खबर आ रही है कि नवीन जिंदल की तर्ज पर कोई वाड्रा भी चैनल ला रहे हैं. मीडियी की शतरंज में नवीन जिंदल तो सीधे मीडिया में कूदे थे लेकिन वाड्रा एक मोहरे को आगे रख कर आगे बढ. रहे हैं. खबर सही मानने की कई वजह बतायी जा रही हैं. कौन सी वजह सही है यह राबर्ट वाड्रा ही जानें लेकिन एक सबसे प्रमुख वजह पीसीआईएल और वाड्रा की कंपनियों के बीच कोई बड़ा लेन-देन बताया जा रहा है. पीसीआईएल की तरफ से किसी भी वाड्रा के नाम पर चुप्पी साधी हुई है. मीडिया और पॉलिटीशियंस में चल रही कानाफूसी के मुताबिक पीसीआईएल पर वाड्रा की रिएल इस्टेट कंपनी का कई सौ करोड़ वकाया है. जब से सेबी ने पीसीआईएल पर शिकंजा कसा है और लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का हिसाब-किताब मांगा है तब से वाड्रा की कंपनी पीसीआईएल से अपना पैसा वापस मांग रही है. दिल्ली के करीबी सूबों की सरकारों से त्रस्त वाड्रा के हाथ भी खिंचे-खिंचे चल रहे हैं. पीसीआईएल ने वाड्रा की कंपनी के सामने प्रस्ताव रखा कि न्यूज चैनल और उसकी संपत्तियों के अधिग्रहण के जरिए बकाया रकम का निपटारा कर लिया जाए. बताते हैं कि वाड्रा कि कंपनी ने कुछ शर्तों के साथ पीसीआईएल का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. वाड्रा अगर खुद सामने आकर यह सौदा करते तो उन्हें ढेर सारे किस्से-कहानियां शुरु हो जाने का डर था. इसलिए उन्होंने एक कांग्रेसी नेता को मोहरे की तरह आगे कर दिया. यह कांग्रेसी नेता वही बताए जाते हैं जो वाड्रा की पत्नी को बार-बार सक्रिय राजनीति में लाने के लिए टिटेहरी प्रयास करते रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि नवीन जिंदल की तरह इस पी 7 चैनल के इस नये प्रबंधन के निशाने पर भी कुछ मीडिया के दिग्गज और बड़े मीडिया हाउस ही रहने वाले हैं. अगर ये सारी कानाफूसियां सहीं है तो वाड्रा पर्दे के पीछे बैठ कर खेल करेंगे. मीडिया कर्मियों को अपनी उंगलियों पर नचाएंगे. विरोधियों के खिलाफ खबरें प्लांट करवाएंगे. एक-एक से चुन-चुन कर बदला लेंगे. हालांकि कानाफूसी करने वाले यह भी कहते हैं कि वाड्रा भले ही नवीन जिंदल से एक कदम आगे चलने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन हस्र उनका भी नवीन जिंदल और फोकस जैसा ही रहेगा. फोकस को री-लॉंच करने के बाद नवीन जिंदल को सामाजिक, राजनीतिक-आर्थिक या व्यक्तिगत स्तर पर भी कोई लाभ नहीं हुआ है. फोकस का फोकस डीफोकस होकर रह गया. कोल ब्लाक मामले में किरकिरी हो रही है. नवीन जिंदल हरियाणा के चुनाव में अपनी मां को भी फायदा नहीं दिला सके. मीडिया इंडस्ट्री में भी फोकस को आज तक न तो सम्मान दिला पाये और न टीआरपी में ही जगह हासिल कर पाये. मीडिया इंडस्ट्री में नवीन जिंदल की नाकामी की कहानी कहने वाले बताते हैं कि वाड्रा ने न्यूज चैनल में प्लानिंग की जिम्मेदारी किसी कनिष्का को सौंपी है. न्यूज कंटेट क्या होना चाहिए और उसका टेलिकास्ट टाइम क्या रहेगा. यह सब कनिष्का ही तय करेंगे लेकिन वाड्रा की तरह वो भी कभी सामने नहीं आएंगे. चैनल के संपादक और पत्रकार कठपुतली की तरह वैसा ही डांस करेंगे जैसा कनिष्का की मर्जी होगी. अब तो समय ही बताएगा कि ये सारी कानाफूसियां कितनी सही हैं और ऊंट किस करवट बैठने वाला है.
Comments on “अब वाड्रा के हंटर पर डांस करेंगे बड़का टीवी संपदक !!”
डांस तो हर चैनल में सभी कर्मचारी किसी ना किसी के हंडर पर करते ही हैं यशवंत जी..कुछ सामने आते हैं तो कुछ नहीं..देखते हैं इनका नया डांस किस प्रकार का होगा..
Kanishka yane vahi Kanishka Singh, ex-diplomat aur ex-governor SK Singh ke suputra aur Vadra ke sale RaGa ke karibi leftinent no. 1……