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लाइव इंडिया छोड़ आईबीएन 7 जा रहे मुंबई के पत्रकार अभिषेक पाण्डेय

मुंबई। सात सालों की लम्बी पारी के बाद लाइव इंडिया मुंबई के प्रिंसिपल करेस्पांडेंट अभिषेक पाण्डेय ने संस्थान से इस्तीफा दे दिया है। खबर है कि अभिषेक पाण्डेय जल्द ही आइबीएन7 में रेजिडेंट एडिटर के तौर पर ज्वाइन कर रहे संदीप सोनवलकर की टीम का हिस्सा बनेंगे। मुंबई में आतंकी हमला और पुणे-मुंबई के बम धमाकों को कवर करने के साथ साथ अभिषेक गुजरात विधानसभा, लोकसभा चुनावों पर भी देश के अलग अलग हिस्सों से रिपोर्टिॆंग कर चुके हैं। उनके द्वारा की गई नाशिक में कुंभ की रिपोर्टिंग काफी पसंद की गई थी। उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर अपनी नई पारी के बारे में यूं लिखा है…

<p>मुंबई। सात सालों की लम्बी पारी के बाद लाइव इंडिया मुंबई के प्रिंसिपल करेस्पांडेंट अभिषेक पाण्डेय ने संस्थान से इस्तीफा दे दिया है। खबर है कि अभिषेक पाण्डेय जल्द ही आइबीएन7 में रेजिडेंट एडिटर के तौर पर ज्वाइन कर रहे संदीप सोनवलकर की टीम का हिस्सा बनेंगे। मुंबई में आतंकी हमला और पुणे-मुंबई के बम धमाकों को कवर करने के साथ साथ अभिषेक गुजरात विधानसभा, लोकसभा चुनावों पर भी देश के अलग अलग हिस्सों से रिपोर्टिॆंग कर चुके हैं। उनके द्वारा की गई नाशिक में कुंभ की रिपोर्टिंग काफी पसंद की गई थी। उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर अपनी नई पारी के बारे में यूं लिखा है...</p>

मुंबई। सात सालों की लम्बी पारी के बाद लाइव इंडिया मुंबई के प्रिंसिपल करेस्पांडेंट अभिषेक पाण्डेय ने संस्थान से इस्तीफा दे दिया है। खबर है कि अभिषेक पाण्डेय जल्द ही आइबीएन7 में रेजिडेंट एडिटर के तौर पर ज्वाइन कर रहे संदीप सोनवलकर की टीम का हिस्सा बनेंगे। मुंबई में आतंकी हमला और पुणे-मुंबई के बम धमाकों को कवर करने के साथ साथ अभिषेक गुजरात विधानसभा, लोकसभा चुनावों पर भी देश के अलग अलग हिस्सों से रिपोर्टिॆंग कर चुके हैं। उनके द्वारा की गई नाशिक में कुंभ की रिपोर्टिंग काफी पसंद की गई थी। उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर अपनी नई पारी के बारे में यूं लिखा है…

शुक्रिया लाइव इंडिया… 5 जनवरी 2010 यही वो तारिख है जब मैनें लाइव इंडिया ज्वाइन किया था .. समय के साथ साथ कई उतार चढाव देखे और झेले भी । समय कब गोली की रफ्तार से आगे निकल गया पता ही नहीं चला , और देखते ही देखते करीब ७ साल बीत गए । इस बीच कई वरिष्ठ पत्रकारों के साथ काम करने का मौका मिला और उनकी टीम का हिस्सा बना फिर चाहे रवि तिवारी जी, सचिन परब जी, मंदार परब जी, और फिर विजय शेखर जी । सभी का अनुभव , उनका काम करने का तरीका सोचने का तरीका और नजरिया सबसे कुछ ना कुछ मुझे सीखने का मौका मिला । किसी बडी खबर पर काम करने के लिए उकसाना हो, अच्छी खबर करने के बाद तारीफ हो या गलती करने पर डाटना हो सभी का अनुभव इस चैनल ने कराया । लाइव इंडिया का माहौल पिछले सात सालों से वैसा ही रहा जैसे पहले था क्योंकि सभी लोग एक दूसरे की भले ही न्यूज रुम में बैठकर खिचाई करें लेकिन बडी खबरो और व्यक्तिगत तौर पर कभी मन भेद नहीं आया… पछले ७ साल से लाइव इंडिया एक परिवार की तरह से रहा , यही वजह है कि जब आज मैं आखिरी बार न्युज रुम से निकला तो मेरे कदम खुद डगमगा गए .. लेकिन वक्त के साथ चलने की मजबूरी नें हमारा धैर्य बनाए रखा.. मैं आज दुखी भी हूं कि ७ साल जिस संस्था को दिया वहां से अलविदा कह रहा हूं लेकिन आप लोगों के सहयोंग के बिना आगे नहीं बढ सकता … सहयोग बनाए रखिएगा…  शुक्रिया लाइव इंडिया…

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