जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में माननीय सुप्रीमकोर्ट ने आज २४ अक्टुबर २०१७ को एक आदेश जारी कर देश भर की लेबर कोर्ट और इंडस्ट्ीयल कोर्ट को निर्देश दिया है कि १७(२) के मामलों का निस्तारण प्रार्थमिकता के आधार पर ६ माह के अंदर करें। माननीय सुप्रीमकोर्ट ने आज जारी अपने आदेश में उन मामलों पर कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की जो लेबर विभाग में चल रहे हैं। माननीय सुप्रीमकोर्ट के आज जारी आदेश का उन मीडियाकर्मियों ने स्वागत किया है जिनका मामला लेबरकोर्ट या इंडस्ट्रीयल कोर्ट में १७(२) के तहत चल रहा था। लेकिन उन लोगो को थोड़ी परेशानी होगी जिनका १७(१) का मामला लेबर विभाग में चल रहा है।
आज आये माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश का एडवोकेट उमेश शर्मा ने स्वागत किया है और कहा है कि ये आर्डर बहुत ही अच्छा है। उन्होंने कहा है कि इसमें सुप्रीमकोर्ट को १७ (१) को भी कवर करना चाहिये था। उन्होंने कहा है कि माननीय सुप्रीमकोर्ट के आज आये आर्डर से मीडियाकर्मियों की लड़ाई आसान हो गयी है मगर मीडियाकर्मियों को चाहिये कि अपनी लड़ाई अब होश में लड़ें। सबसे पहले कागजों पर अपनी कंपनी का क्लासिफिकेशन करें। आप जिस पद पर काम कर रहे हैं और आपका पोस्ट तथा ड्यूटी चार्ट जरूर अच्छी तरह से रखें।
उमेश शर्मा ने कहा है कि कर्मचारी अपनी ओर से लेबरकोर्ट या लेबर विभाग या इंडस्ट्रीयल कोर्ट में डेट ना लें। क्लेम करने वाले मीडियाकर्मी कागजातों से ही लड़ाई जीत सकते हैं, इसलिये ज्यादा से ज्यादा कागजाती द्स्तावेज अपने पास रखें। एडवोकेट उमेश शर्मा ने यह भी कहा है कि जिन लोगों ने १७(१) का क्लेम लगाया है, उन्हें इस आर्डर से निराश होने की जरूरत नहीं है। वे अपना मामला जल्द से जल्द १७(२) के तहत लेबर कोर्ट में ले जायें, जहां से उनकी जीत तय है।
सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश नवीन सिन्हा की खंडपीठ ने वेजबोर्ड के तहत वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा 17(2) के मामलों को निपटाने के लिए देश भर के लेबर कोर्टों/ट्रिब्यूनलों को श्रम विभाग द्वारा रेफरेंस करके भेजे गए रिकवरी के मामलों को छह माह के भीतर प्राथमिकता से निपटाने के आदेश जारी किए हैं। आज सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर यह आदेश अपलोड होते ही मजीठिया की लड़ाई लड़ रहे अखबार कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई। ज्ञात रहे कि हजारों अखबार कर्मी सात फरवरी 2014 को दिए गए सुप्रीम कार्ट के आदेशों के तहत मजीठिया वेजबोर्ड के तहत एरियर व वेतनमान की जंग लड़ रहे हैं। इनमें से सैकड़ों कर्मी अपनी नौकरी तक खो चुके हैं।
सुप्रीमकोर्ट का आर्डर ये है :
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
९३२२४११३३५
MADHAVAN S
October 24, 2017 at 3:38 pm
Thank you for reporting the much needed order.