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हिंदुस्तान, मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह का सड़क हादसे में निधन

Sami Ahmad : भाई विजय सिंह कल रात सड़क हादसे में हमसे हमेशा के लिए जुदा हो गए। ज़िंदादिल इंसान। हौसला हमेशा साथ। जब मोतिहारी के ‘तास’ की बात निकलती फ़ौरन दावत देते, आइये ना भैया। मैं भी भैया ही कहता। लेकिन ऐसी खबर पर अब मैं चौंकता नहीं क्योंकि मुज़फ्फरपुर के साथ यह बदकिस्मती बहुत पुरानी हो गयी है। एक तो इस पेशे की मजबूरी है, देर रात लौटने की। जो बचे बस उनकी किस्मत है वरना अपने इलाके में कौन कब सड़क हादसे का शिकार हो जाए और किस पर कब बिजली का तार गिर जाए, कहा नहीं जा सकता। वैसे भी हमारे समाज में ऐसी मौतों को कभी गम्भीरता से नहीं लिया जाता।

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Sami Ahmad : भाई विजय सिंह कल रात सड़क हादसे में हमसे हमेशा के लिए जुदा हो गए। ज़िंदादिल इंसान। हौसला हमेशा साथ। जब मोतिहारी के ‘तास’ की बात निकलती फ़ौरन दावत देते, आइये ना भैया। मैं भी भैया ही कहता। लेकिन ऐसी खबर पर अब मैं चौंकता नहीं क्योंकि मुज़फ्फरपुर के साथ यह बदकिस्मती बहुत पुरानी हो गयी है। एक तो इस पेशे की मजबूरी है, देर रात लौटने की। जो बचे बस उनकी किस्मत है वरना अपने इलाके में कौन कब सड़क हादसे का शिकार हो जाए और किस पर कब बिजली का तार गिर जाए, कहा नहीं जा सकता। वैसे भी हमारे समाज में ऐसी मौतों को कभी गम्भीरता से नहीं लिया जाता।

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Ravi Prakash : यकीन नहीं हो रहा। दुखी हूं। पिछली बार जब हम मिले, आप कितने खुश थे। मोतिहारी से मुजफ्फरपुर की ट्रेन यात्रा हमारी आखिरी मुलाकात बन जाएगी, ऐसा अंदाजा नहीं था। आपसे हर मुलाकात प्रेरणा देती थी। आप कितने इनोवेटिव थे। अपडेट रहते थे। पिछली दफा भी हमनें खूब बातें की थीं। नयी योजनाओं पर। अफसोस, अब आपसे मुलाकात नहीं होगी। प्रभात खबर के सिलिगुड़ी संस्करण में रहते हुए आपने CPM के घोषणा पत्र में गड़बड़ी की बहुचर्चित स्टोरी की।

हिंदुस्तान में हाल ही में आपने नेपाल पर शानदार रिपोर्ट लिखी। दैनिक जागरण में रहते हुए भी आपकी कलम ने अपनी ठसक बनाए रखी। आपकी कई कहानियां हमारे जेहन में है। मोतिहारी मोह नहीं होता, तो आप हमारी तरह किसी दूसरे शहर में होते। और बेहतर जिंदगी जीते। आपको मोतिहारी से मुहब्बत थी। वरना, रोज सुबह ट्रेन से मुजफ्फरपुर आना और देर रात मोतिहारी वापस लौटना, हर किसी के वश की बात नहीं।

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आपको सिलिगुड़ी रास नहीं आया। मेरे जोर देने के बावजूद कई और शहरों के बेहतरीन आफर आपने नहीं स्वीकारे। आपका मोतिहारी प्रेम! Vijay भैया, आप रुला कर चले गए। आपकी इतनी यादें हैं कि किताब लिख दूं। ईश्वर आपकी आत्मा को शांति बख्शें और परिवार को इस दुख से उबरने की शक्ति। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। प्रणाम। सलाम। आप हमारी यादों में जिंदा रहेंगे। हमेशा।

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मोतिहारी से बाहर के मेरे दोस्त, जो विजय सिंह को नहीं जानते, उनके लिए- विजय सिंह चंपारण के वरिष्ठ पत्रकार थे। इन दिनों हिंदुस्तान अखबार के मुजफ्फरपुर संस्करण में वरिष्ठ पद पर थे। आज अल सुबह रात के करीब 1 बजे मुजफ्फरपुर में हुई एक सड़क दुर्घटना में उनका स्वर्गवास हो गया। इससे पूर्व वे प्रभात खबर, दैनिक जागरण, नवभारत टाइम्स और समाचार एजेंसी भाषा के साथ भी उल्लेखनीय पारियां खेल चुके थे।

समी अहमद और रवि प्रकाश की एफबी वॉल से.

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यूपी में भी सड़क हादसे में एक प्रतिभाशाली पत्रकार का निधन हो गया… पढ़ें पूरी खबर…

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