मीडिया जगत में फजीहत झेल रहा दैनिक श्री टाइम्स न्यूज पेपर का प्रबंधन कर्मचारियों को वेतन देने में एक फिर अपने को असमर्थ बताते हुए एक हफ्ते का समय मांगा है। बताते चलें कि कर्मचारियों का अक्टूबर महीने से वेतन पेडिंग है। पैसा मांगने पर प्रबंधन द्वारा फटकार मिली और बगैर सूचित किए तानाशाही दिखाते हुए दफ्तर से बाहर कर दिया। तब कर्मचारियों ने श्रम विभाग में जाकर वेतन के लिए गुहार लगाई।
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द सी एक्सप्रेस के पत्रकारों और गैर-पत्रकारों को चार माह से तनख्वाह नहीं मिली, सेलरी चेक हो गए बाउंस
कभी आगरा में धमाकेदार लांचिंग के कारण प्रसिद्ध हुआ हिन्दी डेली द सी एक्सप्रेस में संकट पर संकट चल रहे हैं। पत्रकारों को पिछले चार माह से तनख्वाह नहीं मिली है। जो तनख्वाह की मांग करता है, उसका हिसाब करने की धमकी देते हुए इस्तीफा मांगा जाता है। जब इस्तीफा दे देता है, तो उससे कहा जाता है कि दस दिन में पूरा भुगतान हो जाएगा। वे दस दिन कभी नहीं आते हैं। तनख्यवाह न िमलने के कारण नौकरी छोड़कर गए एक दर्जन पत्रकारों और गैर पत्रकारों को अभी तक हिसाब नहीं हुआ है। वे चक्कर लगाकर और फोन करके थक चुके हैं।
नेशनल दुनिया जयपुर में सेलरी संकट, काम बंद करने की तैयारी
नेशनल दुनिया अखबार के सभी संस्करणों में वेतन का संकट खड़ा हो गया है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश और जयपुर में पत्रकारों और अन्य मीडिया कर्मियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश के संस्करणों में पहले से ही सेलरी कई-कई महीने देरी से मिल रही है. अब जयपुर संस्करण में भी यह समस्या शुरू हो गई है. जयपुर में नवंबर महीने की तनख्वाह अभी तक नहीं मिली है, इधर दिसंबर भी बीतने जा रहा है.
बंद होते न्यूज चैनलों और हजारों पत्रकारों की बेरोजगारी के मसले को प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा में उठाया
लोकसभा में दमोह से सांसद प्रह्लाद सिंह पटेल ने पिछले दिनों एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया. ये सवाल मीडिया जगत से जुड़ा था. प्रह्लाद सिंह पटेल ने उन न्यूज चैनलों का नाम लिया जो बंद हो गए. इनसे हजारों बेरोजगार पत्रकारों के परिवारों के सामने आए संकट का जिक्र किया. साथ ही इस पूरे मसले में कानून की लाचारी के बारे में बताया. प्रह्लाद सिंह पटेल का पूरा सवाल, पूरा संबोधन ये है….
जनसंदेश टाइम्स कर्मियों के उत्पीड़न मामले में मानवाधिकार आयोग ने दिया कार्रवाई का निर्देश
बनारस में जनसंदेश टाइम्स कर्मियों को वेतन नहीं दिये जाने और उत्पीड़न के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए संबंधित अथार्टी (प्रशासन) को कड़ी कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा है। प्रशासन को कृत कार्रवाई की सूचना शिकायतकर्ता को भी देने का निर्देश जारी किया गया है। महीनों से वेतन नहीं देने और उसके लिए आवाज उठाने पर प्रबंधन द्वारा प्रताडि़त किये जाने के संबंध में मिली शिकायत (172302/सीआर/2014) को गंभीरता से लेते हुए एक दिसंबर को राष्टृीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी आदेश में प्रशासन को इस संबंध में आठ सप्ताह के अंदर कार्रवाई कर रिपोर्ट देनी है।
सेलरी न मिलने से पाकिस्तानी पत्रकार के आत्महत्या करने पर दुख जताया
The Delhi Union of Journalists (DUJ) is concerned over the reported suicide of a Pakistani journalist a few days back owing to financial problems following non-payment of his salary for four months by the Royal TV management. The DUJ also expresses support and solidarity with the Pakistan Federal Union of Journalists (PFUJ) which held countrywide protests today.
वॉयस ऑफ मूवमेंट लखनऊ संस्करण में कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला
लखनऊ। वॉयस ऑफ मूवमेंट लखनऊ संस्करण में कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। इससे कर्मचारियों को जीविका के लाले पड़े हैं। वहीं अखबार के मालिक प्रखर प्रताप सिंह कर्मचारियों को हर दिन हर सप्ताह गोली पर गोली टिका देते हैं। अखबार शुरु हुए मात्र चार साल होने को हैं, लेकिन किसी माह भी समय पर वेतन नहीं दिया जाता है। कर्मचारियों को हर माह वेतन के नाम पर टरका दिया जाता है और ज्यादा जोर दबाव पडऩे पर वेतन का चेक थमा दिया जाता है।
‘प्रदेश टुडे’ की हालत खस्ता!
धूम-धड़ाके के साथ कुछ साल पहले भोपाल से शुरू हुए अखबार ‘प्रदेश टुडे’ की हालत इन दिनों खस्ता है। बताते हैं कि अखबार में काम करने वाले पत्रकारों और कर्मचारियों को दो-दो महीने से वेतन भी नहीं मिला! भोपाल ही नहीं जबलपुर, ग्वालियर संस्करणों और ब्यूरो दफ्तरों में भी यही हालत है। इसका असर अखबार के स्तर पर भी दिखाई दे रहा है। हर दो-तीन महीनों में नेताओं और अभिनेताओं को इकट्ठा करके बड़ा लवाजमा करने वाले ‘प्रदेश टुडे’ के मालिक अभी भी इवेंट तो कर रहे हैं, पर पत्रकारों को वेतन नहीं दे रहे!
