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वॉयस ऑफ मूवमेंट लखनऊ संस्करण में कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला

लखनऊ। वॉयस ऑफ मूवमेंट लखनऊ संस्करण में कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। इससे कर्मचारियों को जीविका के लाले पड़े हैं। वहीं अखबार के मालिक प्रखर प्रताप सिंह कर्मचारियों को हर दिन हर सप्ताह गोली पर गोली टिका देते हैं। अखबार शुरु हुए मात्र चार साल होने को हैं, लेकिन किसी माह भी समय पर वेतन नहीं दिया जाता है। कर्मचारियों को हर माह वेतन के नाम पर टरका दिया जाता है और ज्यादा जोर दबाव पडऩे पर वेतन का चेक थमा दिया जाता है।

<p>लखनऊ। वॉयस ऑफ मूवमेंट लखनऊ संस्करण में कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। इससे कर्मचारियों को जीविका के लाले पड़े हैं। वहीं अखबार के मालिक प्रखर प्रताप सिंह कर्मचारियों को हर दिन हर सप्ताह गोली पर गोली टिका देते हैं। अखबार शुरु हुए मात्र चार साल होने को हैं, लेकिन किसी माह भी समय पर वेतन नहीं दिया जाता है। कर्मचारियों को हर माह वेतन के नाम पर टरका दिया जाता है और ज्यादा जोर दबाव पडऩे पर वेतन का चेक थमा दिया जाता है।</p>

लखनऊ। वॉयस ऑफ मूवमेंट लखनऊ संस्करण में कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। इससे कर्मचारियों को जीविका के लाले पड़े हैं। वहीं अखबार के मालिक प्रखर प्रताप सिंह कर्मचारियों को हर दिन हर सप्ताह गोली पर गोली टिका देते हैं। अखबार शुरु हुए मात्र चार साल होने को हैं, लेकिन किसी माह भी समय पर वेतन नहीं दिया जाता है। कर्मचारियों को हर माह वेतन के नाम पर टरका दिया जाता है और ज्यादा जोर दबाव पडऩे पर वेतन का चेक थमा दिया जाता है।

अखबार के मलिक प्रखर प्रताप सिंह वेतन अनियमितता होने पर हर बार अब तक पांच बार कर्मचारियों को चेक थमा चुके हैं कि फलां तारीख को कैश करा लेना, लेकिन तिथि आने के पहले ही गिड़गिड़ाने लगते हैं। कई कर्मचारियों ने चेक लगाए जो हर बार बाऊंस हो चुके हैं। इस बार भी सितंबर, अक्टूबर और नवंबर माह का वेतन नहीं दिया गया है। सिर्फ अखबार मालिक के लालीपाप वाले चेक थमाए गए हैं। कर्मचारियों को चेक दिए एक सप्ताह हो चुके हैं, हर रोज कर्मचारियों को चेक न लगाने की प्रखर प्रताप गुजारिश करते व अगले दिन वेतन देने का वादा करते और मुकर जाते हैं। 

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सूत्रों के मुताबिक प्रखर प्रताप सिंह के मामा कुलदीप सिंह सेंगर व अरविंद सिंह गोप समाजवादी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। मामा और अखबार के सहारे प्रखर प्रताप सिंह सत्ता में घुसपैठ बनाना चाहते हैं। कर्मचारियों को अपने मामाओं का हवाला देकर हर काम करा लेने का रुतबा दिखाता है। अपने अखबार के दम पर सरकारी मान्यता, सीएमआवास, एनेक्सी सहित तमाम विभागों के पास अपने व रिश्तेदारों के नाम बनवा लेता है।

अभी कुछ रोज पहले विधानसभा का पास बनवाने के लिए अपने रिपोर्टर पर नाजायज दबाव बनाया। जब अखबार मालिक के नाम पास नहीं बना तो अपने फोटोग्राफर की जगह अपना फोटो लगवाकर पास बनवा लिया। यह बात जब लखनऊ की मीडिया में उजागर हुई तो रिपोर्टर को नौकरी से निकाल दिया और उसका वेतन भी नहीं दिया। सूत्रों से पता चला है कि कर्मचारी मालिक को जिंदगी भर का मजा चखाने के मूड में है।

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लखनऊ से एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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0 Comments

  1. suraj

    December 4, 2014 at 10:06 am

    iske bavjood koi naukri choor ke nahi jaa raha..itna pareshaan hote to ab tak chale gaye hote…
    media me koi kissi ka saga nahi hota..to ye log kya mohabbat me prakhar kumar singh ke saath kaam kar rahe hain bina salary ke ???

  2. Mr. G

    December 16, 2014 at 7:18 am

    Pyaar Nahi Darr hai Paise maare jaane ka…or “Prakhar Singh se mohabbat…” Headline of the day!

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