Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

अंबानी-अदानी से क्या सौदा हुआ है, के जवाब में राहुल गांधी ने पूछा, घबरा गये क्या?

आज के अखबारों में यह शीर्षक नहीं है और यही हेडलाइन मैनेजमेंट है – आरोप लगा दिया, प्रचारित हो गया, जवाब है ही नहीं या देना ही नहीं है। वैसे अंबानी-अडानी का नाम इस तरह कांग्रेस को पैसे देने के लिए लेना साधारण नहीं है और इसके कई मायने हैं। काश मीडिया इसकी चर्चा करता पर अंबानी-अडानी का मीडिया इसपर क्या चर्चा करेगा और जब वो नहीं करेगा तो बाकी को क्या पड़ी है। इसलिए, आइये आज देंखे कि मोदी के आरोप को किसने कितना महत्व दिया है और राहुल गांधी के जवाब के किस हिस्से को कितनी जगह मिली है।     

संजय कुमार सिंह

आइये आज देखें कि प्रधानमंत्री के अंबानी-अदानी बम और उसके जवाब को अखबारों ने कैसे प्रस्तुत किया है और इसके लिए किन खबरों को कम महत्व मिला है। इसमें बंगाल के राज्यपाल और प्रज्वल रेवन्ना के लिए वोट मांगने का मामला भी है। मतदान वाले दिन यह खबर जरूर छपी कि उसे सजा होनी चाहिये लेकिन उसके बाद से मामला फिर ठंडे बस्ते में है। आज एक मामला दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में रिश्वतखोरी के पर्दाफाश का भी है। जो नहीं जानते हैं वे इसे दिल्ली सरकार का मामला समझेंगे पर लोगों को पता है कि यह केंद्र सरकार का अस्पताल है। अखबारों ने बताने की जरूरत नहीं समझी है। पहले चुनाव के समय ऐसी कार्रवाई या खबरें याद नहीं हैं अब सरकारी ‘कार्रवाई’ भी हेडलाइन मैनेजमेंट हो सकती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार अंबानी-अदानी का नाम लेकर कांग्रेस पर हमला किया है। राहुल गांधी ने जवाब दिया है और पूछा है, घबरा गए क्या? आज के ज्यादातर अखबारों ने प्रधानमंत्री का आरोप तो छापा है पर राहुल गांधी का यह सवाल नहीं है कि, घबरा गए क्या? बीबीसी की खबर का यह शीर्षक है। देश में मुख्य धारा की मीडिया में जो हेडलाइन मैनेजमेंट चल रहा है उसमें प्रधानमंत्री का आरोप और अखबारों में उसका प्रचार ही – कांग्रेस को अपमानित और बदनाम करने का तरीका है। हेडलाइन मैनेजमेंट का ही असर है प्रधानमंत्री के कहे का फैक्टचेक हो रहा है और पहली नजर में लोग जानते हैं कि वे गलतबयानी कर रहे हैं। मैं ऐसा पैसे लेने-देने और मोदी के आरोप के बारे में नहीं कह रहा हूं पर यह आरोप तो गलत ही है कि राहुल गांधी ने अदानी अंबानी का नाम लेना बंद कर दिया है।

प्रधानमंत्री के भाषण के बाद कल ही तारीखवार राहुल गांधी के वीडियो सार्वजनिक किये गये जिसमें बताया गया है कि वे लगातार अंबानी-अडानी का नाम ले रहे हैं। इसके बावजूद अन्य अखबारों के साथ अमर उजाला में आज उपशीर्षक है, पांच साल तक गालियां दीं जो अचानक बंद हो गईं मतलब कोई न कोई चोरी का माल टेम्पो भर-भर के पाया है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि वे अपने अनुभव से ऐसा कह रहे हैं और यह भी कि ईडी से जांच करा लें। सब कुछ शीर्षक में नहीं आ सकता है और शीर्षक में क्या हो यही हेडलाइन मैनेजमेंट है। उदाहरण के लिए, हिन्दी के मेरे दोनों अखबारों में आज बॉटम एक ही है। अमर उजाला में इसका शीर्षक है, देश की आबादी में हिन्दू 8 फीसदी घटे, अल्पसंख्यक बढ़े। नवोदय टाइम्स का शीर्षक है, 7.8 फीसद हिन्दू घटे, मुस्लिम 5 फीसद बढ़े। अमर उजाला की खबर ब्यूरो की है और नवोदय टाइम्स की एजेंसी की। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

