Vimal Kumar Interview part four
पत्रकारिता का अर्णव युग चल रहा है… सत्य बताने के लिए चीखना नहीं होता है… अर्णव का सेट एजेंटा था… वैदिक ने अर्णव को जमकर डांट पिलाई थी…
अर्णव पत्रकार नहीं थानेदार की तरह बात करते हैं… अर्णव का सारा भेद खुल गया है…
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