चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करना दैनिक जागरण के पत्रकार ओम वर्मा को महंगा पड़ गया. दैनिक जागरण ने उनसे इस्तीफा मांगा है. इस्तीफा देने से इंकार करने पर ओम वर्मा को जान से मारने की धमकियां दी गईं. इस पर वर्मा ने दिल्ली एनसीआर के समाचार संपादक किशोर झा को नामजद करते हुए दैनिक प्रबंधन पर केस ठोक दिया है.
ओम वर्मा एक महीने की छुट्टी के बाद दिल्ली आए तो उन्हें प्रबंधन ने बातचीत के लिए बुलाया. बातचीत के दौरान प्रबंधन ने आरोप लगाया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा का समर्थन किया है. इसलिए वह इस्तीफा दे दें. प्रबंधन ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने तय समय से अधिक छुट्टी ली. इसके जवाब में ओम वर्मा ने बताया कि छुट्टी बढ़ाने के लिए अपने रिपोर्टिंग इंचार्ज से बात कर ली थी और वे लगातार अपने कार्यालय में संपर्क में थे. उन्होंने तमाम व्हाट्सएप मैसेज भी दिखाए, जिसमें छुट्टी बढ़ाने की सूचना थी. लेकिन प्रबंधन ने इसे स्वीकार नहीं किया.
मामला नहीं सुलझा तो अंत में ओम वर्मा ने कंपनी से 51 लाख रुपए की रिकवरी मांगी. उन्होंने कहा कि मजीठिया वेज बोर्ड द्वारा लागू वेतनमान का एरियर का भुगतान उन्हें तुरंत कर दें. इस पर प्रबंधन आनाकानी करने लगा और कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया. अंत में ओम वर्मा ने लेबर कोर्ट में 51 लाख रुपए के रिकवरी डालते हुए केस ठोक दिया.
ओम वर्मा ने दैनिक जागरण प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि उन्हें पिछले 6 वर्षों से तंग किया जा रहा है और बार-बार इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा है लेकिन इन 6 वर्षों में दैनिक जागरण अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया तो अब मोदी को समर्थन करने पर एक बेतुका आरोप लगाकर इस्तीफा मांगा.
2014 में ओम वर्मा को काफी प्रताड़ित किया गया था. इस दौरान वह कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. 2015 में उनका 2 दिन में दो बार तबादला किया गया था. इन हालात और बाकी कर्मचारियों के हो रहे लगातार शोषण के बाद ओम वर्मा ने कर्मचारियों के आंदोलन का नेतृत्व किया और दैनिक जागरण में तालाबंदी करवा दी जिसका वीडियो वायरल हुआ था. देशभर के पत्रकारों ने पत्रकारों के हक के लिए लड़ाई लड़ने पर ओम वर्मा की सराहना की थी. इस समय ओम वर्मा चीफ सब एडिटर के पद पर जनरल डेस्क पर कार्यरत हैं. उनके पास राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय, देश-विदेश के पन्नों के लिए समाचारों का चयन, प्रस्तुतीकरण और संपादन की जिम्मेदारी है. वह यहां बहुत बड़ी भूमिका में हैं.