खबर की चर्चा करने से पहले याद दिला दूं और आप जानते भी हैं कि देश में जनगणना 10 साल में एक बार होती रही है। 2011 में हुई थी 2021 में  कोविड के कारण नहीं हो पाई। ऐसे में जनगणना से संबंधित ऐसी खबरें अटकल ही होंगी और यह अटकल 2015  की स्थिति पर है यानी लगभग नौ साल बाद। 2011 की जनगणना पर क्यों नहीं जबकि यह एक जायज कारण हो सकता था। सरकार जब चुनाव जीतने के लिए हिन्दू मुसलमान करती है, प्रधानमंत्री खुलेआम कर रहे हैं चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस तक नहीं दिया है और पार्टी को दिया है तो पार्टी ने जवाब देने के लिए समय मांग लिया और प्रधानमंत्री ‘वीर तुम बढ़े चलो’ की तरह आरोप लगाये जा रहे हैं तो ऐसे समय में ऐसी खबर छापना हेडलाइन मैनेजमेंट के सरकारी प्रयास को प्रचार देना और पंख लगाना है। वैसे भी, जब यह आरोप सार्वजनिक है कि देश के हालात ऐसे हैं कि बहुत सारे लोग विदेश चले गये हैं तो जाने वाले कौन हैं, क्यों गये भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। हालांकि आबादी घटने के कई कारण होंगे और देश छोड़कर जाने वालों की संख्या इसमें बहुत कम होगी। 

इसके बावजूद अमर उजाला में जो खबर छपी है वह बताती है कि 1950 से 2015 के दौरान जनसंख्या में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 43 फीसदी बढ़ी है। बाकी के नौ साल अगर महत्वपूर्ण नहीं हैं तो यह जानकारी अभी क्यों? 4 जून के बाद क्यों नहीं? यह हेडलाइन मैनेजमेंट नहीं है? जो भी हो, खबर बताती है कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्ययन में यह बात सामने आई है। जाहिर है यह खबर प्रधानमंत्री कार्यालय का प्रयास है। इसे सामान्य खबर का रूप देने के लिए साथ में पाकिस्तान, बांग्लादेश में बहुसंख्यक बढ़े भी है। नवोदय टाइम्स में इसका शीर्षक है, पड़ोसी देशों में घटे हिन्दू। इस खबर के आंकड़े भले ही सरकारी है और यह एजेंसी तथा ब्यूरो की खबर है लेकिन आंकड़ों की हालत अखबारों में यह होती है कि अमर उजाला के अनुसार एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 उड़ानें रद्द हुई हैं और नवोदय टाइम्स में यह संख्या 90 है। यानी 10 प्रतिशत का अंतर तो 100 तक की गिनती में हैं। करोड़ों की गिनती में अगर 8 और 5 फीसदी बढ़ या घट गये तो वह कितना पक्का है और कितना महत्वपूर्ण है? हालांकि, भाजपा इसे मुदा बनाने की कोशिश में है।  

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन खबरों को यह महत्व तब मिला है जब आज ही खबर है कि हरियाणा की भाजपा सरकार के पूर्व सहयोगियों ने कांग्रेस से सरकार गिराने की अपील की है। राज्य में यह संकट मंगलवार को तब शुरू हुआ जब तीन स्वतंत्र विधायकों ने कांग्रेस का समर्थन करने की घोषणा की। यह खबर आज हिन्दुस्तान टाइम्स और द हिन्दू में लीड है और इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि राज्य विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने वाला है औऱ चुनाव अक्तूबर-नवंबर में होने हैं। यही नहीं, लोकसभा चुनाव चल ही रहा है और 25 मई को राज्य की सभी 10 सीट के लिए मतदान है। इस समय चुनाव प्रचार चल रहा होगा। ऐसे समय में यह खबर अगर पहले पन्ने पर नहीं छपी है और हिन्दू आबादी घटने की खबर छप रही है तो आप समझ सकते हैं कि हेडलाइन और मीडिया मैनेजमेंट कितना जबरस्त काम कर रहा है। दि हिन्दू की लीड का शीर्षक है, जेजेपी ने हरियाणा की भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन करने की पेशकश की।

