Vinay Maurya-
शासन प्रशासन को आईना दिखाने वाले पत्रकारों से यह सरकार कितनी चिढ़ी हुई है, इसकी बानगी वाराणसी में लंका के रहने वाले पत्रकार नितिन राय बन गये हैं.
एक दैनिक अखबार के पत्रकार विकास मिश्रा द्वारा बताया गया कि कल कुछ लोग नितिन राय के घर पर मारपीट के उद्देश्य चढ़ गये. नितिन राय से हाथापाई करने लगे. नितिन ने पुलिस को सूचना दी. मामला थाने पहुँचा. थाने में नितिन के विरोधियों के पक्ष से सत्तापक्ष के एक मंत्री और सत्ताधारी दल के नेताओं के दबाव में पीड़ित नितिन राय पर ही गम्भीर धाराओं में मुकदमा कर हवालात में डाल दिया गया है.
प्रत्यक्षदर्शी पत्रकार बता रहे हैं कि विपक्षी जब थाने पर था तो उसके गले पर कोई चोट का निशान नहीं था. मगर जब उसका मेडिकल कराकर लाया गया तो उसके गले पर स्क्रेच नजर आ रहा था.
सत्ता शासन प्रशासन या जनसरोकार से जुड़ा कोई मामला रहा हो नितिन राय उसे बड़ी बेबाकी से सामने लाते रहे हैं.
सोचिये, पत्रकारों को सच कहने की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है इस सरकार में. और लोग कहते हैं कि इस सरकार में लिखने बोलने की आज़ादी है।
अगर आज के दौर में पत्रकार सच दिखाता है तो साजिश का शिकार हो जाता है. नितिन राय इसके पहले की सरकारों शासन प्रशासन की कमियों पर बेबाकी से लिखते रहें हैं. मगर मज़ाल क्या है कि हमारी आवाज दबाने के लिए उस वक्त के सत्ताधारियों ने साजिश का सहारा लिया हो।
आई सपोर्ट मित्र नितिन राय… हम तुम्हारे साथ हैं।
विनय मौर्या
पत्रकार
वाराणसी