Nadeem : आदरणीय नेता जी, आप बेहद दुखी हैं। आपका दुखी होना लाजिमी भी है। मुझे मालूम है कि आप इतने दुखी नहीं होते अगर यह बगावत आपके बेटे की जगह किसी और ने की होती लेकिन जो कुछ हुआ उसके लिए कहीं न कहीं आप खुद जिम्मेदार है।
याद कीजिये 24 अक्टूबर 2016 का वो दिन, जिस बैठक का पूरे देश में लाइव टेलीकास्ट हो रहा था, उस बैठक में आपने बहुत ही हिकारत भरे अंदाज़ में अखिलेश से मुखातिब होते हुए कहा था, ‘अखिलेश तुम्हारी हैसियत क्या है? अमर सिंह हमारे भाई हैं, उन्होंने हमें कई बार बचाया।’
माफ़ कीजियेगा नेता जी, अखिलेश ने तो आपके उसी सवाल का जवाब भर दिया है।
उसने तो बस यह दिखाया है कि उसकी हैसियत यह है कि उसके एक बुलावे पर 224 में से 197 विधायक उसके साथ खड़े होते है, इनमे भी तमाम वो जिन्हें आपने टिकट देने का एलान कर रखा है। अखिलेश ने अगर अपनी हैसियत नहीं बताई होती तो उसे यह सवाल न जाने कितने और मौकों पर सुनना पड़ता।
हां, एक बात और, हो सकता है अमर सिंह जी ने तमाम मौकों पर आपको बचाया हो लेकिन आपके खून पसीने से खड़ी पार्टी को टूटने से नहीं बचा सके। नेता जी, पार्टी आपकी, बेटा आपका, मुझे आपके विवाद में पड़ने का कोई हक नही, लेकिन बस इतना भर कहना चाहता हूं अक्सर दम्भ की परिणित ऐसी ही होती है।
आपका एक प्रशंसक
नवभारत टाइम्स अखबार में वरिष्ठ पद पर कार्यरत पत्रकार नदीम की एफबी वॉल से.
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अखिलेश के पावरफुर होने से किन्नर खुश https://www.youtube.com/watch?v=Yafh-jUHW8k
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