ऐसे समय में आज नवोदय टाइम्स की लीड का शीर्षक है, सैम की टिप्पणी से शेम-शेम। फ्लैग शीर्षक है, कहा था – पूर्व के लोग चीनी और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखते हैं। उपशीर्षक है, बवाल बढ़ने पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा। इस खबर के साथ हाईलाइट की हुई  एक खबर का शीर्षक है, “त्वचा के रंग को लेकर अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे : मोदी”। अमर उजाला में भी यह खबर लीड है। शीर्षक है, नस्ली टिप्पणी पर पित्रोदा से कांग्रेस ने लिया इस्तीफा। उपशीर्षक है, ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष थे सैम, प्रधानमंत्री मोदी के आक्रामक तेवर के बाद कांग्रेस ने पहले किया बयान से किनारा। खबर के साथ हाईलाइट किया हुआ अंश है, मोदी बोले – देशवासियों को दी गाली, मुझे गुस्सा आ रहा है। अब प्रधानमंत्री को गुस्सा आयेगा तो कुछ ना कुछ होगा ही, खबर भी छपेगी ही। पर मुद्दा यह है कि पित्रोदा भारत की विविधता पर बोल रहे थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, इसी में उन्होंने कहा था कि पूर्वोत्तर के लोग चीनी जैसे होते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे, उत्तर के लोग संभवतः गोरे और दक्षिण के लोग अफ्रीकी जैसे दिखते हैं। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा था कि इसका बहुत मतलब नहीं है। हम सब भाई बहन हैं। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत या गुस्सा आने वाली बात है। पर चुनाव के समय यह भी देखना होता है कि किससे वोट मिलेंगे और किससे जीतता हुआ दिखा जा सकता है। अखबारों को पूरी बात बतानी चाहिये थी पर हिन्दी अखबारों का शीर्षक मैंने बता दिया और इंडियन एक्सप्रेस की खबर की चर्चा से आप समझ जायेंगे कि इसमें हेडलाइन मैनेजमेंट कितना है या है कि नहीं और है तो कहां। मुझे लगता है कि सैम पित्रोदा राहुल गांधी की मदद कर रहे थे और मोदी के लिए यह जरूरी हो गया था कि उन्हें राहुल गांधी से अलग किया जाये। कम से कम सार्वजनिक तौर पर। इसीलिए, इनहेरीटेंस टैक्स को मुद्दा बनाया गया और उसमें गच्चा खाने के बाद भी मामले को तब तक खींचा गया जब तक दूसरा नहीं मिल गया।        

एक दूसरे के पूरक होने और उससे भाजपा को हो सकने वाले नुकसान की बात करूं तो आज इंडियन एक्स्रेस में एक खबर है, हाथ ने झाड़ू उठा लिया है : मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ में कांग्रेस – आप के लिए पिच बनाया। कहने की जरूरत नहीं है कि यह हेडलाइन मैनेजमेंट वाली खबर नहीं है इसलिए दूसरे अखबारों में पहले पन्ने पर नहीं है। लेकिन मोदी की गारंटी के प्रचार के बीच खबर यह भी है कि एस्ट्राजेनेका ने अपने कोविड वैक्सीन को बाजार से वापस मंगा लिया है। इससे संबंधित खबर यह भी थी कि वैक्सीन सर्टिफिकेट से फोटो हटा ली गई है। पर वह भी नहीं दिखी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

द हिन्दू में आज एक और खबर है जो दूसरे अखबारों में नहीं दिखी। इसका शीर्षक है सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने माना कि सीबीआई को राज्यों में जांच के लिए वही भेजती है। अखबार ने इस खबर के साथ एक भवने के सामने कड़े सुरक्षा बलों की तस्वीर छापी है। इसका कैप्शन है, पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर में पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के दफ्तर की जांच सीबीआई कर रही है और बाहर सुरक्षा बल नजर रख रहे हैं। अदालत पश्चिम बंगाल सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें केंद्र सरकर पर आरोप लगाया गया है कि राज्य के क्षेत्राधिकार में होने वाली घटनाओं के लिए केंद्र सरकार एकतरफा ढंग से सीबीआई को जांच के लिए अधिकृत कर देती है। आइये अब देखें कांग्रेस पर मोदी अंबानी-अदानी बम और उसपर राहुल के जवाब को आज के अखबारों ने कैसे छापा है।

  1. टाइम्स ऑफ इंडिया

    फ्लैग शीर्षक है, ‘प्रधानमंत्री ने तेलंगाना में कहा, चोरी का माल चुनाव के लिए कांग्रेस के पास पहुंच रहा है”। मुख्य शीर्षक है, “क्या अंबानी-अदानी ने राहुल गांधी की चुप्पी खरीद ली है  मोदी; प्रधानमंत्री डरे हुए हैं : कांग्रेस”। यह खबर लीड है। राहुल गांधी की प्रतिक्रिया इसके साथ दो कॉलम में है। इसका शीर्षक है, राहुल ने मोदी से कहा : जांच के लिए सीबीआई-ईडी भेजिये। इसके साथ प्रधानमंत्री का मुख्य आरोप औऱ राहुल गांधी का जवाब या प्रधानमंत्री से सवाल लगभग उतनी ही जगह में वैसे ही छपा है।