यूएनआई में सेलरी संकट, हालत बेहद दयनीय, एक दिसंबर को धरना-प्रदर्शन
संपादक, भड़ास4मीडिया, महोदय, UNI की दुर्दशा से आप भली भांति वाकिफ होंगे. इस मीडिया संस्थान में कार्यरत पत्रकार और गैर-पत्रकार अत्यंत दयनीय स्थिति मैं हैं. विगत 14 महीने से तनख्वाह उन्हें नहीं दी गयी है. हर महीना सैलरी नहीं मिल रही. पत्रकारों का मनमाने तरीके से तबादला किया जा रहा है. वित्तीय संकट की स्थिति में स्थानान्तरण का बोझ पत्रकार सहन नहीं कर पा रहे हैं. उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गयी है. UNI में उर्दू के जानेमाने पत्रकार अलमगीर साहब की 8-9 जून को हुई मौत इसका जीता जागता उदाहरण है.
भास्कर न्यूज : दो महीने की सेलरी की जगह ये 5000 रुपये लो और काम चलाओ
: भास्कर न्यूज में मैनेजमेंट और कर्मचारियों में सेलरी के लिए जंग : सही कहते हैं लोग की मीडिया कभी किसी का सगा नहीं होता। इस लाईन में आप कंपनी के प्रति भरोसा दिखाते है लेकिन जब कंपनी ही भरोसा तोड़ दें और वो भी उन कर्मचारियों के लिए जो अपना काम पुरी लगन और ईमानदारी से करते हो। ऐसा ही कुछ भास्कर न्यूज में हुआ। हाल ही में भास्कर न्यूज नामक एक चैनल आया जिसने अपने आप को दैनिक भास्कर का सहयोगी बताया लेकिन अब धीर-धीरे सारे राज खुलने लगे। भास्कर न्यूज ना ही दैनिक भास्कर का हिस्सा है और ना ही अब इस चैनल के पास पैसा है कि वो अपने कर्मचारियों को सेलरी दे सकें।
जनसंदेश टाइम्स लखनऊ में छंटनी, बचे लोगों की सेलरी घटी, जीएम बोले- ”जाकर कहीं भीख मांग लो पर सेलरी मत मांगो”
जनसंदेश टाइम्स लखनऊ से 10 लोगों की छंटनी की गई है. ये सभी संपादकीय विभाग के हैं. जो लोग बच गए हैं उनकी सेलरी में 40 प्रतिशत की कमी कर दी गई है. ये सब कुछ अखबार के जीएम विनीत मौर्या के आदेश पर किया गया है. इसी अखबार से खबर है कि कुछ दिनों पहले डाक डेस्क पर कार्यरत उपेन्द्र राय ने जब जीएम विनीत मौर्या से अपने वेतन की बात की थी तो उस समय जीएम ने उन्हें ये कहते हुए अपने केबिन से निकाल दिया था कि ”जाओ कहीं सड़क पर जाकर भीख मांगो लेकिन मुझसे सेलरी मत मांगो”.
श्री टाईम्स, लखनऊ के 30 पत्रकारों का दिपावली में निकला दिवाला
: लखनऊ के सैकड़ों पत्रकारों को पड़े वेतन के लाले : लखनऊ। राजधानी लखनऊ में हिंदी अखबार श्री टाईम्स के पत्रकारों का दिपावली का दिवाला निकल गया है। यह श्री टाइम्स अखबार की ही हालत नहीं बल्कि श्री न्यूज चैनल की भी दुर्दशा है। पत्रकारों का पिछले तीन से चार माह तक की तनख्वाह बकाया है। मगर अफसोस की बात कि उन्हें दिपावली के शुभ अवसर पर भी उनकी खुशियों को प्रबंधन द्वारा फीका करने का काम किया गया है। श्री टाईम्स अखबार की हालत यह कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला ब्यूरो कार्यालय पर ताला लग गया है।
हेमलता अग्रवाल को मीडियाकर्मी दे रहे बददुवाएं, पैसा है नहीं तो चैनल काहें को ले आए?
कई लाला लोग ऐसे होते हैं जो केवल उगाही और साजिश के दम पर पैसा बटारने की ख्वाहिश रखते हैं और इसी मकड़जाल के सहारे अपना वेंचर आगे ला देते हैं. कुछ इन्हीं हालात में ‘भास्कर न्यूज‘ नामक चैनल आ रहा है जो आने को तो कई साल से आ रहा है लेकिन अभी तक टेस्ट सिगनल पर ही है. इस चैनल से खबर है कि यहां सेलरी संकट लगातार जारी है. इस चैनल में कार्यरत करीब सत्तर फीसदी लोगों को सेलरी नहीं मिली है.
पी7 न्यूज में हड़ताल, प्रसारण ठप, कई माह से सेलरी न मिलने के कारण लेबर कोर्ट गए कर्मी
पीएसीएल समूह की मीडिया कंपनी पर्ल मीडिया के न्यूज चैनल पी7 न्यूज से बड़ी खबर आ रही है कि यह चैनल मीडियाकर्मियों की हड़ताल के कारण बंद हो गया है. कई महीनों से सेलरी न मिलने के कारण चैनल का प्रसारण कर्मियों ने रोक दिया है. पी7 न्यूज चैनल में कार्यरत एक मीडियाकर्मी ने जानकारी दी कि पीएसीएल के चिटफंड के कारोबार पर सीबीआई, सेबी, इनकम टैक्स समेत कई विभागों के छापे व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण बुरा असर पड़ा है.