न्यूज एजेंसी यूएनआई से हाल में ही रिटायर हुए वरिष्ठ पत्रकार विमल कुमार का कहना है कि जनसत्ता अखबार में संपादक प्रभाष जोशी ने मंगलेश डबराल को रविवारीय परिशिष्ट प्रकाशित करने के लिए खुली छूट दे रखी थी.
विमल से बातचीत का ये सेकेंड पार्ट है.
इस बातचीत में उन्होंने साहित्य और पत्रकारिता के बीच के रिश्तों पर प्रकाश डाला है.
सुनें-
इंटरव्यू का पार्ट एक ये है-