    • द हिन्दू

    मोदी-अदानी कटाक्ष के बाद राहुल ने कहा प्रधानमंत्री डरे हुए हैं।

    • हिन्दुस्तान टाइम्स

    अंबानी-अदानी ट्वीस्ट में मोदी ने कांग्रेस पर निशान साधा इसके साथ प्रधानमंत्री का सवाल हाईलाइट किया गया है। हिन्दी में यह इस प्रकार होगा, क्या टेम्पो में भरकर पैसा कांग्रेस के पास पहुंचा है। क्या सौदा हुआ है कि अंबानी अदानी के खिलाफ बोलने वाले (राहुल) ने अब अंबानी अदानी को गाली देना बंद कर दिया है? कहने की जरूरत नहीं है कि प्रधानमंत्री की खबर गलत है। अंबानी-अदाणी के खिलाफ राहुल गांधी का भाषण बंद नहीं हुआ है और कांग्रेस ने कल ही राहुल गांधी के वीडियो भाषण का हिस्सा सोशल मीडिया पर जारी कर किया था।

    • इंडियन एक्सप्रेस

    मोदी ने तेलंगाना में कहा : अंबानी-अदानी पर अब चुप क्यों हैं, क्या करार हुआ है (फ्लैग शीर्षक है)। मुख्य शीर्षक है, अदानी-अंबानी ने आपको कितना दिया, प्रधानमंत्री ने कांग्रेस से पूछा; राहुल ने कहा ईडी को जाच करने दीजिये। इस संबंध में मुख्य खबर का शीर्षक है, काले धन की कितनी बोरिया — टेम्पो से नोट कांग्रेस को डिलीवर हुए हैं। एक्सप्रेस एक्सप्लेन्ड में अखबार ने लिखा है कि राहुल की अचानक चुप्पी नहीं है। अदानी अंबंनी की चर्चा लालू करते रहे हैं, इस बार भी की है।     

    • द टेलीग्राफ

    फ्लैग शीर्षक है, अंबानी-अदानी से शहजादा ने कितने पैसे जुटाये। मुख्य शीर्षक है, प्रधानमंत्री ने अडानी-अंबानी बम फोड़ा, कांग्रेस ने उनकी चोरी बताई 

    • नवोदय टाइम्स

    अब उद्योगपतियों के नाम पर सियासी तीर (मुख्य शीर्षक है) इसके साथ आरोप और जवाब दोनों है। पहले आरोप, “शहजादा बताये, अंबानी अदानी से कितना माल लिया : मोदी”। “भाजपा के भ्रष्टाचार के टेम्पो का ड्राइवर खलासी कौन, जानता हे देश : राहुल।” 

    • अमर उजाला

    शहजादे बताएं, अदानी- अंबानी से कितना माल उठाया : मोदी। पीएम बोले – पांच साल तक गालियां दी, जो अचानक बंद हो गईं, मतलब कोई ना कोई चोरी का माल टेम्पो भर-भर कर पाया है।  

    कहने की जरूरत नहीं है कि प्रधानमंत्री ने कहा है तो लीड बनेगी, पहले पन्ने की खबर है। लेकिन राहुल गांधी ने न कोई गाली दी थी ना कुछ बंद किया है। वे जैसे पहले बोलते थे वैसे ही अभी भी बोल रहे हैं। इसका वीडयो कल ही जारी कर दिया गया था। सफाई में यह पूछा गया कि घबरा गये क्या? यह कम छपा है या नहीं छपा है। यही हेडलाइन मैनेजमेंट है। एक तरफ चुनाव आयोग कुछ नहीं कर रहा है दूसरी ओर, उन्होंने विपक्षी नेताओं को बदनाम करने की आजादी तो ली ही है हिन्दू मुसलमान भी कर रहे है और यह सब सही हो वह भी जरूरी नहीं है। प्रचार यही किया गया था कि इनका विकल्प नहीं है।

    Advertisement. Scroll to continue reading.
    Click to comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Advertisement

    भड़ास को मेल करें : [email protected]

    भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group_one

    Advertisement

    Latest 100 भड़ास

    व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

    वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

    भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

    Advertisement