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सुख-दुख

किसी को यकीन नहीं हो रहा युवा पत्रकार राजुल निगम अब नहीं रहे

स्व. पत्रकार राजुल निगम की विभिन्न तस्वीरें…

सुल्तानपुर के पत्रकार जगत के महानायक थे राजुल निगम… महान व्यक्तित्व के धनी पत्रकार थे राहुल निगम। इन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य तो किया ही, पत्रकारिता की लाज बचाने के लिए अतुलनीय कार्य किया। सुल्तानपुर का पत्रकार जगत आज अपने एक महानायक राजुल निगम को खो कर एक खालीपन अधूरेपन अपूर्णता का एहसास कर रहा है। राजुल निगम जी न्यूज सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में कार्यरत रहे और अपने कार्यों की बदौलत समाज में अपनी एक प्रतिष्ठित जगह बनायी, साथ ही पत्रकारिता की शुचिता और पत्रकारों के सम्मान के लिए सदैव आगे बढ़कर लड़ाई लड़ी।

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सुल्तानपुर के पत्रकार जगत के महानायक थे राजुल निगम… महान व्यक्तित्व के धनी पत्रकार थे राहुल निगम। इन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य तो किया ही, पत्रकारिता की लाज बचाने के लिए अतुलनीय कार्य किया। सुल्तानपुर का पत्रकार जगत आज अपने एक महानायक राजुल निगम को खो कर एक खालीपन अधूरेपन अपूर्णता का एहसास कर रहा है। राजुल निगम जी न्यूज सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में कार्यरत रहे और अपने कार्यों की बदौलत समाज में अपनी एक प्रतिष्ठित जगह बनायी, साथ ही पत्रकारिता की शुचिता और पत्रकारों के सम्मान के लिए सदैव आगे बढ़कर लड़ाई लड़ी।

पत्रकार हित की लड़ाई में जब पत्रकार जे.डे. की हत्या के विरोध में धरना चल रहा था, उस समय छायाकार राज बहादुर यादव की पुलिस ने बर्बर पिटाई कर दी। इसके विरोध में राजुल निगम जी ने आगे बढ़कर सभी पत्रकारों को एकजुट कर पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर का घेराव किया और न्याय दिलाकर ही शान्त हुए। बहरहाल वह एक अलग बात थी कि राजुल निगम जी के इस आन्दोलन को किसी ने उनका निजी स्वार्थ बताकर भड़ास4मीडिया पर खबर चलवा दिया था, ‘‘सुल्तानपुर में अपना-अपना हित साधाने के लिए पत्रकार चला रहे आन्दोलन’’ शार्षक से।

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बाद में राजुल निगम ने अपने तार्किक पत्र के माध्यम से भड़ास4मीडिया के सम्पादक यशवंतजी को असलियत का आइना दिखाकर उनकी भूल का एहसास कराया था और अपना पत्र छापने के लिए प्रेरित किया। राजुल ने इस पत्र में लिखा- ‘‘यशवंत जी आपकी खुद की लड़ाई जो सिस्टम से चल रही है, कम से कम हम उसे निजी स्वार्थों की नहीं मान रहे हैं। अगर आपकी लड़ाई निजी स्वार्थों की है तो इस लड़ाई को भी आप उसी श्रेणी में मान सकते हैं।’’

किसी को यकीन नहीं हो रहा कि राजुल नहीं अब हमारे बीच नहीं रहे। राजुल निगम जी का व्यक्तित्व, कार्य, जुनून आज हमारे लिए प्रेरणादायक है। वे हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। उनका यशस्वी कृत्य पत्रकारिता जगत सदैव स्मरण रखेगा। पत्रकार जगत ने वास्तव में अपना एक महानायक खो दिया जिसकी भरपाई सुल्तानपुर व अमेठी के लिए फिलहाल संभव नहीं दिख रहा।

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सुरजीत यादव
पत्रकार
अमेठी
मो.- 9005909448
[email protected]

राजुल निगम की मृत्यु के कारणों को जानने के लिए नीचे क्लिक करें…

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