Dayanand Pandey : उत्तर प्रदेश की फासिस्ट सरकार ने आख़िर हमारे जुझारू और संघर्षशील मित्र अमिताभ ठाकुर को सस्पेंड कर दिया है। अब अमिताभ ठाकुर के विरोधियों की ईद अच्छी मनेगी। जातिवादी समाजवादी नेता ने सारा लोकतांत्रिक लोक लाज भस्म कर अमिताभ को सस्पेंड करवा दिया है अपने मुख्य मंत्री बेटे से रो गा कर। ईद मनाईये, दीवाली और होली मनाईये सरकार की इस फासिस्ट कार्रवाई पर और सेक्यूलरिज्म के खोखले गीत गाईए, और मस्त हो जाईए!
घबराईये नहीं मित्र अमिताभ ठाकुर, आप का यह संघर्ष अकारथ नहीं जाने वाला। यह लड़ाई दिये और तूफ़ान की भले है पर आप की लड़ाई का यह दिया हरगिज़ नहीं बुझेगा। हम और हमारे जैसे असंख्य लोग आप के साथ हैं। सैल्यूट यू अमिताभ जी! आप की जीत पक्की है। यह फासिस्ट सरकार ही नहीं है, लोकतंत्र के तमाम और दरवाज़े भी खुले हुए हैं। जग अभी जीता नहीं है, मैं अभी हारा नहीं हूं!
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कुछ ‘अति विद्वान’ हैं फ़ेसबुक पर जो निहायत ही नकचढ़े हैं। अपने कुतर्क की चाशनी में वह ऐसी वह ऐसी-ऐसी तथ्यहीन बातें करते हैं, एक से एक कुतर्क करते हैं कि पूछिए मत। करते ही रहते हैं। इनमें से ही एक हैं चंचल बीएचयू। आज वह अमिताभ ठाकुर के बारे में दो अद्भुत जानकारियां लेकर उपस्थित हुए हैं। एक यह कि अमिताभ कर्पूरी ठाकुर के नाती हैं। दूसरे, अमिताभ ठाकुर सीबीआई में रहे हैं। गुजरात मामलों की जांच की है और अमित शाह और मोदी के नजदीकी हैं। क्या चंचल जी, आप की ख्याति वैसे भी लंतरानी झोंकने की बहुत है, पर ऐसी ‘विद्वता’ भरी सूचनाएं कहां और किस कौवे के पीछे पड़ कर बटोरते फिरते हैं, बाग़ में पत्ते की तरह?
कभी तो नकचढ़ी की तरंग से उतर कर लिया कीजिए। लफ्फाजी की हद तक ही रहिए। जार्ज फर्नांडीज और राजेश खन्ना क्या कम पड़ जाते हैं आप की लंतरानी खातिर? उसी फैंटेसी में फंसे रहिए। क्योंकि तथ्य और तर्क सर्वदा आप के हाथ से फिसल जाते रहे हैं। काहे कुतर्क के नाबदान में उतर कर अपनी बुजुर्गियत हवन कर लेते हैं? करते ही रहते हैं। कर्पूरी ठाकुर जाति के नाऊ हैं और बिहार के सम्मानित मुख्यमंत्री रहे हैं। अमिताभ ठाकुर जाति से भूमिहार हैं और समानित आईपीएस हैं। और कि कभी भी सीबीआई या गुजरात में पोस्टिंग नहीं पाई है। वैसे आप के ईद मनाने के लिए यह खबर क्या कम है कि हमारे सम्मानित और जुझारू मित्र अमिताभ ठाकुर को आपके समाजवादी नेता ने सारी लोकतांत्रिक लोक लाज भस्म कर सस्पेंड करवा दिया है अपने मुख्य मंत्री बेटे से रो गा कर। ईद मनाईये, दीवाली और होली मनाईये सरकार की इस फासिस्ट कार्रवाई पर और सेक्यूलरिज्म के खोखले गीत गाईए, और मस्त हो जाईए!
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से.
Yashwant Singh : नेताजी यानि मुलायम सिंह यादव का क्यों कर रहे कांग्रेसी बड़े-बुजुर्ग बचाव… कई बड़े बुजुर्ग कांग्रेसी नेताओं विद्वानों को आपने देखा होगा कि अमिताभ ठाकुर मुलायम सिंह यादव टेप रेप प्रकरण में येन केन प्रकारेण तर्क वितर्क गढ़कर मुलायम सिंह यादव का बचाव कर रहे हैं और उन्हें भले मानुस साबित करने पर तुले हुए हैं. असल में मुलायम सिंह यादव उर्फ नेताजी ने उत्तर प्रदेश में सरकार चलाते हुए राजनीतिक लोगों को जमकर ओबलाइज किया हुआ है. बसपा को छोड़ दें तो बाकी सभी पार्टियों के नेताओं से नेताजी के नजदीकी व नितांत निजी किस्म के संबंध हैं. ये लोग मुश्किल वक्त में एक दूसरे के साथ खड़े होते रहते हैं. यही कारण है प्रमोद तिवारी से लेकर चंचल जी तक माननीय मुलायम सिंह यादव का बचाव कर रहे हैं और उलटे Amitabh Thakur पर ही कई किस्म के आरोप लगा रहे हैं.
