सौमित्र रॉय-
मित्रो, आपको बता दूं कि रूस और यूक्रेन की जंग अभी शुरू ही हुई है। ये आगे पूर्वी यूरोप तक फैल सकती है, क्योंकि रूस ने नाटो को अपनी सेनाएं 1997 से पहले की स्थिति में लाने की चेतावनी दी है।
अगर ऐसा हुआ तो यकीनन यह विश्व युद्ध की शक्ल ले सकता है और जिसका अंत परमाणु हमले से हो सकता है।
खैर, भारत और यूक्रेन के बीच 2.8 अरब डॉलर का व्यापार ठप हो चुका है। यूक्रेन के निर्यातक देशों में भारत पांचवे नंबर पर है। (टेबल देखें)

यूक्रेन से आयात होने वाले सामान में कृषि उत्पाद, मेटालर्जिकल प्रॉडक्ट्स, प्लास्टिक्स और पॉलीमर्स शामिल हैं। भारत यूक्रेन को दवा, मशीनरी, केमिकल्स, फूड प्रॉडक्ट्स आदि का निर्यात करता है।
भारत की कई कंपनियों के यूक्रेन में ऑफिस हैं। इनमें डॉ रेड्डीज लैब और सन ग्रुप, आदि शामिल हैं। साथ ही भारत की बड़ी दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने यूक्रेन में इंडियन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन इन यूक्रेन नाम से एक संस्था भी बनाई है।
यानी आर्थिक चोट के साथ वाणिज्यिक विमान सेवा और रक्षा क्षेत्र में भी भारत को नुकसान है।
मोदीजी जिस भारत को मजबूत बनाने की बात कर रहे हैं, उसकी विदेश नीति इस कदर असमंजस में है कि कोई उसकी नहीं सुनता।
बीते 8 साल के बीजेपी राज का यही सच है।