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सुख-दुख

एआई लो टेक नहीं बल्कि हाई टेक नौकरियों पर ज्यादा हमला कर रहा है!

नितिन त्रिपाठी-

अभी कुछ सप्ताह पूर्व अमेरिका में एफडीए ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर बनाये गये एक सिस्टम को डॉक्टर की मान्यता दी – यह सिस्टम बग़ैर किसी ह्यूमन हेल्प के ईसीजी रिपोर्ट चेक कर बता सकता है यदि कोई इशू हो. टीपिकली हृदय रोग विशेषज्ञ सबसे कॉस्टली और दिमाग़ दार माने जाते हैं – उनका काम भी AI बेस्ड सिस्टम करने लगे।

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इस समय पाँच सौ से ज्यादा एआई बेस्ड सिस्टम हैं जो एफडीए से मान्यता प्राप्त है प्रैक्टिस करने के लिए स्वतंत्र हैं. आँखों के डायबिटीज़ से लेकर स्किन कैंसर डिटेक्ट करने वाले मोबाइल ऐप तक में एआई ने मेडिसिन फ़ील्ड को हिला कर रख दिया है.

कुछ वर्षों पूर्व तक सामान्य धारणा थी कि लो टेक वर्क एआई रिप्लेस कर देगा. आज की तारीख़ में दिख रहा है कि एआई लो टेक नहीं बल्कि हाई टेक नौकरियों पर ज्यादा हमला कर रहा है.

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इन दिनों किसी भी हाई टेक गैदरिंग में जाइए एआई नौकरियाँ खा जाएगा सबसे कॉमन टॉपिक है. इस विषय पर मैंने एक वीडियो भी बनाया है. वीडियो आप मेरे यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं. चैनल का लिंक ये में है-

https://www.youtube.com/watch?v=FxSioTxPxsM&d=n&mibextid=ncKXMA

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