अरे भाई, जब आप लोगों से कोई एक घोटाला खुलता नहीं, जब आप लोग विपक्ष की भूमिका निभाना जमाने से भूल चुके हैं तो काहें दूसरे पार्टी के नेता के पापों पर पैबंद लगाकर तुड़पन का काम कर रहे हैं. मुलायम सिंह ने सिर्फ नेताओं ही नहीं बल्कि पत्रकारों को भी खूब ओबलाइज किया हुआ है. विवेकाधीन कोष से जमकर पैसे लुटाने का मामला हो या आजकल प्लाट से लेकर लैपटाप, मकान तक गिफ्ट देने का मामला, पत्रकारों की तो बल्ले बल्ले है. कई पत्रकारों व मीडिया हाउसों की तो अंडरटेबल डील है. अच्छा अच्छा दिखाओ लिखो, तगड़ा तगड़ा अटैची बंडल ले जाओ. ऐसे महाभ्रष्ट दौर में अगर एक शख्स अपने व अपने परिवार के जीवन को दांव पर लगाकर सच बोल रहा है, लड़ रहा है, जूझ रहा है तो बजाय उसका सपोर्ट करने के, हम सत्ता में बैठे व ढेर सारे आरोपों कदाचारों से घिरे शख्सियतों का बचाव कर रहे हैं, यह शर्म से डूब मरने के लिए काफी है.
लेकिन क्या कहा जाए, कांग्रेसियों को शर्म मगर आती कहां है… आईबीएन7 पर अमिताभ-मुलायम टेप रेप मामले को लेकर हुई डिबेट में कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी के सदवचन सुनिए नेताजी के बारे में.. आपको लगेगा ही नहीं कि वो कांग्रेस पार्टी के नेता हैं… आखिर याराना जो पुराना है.. पुराने एहसान चुकाने के लिए एक दूसरे के मुश्किल वक्त में एक दूजे को बचाने के लिए आगे आना ही पड़ता है. और हां, ये गिरोह भाजपा संघ का डर भूत दिखाना बंद करिए. आप लोगों की इसी करनी के कारण गिरोह केंद्र में काबिज है और आप लोगों की इसी थेथरई नंगई के कारण राज्य दर राज्य फतह किए जा रहा है. असल अपराधी आप लोग हैं गिरोह को लाने का मौका-माहौल देने के लिए. कुशासन भ्रष्टाचार अराजकता के चरम से आजिज जनता आंख मूंद कर किसी को भी चुन लिया करती है, यह कई बार साबित हुआ है. डिबेट का लिंक ये है: https://www.youtube.com/watch?v=-OxIt-rqCGY
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अमिताभ-मुलायम प्रकरण को लेकर टाइम्स नाऊ चैनल पर हुई आधे घंटे की डिबेट में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता की हालत देख अगर आप हंस न दिए तो पैसे वापस. सपा को चाहिए कि वह फेसबुक पर सक्रिय अपने ऐसे युवा पेड एजेंटों को चैनलों पर पक्ष रखने का मौका दे जो पूर्व में क्रांतिकारी रहे हैं और आजकल पूरे के पूरे भ्रांतिकारी हो चुके हैं ताकि कम से कम वे पक्ष तो पूरी थेथरई व दबंगई से रख सकेंगे जिससे गलत होते हुए भी सपा सरकार के पक्ष में सही टाइप का माहौल निर्मित किया जा सके. सपा की तरफ से वकार साहब बिलकुले सच्चे किस्म के इंसान साबित होते रहे जो उतना ही बोलते रहे जितना उन्हें सिखा पढ़ा कर भेजा गया था.
हालांकि उन्हें जितना लाइन लेंथ देकर भेजा गया था, उसके चैनल पर प्रकटीकरण के बाद लोग मुंह दबाकर हंसने को ज्यादा मजबूर हुए, सोचने को कम. एक जगह वो कहते हैं- ”ये उत्तर प्रदेश है… ये उत्तर प्रदेश है… ये उत्तर प्रदेश है… यहां हर पुलिस जांच बिलकुल सही होती है, यहां सबको इंसाफ मिलता है, यहां कोई निराश नहीं होता.” माई गॉड, ऐसा झूठ तो भजपइये भी नहीं बोलते. दरअसल सही में फासीवाद और झूठ का राज्य देखना हो तो उत्तर प्रदेश सरकार एक टेस्ट केस से कम नहीं. अगर आपको अंग्रेजी समझने में दिक्कत नहीं तो टाइम्स नाऊ पर डिबेट के इस यूट्यूब वीडियो को जरूर देखें. इस डिबेट में Amitabh Thakur ने बहुत शानदार तरीके से और बेहद अनुशासित तरीके से अपनी टू द प्वाइंट बात रखी. लिंक ये है: https://www.youtube.com/watch?v=GeC7T21PsFQ
भ़ड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.
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