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रिसेप्शनिस्ट ने डीबी कॉर्प की सहायक महाप्रबंधक को श्रम विभाग में तलब कराया

मुंबई : मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और एरियर मांगने पर डी बी कॉर्प के मुम्बई ऑफिस में कार्यरत महिला रिलेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण का ट्रांसफर सोलापुर कर दिया गया था। लतिका ने इस मामले की शिकायत श्रम आयुक्त कार्यालय मुम्बई में लिखित रूप से कर दी। लतिका की इस शिकायत पर श्रम आयुक्त कार्यालय की सरकारी कामगार अधिकारी निशा नागराले ने डी बी कॉर्प प्रबंधन को नोटिस भेजा।

<p>मुंबई : मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और एरियर मांगने पर डी बी कॉर्प के मुम्बई ऑफिस में कार्यरत महिला रिलेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण का ट्रांसफर सोलापुर कर दिया गया था। लतिका ने इस मामले की शिकायत श्रम आयुक्त कार्यालय मुम्बई में लिखित रूप से कर दी। लतिका की इस शिकायत पर श्रम आयुक्त कार्यालय की सरकारी कामगार अधिकारी निशा नागराले ने डी बी कॉर्प प्रबंधन को नोटिस भेजा।</p>

मुंबई : मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और एरियर मांगने पर डी बी कॉर्प के मुम्बई ऑफिस में कार्यरत महिला रिलेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण का ट्रांसफर सोलापुर कर दिया गया था। लतिका ने इस मामले की शिकायत श्रम आयुक्त कार्यालय मुम्बई में लिखित रूप से कर दी। लतिका की इस शिकायत पर श्रम आयुक्त कार्यालय की सरकारी कामगार अधिकारी निशा नागराले ने डी बी कॉर्प प्रबंधन को नोटिस भेजा।

लतिका के ट्रांसफर मामले पर इंडस्ट्रियल कोर्ट ने स्टे दे दिया और 17 अक्टूबर को इस मामले की फिर सुनवाई हुई। आदेश की कॉपी अभी तक नहीं मिली है। इसी बीच लतिका ने 17(1) के तहत क्लेम लगाने पर ट्रांसफर का आरोप लगाते हुए एक शिकायत श्रम आयुक्त कार्यालय मुम्बई शहर में कर दिया था। लतिका की शिकायत पर पहली सुनवाई में कार्मिक विभाग का एक कर्मचारी कंपनी के वकील के साथ आया। लतिका ने सुनवाई के दौरान साफ़ कह दिया कि मेरा ट्रांसफर डीबी कॉर्प की सहायक महाप्रबंधक (कार्मिक) श्रीमती अक्षता करनगुटकर जी के लिखित आदेश से हुआ है इसलिए निवेदन है कि उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाय।

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अक्षता करनगुटकर को सुनवाई के लिए हाजिर होने का आदेश दिया गया। यह महिला महाप्रबंधक शुक्रवार को दोपहर 12 बजे श्रम आयुक्त कार्यालय में वकील और अन्य कर्मचारियों के साथ पहुंची। इस दौरान लतिका ने अपनी तरफ से कामगार प्रतिनिधि के रूप में मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और मजीठिया क्रांति से जुड़े आर टी आई एक्टिविस्ट शशिकान्त सिंह को निवेदन कर बुलाया। सुनवाई शुरू हुई तो शशिकान्त सिंह ने तर्क के साथ कहा कि आज देश भर में सबसे ज्यादा 17 (1) के मामले डीबी कॉर्प के कर्मचारियों ने विभिन्न श्रम विभागों में किया है। ये कंपनी मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन मांगने वालों को प्रताड़ित कर रही है जो सुप्रीमकोर्ट के आदेश की अहवेलना है।

शशिकान्त सिंह ने कहा कि ये कंपनी बार बार मांगने के बावजूद अपना 2007 से 2010 तक की बैलेंस शीट और प्रमोशन लिस्ट नहीं देती है जिसकी कई कर्मचारियों ने लिखित शिकायत की है। शशिकान्त सिंह ने इस दौरान सुप्रीमकोर्ट के आदेश भी सरकारी कामगार अधिकारी को दिखाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गंभीरता से लेते हुए निशा नागराले ने लतिका का पूरा पक्ष नोटिंग सीट पर लिखा और डी बी कार्प की सहायक महाप्रबंधक से मौखिक रूप से पूछा कि जब आपको पता था कि इनका 17(1) का क्लेम लगा है फिर आपने किस आधार पर इनका ट्रांसफर किया। इस पर अक्षता करनगुटकर ने भी अपना तर्क रखा कि इस कर्मचारी ने मेल भेजकर ट्रांसफर की इच्छा जताई थी। सरकारी कामगार अधिकारी ने डी बी कॉर्प की इस महिला अधिकारी को अगली डेट 5 नवंबर का देते हुए कहा कि आप प्रूफ लेकर आइये। इस दौरान लतिका ने सहायक महाप्रबंधक पर अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया।

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