिल्ला चिल्ला कर माहौल ही बदल डाला! बोलने के लिए एंकर और साथ में फैक्ट्स बताने के लिए रिपोर्टर्स की फ़ौज..चैनल के 6 -8 रिपोर्टर्स crematorium के बाहर थे.
उन्होंने ठान लिया था कि जो भी एक्टर आएगा उसको घेर लेंगे ताकि कोई दूसरा चैनल उसे अपने फ्रेम में न खींच ले!
यह बोलना गलत नहीं होगा …दादागिरी पर उतारू !
किसी का दिल नहीं मान रहा on camera कुछ बोलने के लिए उसको भी बूम माइक लगाकर मजबूर करती चैनल्स की जंबो टीम !
मैं बिना चैनल का नाम लिए बस यही कहूँगी कि कृपया अपने आप को कंट्रोल में रखना सीखें! मौका देखकर बात करें! किसी के दुनिया छोड़ कर चले जाने से सच में दुखी है तो नार्मल रहकर भी अपनी बात रखी जा सकती है! और Protocol ..कोरोना काल- कोरोना काल बोल बोल कर खुद के चैनल से जो फौज बुलायी है उसपर भी ध्यान दें!
मैं मानती हूँ सबको कवरेज अच्छे से दिखानी चाहिए लेकिन बिना किसी को हर्ट किये ..बिना किसी को ज़बरदस्ती इंटरव्यू के लिए बाध्य करके ..बिना किसी को फालतू सवाल पूछकर, उनका रास्ता रोक कर!
Rules बनाए जाने ज़रूरी हैं मीडिया के लिए ऐसे कवरेज करने से पहले ! एक चैनल के 2-3 लोगो के अलावा भीड़ नहीं होनी चाहिए !! सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए की एंकर फील्ड पर है ..हमारे 10 रिपोर्टर होंगे ..हम कैसे भूल जाते है की किसी की शोक सभा की कवरेज है? क्यों चिल्ला चिल्ला कर बार बार एक ही बात दोहराई जाए?
कम से कम शोक सभा को शोक सभा रहने दीजिये ..मज़ाक मत बनाये !!
आप अपने चैनल को रिप्रेजेंट करते हुए सलीके से पेश आये ..यकीन मानिए कोई ज़बरदस्ती नहीं करेगा ..समझायें अपनी टीम लीडर्स को/ Boss को ! सब लोग ज़रूर समझेंगे ! ईमानदारी के साथ पहल तो कीजिए.
मैं खुद एक एंकर हूं और बड़े बड़े चैनल्स के साथ काम कर चुकी हूँ .मैं बहुत ज़िम्मेदारी के साथ यह बात कह रही हूँ कि खुद पर काबू रखिये…बस यही कहूँगी…समय देखो ..माहौल देखो ..लोगो के जज़्बात को समझो ..इंसान की तरह सोचो !!
PS – कई Channels की कवरेज balanced थी ! देखकर लगा चलो कुछ लोगों में आज भी इमोशंस बाकी है !! Let’s set a precedent and be graceful .
Jeelani khan Alig
September 4, 2021 at 12:37 pm
Trp k chakkar mein, khud ko boss ki nigah mein maqam pane n increment wa promotion k liye ye kuchh bhi kr skte hain kisi bhi hud tak ja skte hain…