प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के नो-स्मोकिंग जोन में धुंआ उड़ाने वाली महुआ चटर्जी का वीडियो बनाना भड़ास संपादक यशवंत सिंह को महंगा पड़ गया। चुनाव जीतने के बाद महुआ ने अपने ही हस्ताक्षरों से भड़ास संपादक यशवन्त सिंह को इस ‘अपराध’ के लिए क्लब से निकाल बाहर किया।
ज्ञात हो कि नो स्मोकिंग जोन में सिगरेट पीने वाले को दंडित किए जाने की परंपरा प्रेस क्लब में रही है लेकिन आजकल यहां उल्टी गंगा बह रही है। जो आरोपी हैं, वे खुद जज बन कर नियम-कानून की बात करने वालों को दंडित कर रहे हैं। भड़ास सम्पादक यशवंत का कहना है कि ये प्रकरण प्रेस क्लब सदस्यों की आंख खोलने के लिए पर्याय है। क्लब में काफी समय से जो कुछ चल रहा है, वह दुखदायी है और लोकतांत्रिक मूल्यों में भरोसा करने वालों के लिए खासतौर पर झटका है।
यशवन्त ने अपनी सदस्यता बहाली के लिए कोई भी पहल न करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रेस क्लब की बेहतरी के लिए संघर्ष करने वालों का वे हमेशा साथ देते रहेंगे। यशवन्त कहते हैं- “मेरे लिए प्रेस क्लब का सदस्य रहना या न रहना मुख्य नहीं है, बड़ी बात है ग़लत के खिलाफ आवाज़ उठाना, जो आगे भी मैं करता रहूंगा, चाहें इसके लिए जो कीमत चुकानी पड़े।”
देखें टर्मिनेशन लेटर…. इसे उसी महुआ चटर्जी ने जारी किया है जिस पर नो स्मोकिंग जोन में धुँआ उड़ाने का आरोप है और इस हरकत को कैमरे में शूट करने के लिए यशवन्त को क्लब से निकाल दिया गया.

वैसे प्रेस क्लब से यशवन्त को निकाले जाने की तैयारी काफी पहले से थी क्योंकि वो क्लब की अराजकता के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रहे थे जो वहां के मठाधीशों को सख्त नापसंद था-
Comments on “प्रेस क्लब ऑफ इंडिया से वाकई निकाल दिए गए भड़ास संपादक यशवंत, पढ़ें पत्र”
जसवंत जी
जो हुआ वो बहुत बुरा हुआ, लेकिन इस घटना से ये साबित हो गया कि पत्रकारिता सिर्फ दलालो की है रह गई है, सच दिखाने वाले पत्रकारों का आजकल यही हाल होता है जो आपके साथ हुआ।
Yashwant ji apne aap Me pura club he, unhe kisi Club ki jaroorat Nahi. Yaha bhi saabit ho gaya ki media bhrast ho gaya.