महामहिम की शाही ट्रेन जब सनसनाती हुई कानपुर पहुंची, उस दरम्यान उसने एक बलि ले ली थी. मीडिया न होता तो एक अभिजात्य और उद्यमी महिला की मौत जाया चली जाती. पर शुक्र है, कानपुर में अमर उजाला है. इस अखबार ने बिना डरे बिना दबे पूरे घटनाक्रम को कानपुर की जनता को बताया. शासन प्रशासन को आइना दिखाया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ट्रेन के आने के वक्त रेल पटरी के ठीक उपर सड़क पर ट्रैफिक रोक दिया गया. आदेश सख्त थे. किसी को किसी भी हाल में तब तक न आने जाने देना था जब तक राष्ट्रपति की ट्रेन न गुजर जाए.
इसी दौरान शहर की एक उद्यमी महिला वंदना मिश्रा की तबीयत बिगड़ी और उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल के लिए ले जाया जाने लगा. राष्ट्रपति के नाम पर लगाए गए जाम में एंबुलेंस के फंसने से पूरे 45 मिनट तक ये महिला वहीं तड़पती रही. थोड़ी-सी डाक्टरी मदद मिलने की हसरत लिए वंदना ने अंतत: दम तोड़ दिया.
अमर उजाला की खबर से महामहिम समेत पूरे जिले का शासन प्रशासन हिल गया.
ताजी सूचना ये है कि राष्ट्रपति की ट्रेन वापसी के लिए चली तो रेल पटरी के ठीक उपर वाले सड़क पर ट्रैफिक नहीं रोका गया. सामान्य जनजीवन चलता रहा.
अमर उजाला की खबर के बाद पुलिस प्रशासन ने अपनी गल्ती दुरुस्त की.
देखें अखबार में छपी खबर-
कानपुर के वरिष्ठ पत्रकार शैलेश अवस्थी ने जानकारी दी कि एक बार महात्मा गांधी कानपुर आए. गांधीजी के स्वागत जुलूस के दौरान ट्रैफिक में फंसने पर एक व्यक्ति अब्दुल हफीज की मौत हो गई. गांधी जी इतने विचलित हुए कि उन्होंने सारे स्वागत कार्यक्रम रद्द करवा दिया और खुद अब्दील हफीज के घर पहुंच गए. तब वो दौर राष्ट्रपिता का था. आज का दौर राष्ट्रपति का है.
शैलेश अवस्थी की इस पूरी बात को भी अमर उजाला ने अखबार और वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रकाशित किया है. देखें-पढ़ें :
पूरे प्रकरण को समझने के लिए इन्हें भी पढ़ें-