व्यापम घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पत्रकार अक्षय सिंह की मौत के कारण पर से पर्दा उठाने के लिए उनकी मेडिकल रिपोर्ट को जांच के लिए भेजा है। केंद्रीय एजेंसी यह पता लगाना चाहती है कि कहीं अक्षय को पहले से तो कोई बीमारी नहीं थी, जो उनकी मौत का कारण बन सकती हो। अक्षय घोटाले से जुड़ी स्टोरी कवर कर रहे थे। मृत पत्रकार के परिवार वालों से सभी मेडिकल रिपोर्ट लेकर एक मेडिकल बोर्ड के पास भेज दी गई है। बोर्ड अक्षय की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता लगाएगा। अक्षय व्यापम घोटाले की आरोपी नम्रता दामोर की स्टोरी कवर कर रहे थे।
घोटाले से जुड़े जिन दर्जनों लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है, उनमें नम्रता भी शामिल है। नम्रता की लाश उज्जैन में रेल की पटरियों पर मिली थी। अक्षय इसी सिलसिले में अपने दो साथियों के साथ मृतक के परिजनों से बातचीत करने झाबुआ गए थे, जहां उनकी अचानक मौत हो गई। अक्षय घोटाले से जुड़े किन सूत्रों के पीछे थे, यह जानने के लिए जांच एजेंसी चैनल के ऑफिस स्टाफ से भी पूछताछ कर सकती है। हालांकि अभी मेडिकल विशेषज्ञों की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है और अक्षय के केस में प्रारंभिक छानबीन शुरू कर दी गई है। केंद्रीय एजेंसी दामोर की मौत की भी जांच कर रही है। इस सिलसिले में उन दो डॉक्टरों से भी पूछताछ संभव है, जिन्होंने विरोधाभासी पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी हैं।
चैनल के कर्मचारियों से भी यह पता लगाने के लिए पूछताछ की जा सकती है कि सिंह जिस समाचार को लेकर काम कर रहा था क्या उसे उसमें कोई सफलता हाथ लगी थी या नहीं। उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि जांच के किसी अन्य पहलू पर आगे बढ़ने से पूर्व सीबीआई चिकित्सा विशेषज्ञों की राय का इंतजार करेगी। डामोर मामले को लेकर काम कर रहा सिंह उसके माता पिता का साक्षात्कार करने के बाद उसके ही घर में बेहोश हो गया था और बाद में उसकी मौत हो गयी। डामोर का शव उज्जैन में रेल पटरियों पर पाया गया था जिसके बाद ये अटकलें लगायी गयी थीं कि उसकी मौत में कोई पेंच है क्योंकि वह कथित रूप से व्यापमं घोटाले की लाभार्थी थी। सिंह उन 35 लोगों में शामिल थे जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से घोटाले से संबद्ध थे और अलग अलग समय पर रहस्यमय परिस्थितियों में मौत का शिकार हुए थे।
एजेंसी सूत्रों ने बताया कि एजेंसी रहस्यमय मौतों से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है और सिंह के मामले में प्रारंभिक जांच पहले ही शुरू कर दी गयी है। डामोर के पिता मेहताब सिंह डामोर ने बताया था कि अक्षय और दो अन्य लोग चार जुलाई को दोपहर बाद मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में उनके घर आए थे। साक्षात्कार समाप्त होने के बाद एक व्यक्ति को कुछ कागजों की फोटोकापी करवाने के लिए भेजा गया। अक्षय डामोर के घर के बाहर इंतजार कर रहा था कि अचानक उसके मुंह से झाग निकलने लगे। उसे सिविल अस्पताल और बाद में एक निजी अस्पताल में ले जाया गया लेकिन डॉक्टर उसे होश में लाने में विफल रहे। वहां से उसे गुजरात के दाहोद में समीप के एक अन्य अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
सीबीआई डामोर की रहस्यमय मौत के मामले की भी जांच कर रही है और उसके संबंध में विरोधाभासी पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने वाले दो डाक्टरों से भी पूछताछ कर सकती है। डॉ. बीबी पुरोहित की पहली टीम ने रिपोर्ट में कहा था कि उसकी मौत ‘‘हिंसक रूप से दम घोंटे’’ जाने का परिणाम थी जो हत्या का संकेत देती है लेकिन मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. डीएस बारकुर की रिपोर्ट में इसे खारिज करते हुए कहा गया था कि यह एक हादसा था और संभवत: आत्महत्या क्योंकि पटरियों पर गिरने से पूर्व डामोर जिंदा थी।
उधर, पत्रकार अक्षयसिंह की विसरा रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। नेशनल फॉरेंसिक लैब दिल्ली ने दो दिन पहले झाबुआ एसपी को पत्र लिखा है। एसपी आबिद खान ने बताया कि पत्र के माध्यम से सूचना मिली थी कि रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, पुलिस दिल्ली आकर रिपोर्ट ले जाए। लेकिन मामला सीबीआई के पास होने से एसपी ने सीबीआई को लिखित में सूचना दे दी। विसरा रिपोर्ट सीबीआई नेशनल फारेंसिक लैब से लेगी। दिल्ली के पत्रकार अक्षयसिंह की मौत 4 जुलाई को जिले के मेघनगर में हो गई थी। वे यहां व्यापमं घोटाले की रिपोर्टिंग करने आए थे। एमजीएम कॉलेज इंदौर की छात्रा नम्रता डामोर की उज्जैन जिले के कायथा थाना क्षेत्र में हत्या हो गई थी। अक्षयसिंह यहां उसके परिवार से मिलने गए थे। नम्रता के घर पहुंचने के कुछ देर बाद अक्षयसिंह की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। बाद में गुजरात के दाहोद भी ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। अक्षय का पोस्टमार्टम दाहोद के सरकारी अस्पताल में किया गया था। मामला मेघनगर थाने में दर्ज हुआ और मेघनगर पुलिस विसरा जांच के लिए सैंपल दिल्ली की नेशनल फारेंसिक लैब लेकर गई थी।