Sumant Bhattacharya : क्या होता है Deepak Sharma होने का मतलब..कभी सोचा? मेरे तमाम मित्र दीपक शर्मा को नहीं जानते होंगे। मुझे यह महसूस करते हुए फख्र होता है कि मैं दीपक को जानता हूं। और दीपक भी मुझे जानते ही होंगे। ऐसा कह कर अपनी बेशर्मी को छिपा रहा हूं। दो दिन पहले दीपक से प्रेस क्लब में मुलाकात हुई तो मैंने दीपक को बधाई दी। दीपक ने उसी गर्मजोशी से बधाई कबूल की। फिर फेसबुक की बात हुई तो दीपक ने तपाक से मेरी ताजी पोस्ट को दोहरा दिया।
सच मानिए, जमीन फटती और मैं गड़ जाता, क्योंकि मैं दीपक से शिकायत कर रहा था कि तुम मेरी पोस्ट पर नहीं आते। दीपक को चेहरे से तो शायद ना जाने कितने हिंदुस्तानी जानते होंगे लेकिन उसके भीतर की बेचैनी को शायद ही किसी ने महसूस किया होगा। दीपक शर्मा, कुछ दिनों पहले तक आज तक के इंवेस्टिगेशन टीम के हेड रहे। उन्होंने आज तक छोड़ दिया। आज उनकी उस पोस्ट को शेयर करने का मन किया, जो उन्होने आजतक को विदा देने से पहले लिखा था। चंद शब्दों में इतनी बड़ी बात कहने का कलेजा कुछेक में ही होता है। मीडिया को कोसने वालों, तुम्हारा और हमारा नायक दीपक शर्मा है।
हमदर्दी ना जताना, हो सके तो सम्मान में अभिभावदन जरूर करना…पेश है Deepak Sharma की January 6 at 11:53pm को लिखी वो पोस्ट…
Deepak Sharma : 14-15 साल पहले जब दिल्ली आया था तो अकबर रोड तक नही जानता था.
आजतक ने रोड से उठाकर अकबर बना दिया.
आज फिर रोड पर आने का मन है.
जनता के बीच जीने का मन है.
केजरीवाल की पार्टी में नही जा रहा हूँ.
मोदी का ओएसडी भी नही बन रहा हूँ.
किसी चिट फंड चैनल का हेड भी नही.
लेकिन हाँ कुछ करना है. आप सब के लिए. सौ फीसदी इमानदारी के साथ. बस कुछ वक़्त दीजिये.
फिलहाल रोज़ यहाँ मुलाकात होती रहेगी.
शुक्रिया पुरी साहब.
शुक्रिया सुप्रिया.
(फिलहाल कुछ दिन आजतक में हूँ)
SALUTE DEEPAK BHAI
वरिष्ठ पत्रकार सुमंत भट्टाचार्या के फेसबुक वॉल से.