राजकमल प्रकाशन को रॉयल्टी संबंधी शिकायत पर लेखक आलोक श्रीवास्तव के ट्वीट पर प्रकाशन ने लेखक को जवाब देते हुए लिखा है कि, ‘प्रिय आलोक श्रीवास्तव, आप दुराग्रह में फँसे हुए हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी हमेशा पारदर्शी ढंग से निभाई है और आपकी किताब की बिक्री रूकवाने का काम भी बहुत पहले हमारे स्तर पर हो चुका है। 22 जून, 2023 का यह दस्तावेज आपको पहले भी सौंपा गया है, अगर आपको नहीं मिला है तो पुनः यहाँ प्रस्तुत है। कृपया देखें। अच्छा होगा, आप amazonIN से सीधे पता करें कि आपकी किताब कौन कैसे बेच रहा है। पता चल जाएगा। अगर इस मामले में हमारी कोई संलिप्तता पाई जाती है तो हम जवाबदेह होंगे। अन्यथा आप जो कर रहे हैं, वह हमें कानूनी कदम उठाने के लिए बाध्य करने वाला है। संवाद कीजिए। धमकी देने की मानसिकता ठीक नहीं है। निराधार बातें न सोचें, प्रसन्न रहें।’
राजकमल के इस जवाब को रिपोस्ट करते हुए आलोक श्रीवास्तव लिखते हैं, ‘राजकमल प्रकाशन बहुत विनम्रता पूर्वक आपसे पूछता हूँ, “आपके पुस्तक विक्रय आँकड़ों और उस पर लेखक को दी जाने वाली रॉयल्टी में अंतर पर आपको टोकने वाला, क्या मैं पहला लेखक हूँ ?” फिर दुराग्रह कैसा ? आपके ऐसे कार्य तो अब सर्वविदित हैं. आपने तो बड़े-बड़ों के साथ यह किया है फिर मैं क्या ही हूँ ? तभी तो बतौर लेखक ख़ामोशी से स्वयं को आपसे अलग कर लिया. क्योंकि विवाद मैं चाहता नहीं था और संवाद आप साफ़ कर नहीं रहे थे.
दूसरी बात आपके दस्तावेज और कार्यों में ज़मीन-आसमान का अंतर है, यह मैं पहले भी आपसे कह चुका हूँ. प्रकरण को सोशल मीडिया पर लाने के लिए आपके इन्हीं कार्यों ने मुझे विवश किया. बिक्री और रॉयल्टी के अंतर कई बार आपको बताए पर आपने कभी इसमें सुधार नहीं लिया. एक स्टेटमेंट से कथा संग्रह ‘आफ़रीन’ की रॉयल्टी ही ग़ायब थी जिसे आप एकाउंट की चूक बता गए. जब ‘आमीन’ की अंतिम 200+ कॉपी ख़रीद कर मैं डेढ़ साल पहले इस पुस्तक का सारा स्टॉक ही आपके पास से समाप्त करवा चुका, तो यह पुस्तक मार्केट में अब तक कैसे उपलब्ध है ? इसका मतलब साफ़ है, आपके आँकड़ों और आपूर्ति में अंतर है.’
राजकमल प्रकाशन के ट्वीट पर दो अन्य यूजर्स ने भी अपनी टिप्पणी में क्या कुछ लिखा है नीचे पढ़ें..
सचिन पांडेय-
राजकमल प्रकाशन आलोक भैया ने धमकी जैसा एक भी शब्द तो लिखा नही? आप किस लहजे में बात कर रहे हो भाई? लेखक है तभी तुम्हारी दुकान है वरना बंद करनी पड़ जायेगी. तुम लेखकों से हो लेखक तुमसे नही है समझ गए ना. थोड़ा लहजा संभाल के बात किया करिए मान्यवर।
अश्विनी यादव-
संलिप्तता पाई जाएगी तो आपके इस कमेंट में राजकमल द्वारा दी गई धमकी पर भी कानूनी कार्यवाही की जाए।