मध्यप्रदेश के प्रमुख अख़बारों का ध्यान अब पत्रकारिता पर कम बाजारबाजी पर ज्यादा रहने लगा है. इसलिए आवास और वाहन मेले तथा गरबा-डांडिया जैसे इवेंट खूब आयोजित किए जाने लगे हैं. इन विशुद्ध कारोबारी गतिविधियों के लिए अपने अखबारों में अपने ही आयोजन के बड़े-बड़े विज्ञापन छापे जा रहे हैं. इसके लिए मीडिया के रुतबे का भी खूब इस्तेमाल होता है पर खबरों में कटौती कर पाठकों और पत्रकारिता के साथ नाइंसाफी हो रही है.
दैनिक भास्कर ने एक महीने में कोलार और कटारा हिल्स पर दो प्रापर्टी एक्सपो आयोजित किए. उसका प्रतिद्वंदी होने का दावा करने के बावजूद उसके हर प्रयोग का अनुसरण करने वाला दैनिक पत्रिका ऑटो एक्सपो लेकर आया. इस मेले को प्रमोट करने के लिए चार पहिया गाड़ियाँ खरीदने के फायदे गिनाने वाली खबरों के जरिए लोगों को भरमाया गया. ये बिजनेस पेज के बजाए खबरों के पेज पर छापी गईं हैं. खबरों में कटौती कर एक्सपो का कभी दो पेज तो कभी एक पेज विज्ञापन अख़बार में प्रकाशित किया गया. इस प्रकार व्यापारिक हितों के लिए अख़बार का दुरूपयोग कर पाठकों के हितों की बलि दी जा रही है.
इन व्यापारिक मेलों की कामयाबी की खबरें बढ़ा चढ़ा कर छापी जाती हैं जिनका हकीकत से कोई वास्ता नहीं होता है. जैसे दैनिक भास्कर के दोनों प्रापर्टी एक्सपो के सफल होने के दावे खबरें छाप कर किए गए पर यह आंकड़ा नहीं दिया गया की कितने मकान बुक किये गए..? साफ़ है की ग्राहक अखबारों में छापी गईं खबरों के झांसे में नहीं आया और मकानों की बुकिंग निराशाजनक रही. तभी मेले ख़त्म होने पर आंकड़ा नहीं दिया गया, क्योंकि देते तो कामयाबी की पोल खुल जाती और फजीहत होती. अलबत्ता होशियार ग्राहक ने साईट विजिट की सुविधा का लाभ लेकर सैर सपाटा खूब किया..!
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