पिछले दिनों दैनिक भास्कर लुधियाना के खिलाफ और यहां कार्यरत कर्मचारी प्रीतपाल सिंह संधू के पक्ष में ट्रिब्यूनल कोर्ट द्वारा दिए फैसले में नया मोड़ आया है। सूत्रों के अनुसार जिस सुरजीत दादा के कारण कंपनी को इतनी फजीहत सहनी पड़ी है, उसे मैनेजमेंट ने इंदौर ऑफिस ट्रांसफर कर दिया है। वहां सुरजीत दादा को फिलहाल कोई बड़ा काम नहीं दिया गया। इससे पहले वह अपने आप को पंजाब का क्रिएटिव हेड मानकर लगभग दस साल से अपनी मनमानी चलाता रहा है। अपने भाईयों और रिश्तेदारों को दैनिक भास्कर में भर्ती करवाकर उन्हें मोटी तनख्वाहें दिलाईं।
सीनियर ग्राफिक डिजाइनर प्रीतपाल सिंह संधू का चार साल पहले प्रबंध को लिखा पत्र भी हमें मिला है जिसमें उन्होंने सुरजीत दादा की करतूत प्रबंधन को बताने की कोशिश की थी। लेकिन दादा प्रबंधन की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब रहा और प्रीतपाल जैसे कर्मचारियों को तंग करता रहा। सूत्रों के अनुसार सुरजीत दादा का इतनी देर बचने का कारण तब के स्टेट एडीटर कमलेश सिंह थे क्योंकि सुरजीत दादा खुद को उनका करीबी मानता था जिस कारण वह सुरजीत को बचाते रहे।
प्रीतपाल सिंह संधू द्वारा भास्कर के मैनेजिंग डायरेक्टर को लिखा गया पत्र पढ़ने के लिए अगले पेज पर जाने हेतु नीचे क्लिक करें….