तीन साल पहले भी टीएमयू में एमबीबीएस छात्रा की संदिग्ध हालात में लाश मिली, रेप कर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई, तब परिजनों ने टीएमयू के चांसलर सुरेश जैन और पुत्र मनीष जैन के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई, मामले की सीबीआई जांच जारी
मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश के जंगलराज में फिर एक होनहार छात्रा की जान जाने की सूचना मिली है। मुरादाबाद में दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर स्थित तीर्थाकंर महावीर यूनिवर्सिटी (टीएमयू) में मेडिकल छात्रा दीक्षा अग्रवाल का शव टीएमयू परिसर के गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में लटका मिला। छात्रा की उम्र 22 साल है। पिता का नाम संतोष अग्रवाल है जो लालकोला पश्चिम बंगाल के निवासी हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार की सुबह लगभग नौ बजे विश्वविद्यालय प्रबंधन की तरफ से सूचना मिलते ही थाना पाकबडा पुलिस फॉरैसिंक जांच दल को लेकर मौके पर पहुंच गई।
घटनास्थल का मौका मुआयना कर छात्रा के शव को उतारते समय वीडियोग्राफी भी करायी गई। घटनास्थल से तमाम सबूत व जानकारी के दौरान एक कागज भी बरामद किया गया। कागज पर लिखाई अस्पष्ट है। शव को पोस्टमार्टम हाऊस तत्काल भेज दिया गया था। लेकिन शव के जांच पैनल में महिला चिकित्सक की उपलब्धता को लेकर उहापोह की स्थिति के चलते जांच शाम तीन बजे तक भी शुरू नहीं हो पायी थी। छात्रा के परिजनों को भी सूचना दे दी गई है। मृतका के परिजन अपनी मौजूदगी में शव की जांच के दौरान वीडियोग्राफी कराना चाहते हैं। समाचार लिखे जाने तक परिजन यहां नहीं पहुंच सके थे।
गौरतलब है कि सात जुलाई 2013 में फरिदाबाद हरियाणा निवासी एमबीबीएस छात्रा नीरज भडाना की संदिग्ध हालात में मौत की जांच सीबीआई कर रही है। चर्चित नीरज भडाना की मौत के आरोप में टीएमयू के चांसलर सुरेश जैन व मनीष जैन दोनों बाप बेटे समेत अन्य के खिलाफ नामजद रिपोर्ट छात्रा के परीजनों ने दर्ज कराई थी। नीरज भडाना की जांच रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या किये जाने का मामला सामने आया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी ने बताया कि छात्रा की मौत के तमाम सबूत व फॉरेंसिंक रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही घटना के बारे में बताया जा सकता है। मामला दर्ज कर कार्यवाही जारी है।
प्रकरण की खास बात यह है कि जब मीडिया को टीएमयू में छात्रा द्वारा सुसाइड की सूचना मिली और जब मीडिया के लोग यूनिवर्सिटी पहुँचे तो वहाँ के माहौल को देखकर ऐसा लगा जैसे वहाँ कुछ हुआ ही नहीं हो। वहाँ मौजूद छात्र छात्राओं में से किसी को छात्रा के मरने के बारे में जानकारी नहीं थी। सबने पूछे जाने पर अनभिज्ञता जताई। जब मीडिया को कहीं से गर्ल्स हास्टल में सुसाइड की सूचना मिली और वो वहां पहुंचे तो हास्टल के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने मीडिया को बाहर ही रोक दिया और कहने लगे की अंदर पुलिस ने किसी को भी जाने देने से मना किया है। जब मीडिया ने जोर जबरदस्ती की और हंगामा किया तब कहीं जाकर मीडिया को हास्टल में एंट्री दी गई।
रिपोर्ट : महिपाल सिंह