Ravish Kumar : ये आज तक के एंकर हैं। राबड़ी देवी के ट्विटर अकाउंट का माखौल उड़ा रहे हैं। पूछ रहे हैं कि ट्विटर का तीन बार उच्चारण कर सकती हैं या नहीं। राबड़ी देवी की राजनीति से असहमत हुआ जा सकता है। विरोध भी सही है। मगर इस तरह का मज़ाक़ करने का अधिकार बोध चतुर्वेदी जी को जाति के सामाजिक अहंकार और गोदी मीडिया के चापलूस होने से आता है। मीडिया में आप देखेंगे कि कमजोर तबके के नेताओं का किस तरह से चरित्र चित्रण किया जाता है। वे हमेशा मूर्ख लुटेरे बताए जाते हैं। मुसलमानों के साथ भी यही होता है।
महिला नेताओं का अलग से चरित्र चित्रण किया जाता है। वे जाति की मार भी सहती हैं और औरत होने की सज़ा भी भुगतती हैं। ममता बनर्जी का उदाहरण दिया जा सकता है। लेकिन मायावती को सबसे अधिक टार्गेट किया गया। उनकी काया से लेकर रंग तक मज़ाक़ उड़ाया गया।
हमारे भीतर बहुत से सामाजिक विकार होते हैं जो पालन पोषण के दौरान बनते हैं। हमें लगता है कि ऐसा सोचना स्वाभाविक है। लेकिन यह कुत्सित सोच हमारे भीतर भरी जाती है। इसलिए आप जितना बाहर लड़ते हैं उससे कहीं ज़्यादा भीतर लड़ना पड़ता है। बदलना पड़ता है। आपकी सोच के भीतर भी निशान्त हो सकता है उसे बाहर निकालिए ।
अच्छी बात यह रही कि राबड़ी देवी ने जवाब दिया। उन्होंने जवाब देकर सही किया। निशान्त चतुर्वेदी जैसे लोग एंकर बन गए। इसलिए कि आज तक जैसे रिपोर्टरों के चैनलों में भी रिपोर्टर ख़त्म हो गए। सब चैनल में हुआ। जहाँ रिपोर्टर हैं भी वहाँ रिपोर्टिंग नहीं है। वॉक्स पॉप कलेक्शन है। यह इसलिए हुआ ताकि ऐसे लोगों को एंकर बनाया जा सके जिन्हें मैनेज किया जा सके। इन्हें मोदी के आने के बहुत पहले से प्रोपेगैंडा के लिए तैयार किया जा रहा था। हर चैनल में ‘डफ़र’ को एंकर बनाया गया। हर चैनल में ‘ डफ़र’ यानी मूर्खों की लॉटरी लग गई। इनके लिए कितने ही अच्छे रिपोर्टर बर्बाद कर दिए गए।
एंकर चैनलों के स्टार नहीं, बाहर दिखने वाले भीतर के घाव हैं। जिस पर सुंदर दिखने वाला बैंड एड लगा है। टीवी को समझिए और चैनलों को देखना बंद करें। एंकर लोग प्रोमो करते रहते हैं कि ये देखिए वो देखिए। आप मत देखिए।
एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार की एफबी वॉल से.
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Dev
May 3, 2019 at 4:49 pm
Nishant is not good anchor hw u can judge him. And about you. U r also under the feet of Congress. He told about Rabri is true. Don’t blame to others. U r also that type Rabish chatukar.
डॉ अशोककुमार शर्मा
May 3, 2019 at 5:39 pm
किसी पत्रकार का मोदी का चापलूस होना बेशक गलत है, लेकिन दिनरात दूसरे नेताओं की चापलूसी और महज मोदी विरोध की पत्रकारिता क्या जायज़ और स्तुत्य है भाई?
Manish Sharma
May 3, 2019 at 6:38 pm
Bus ek rubbish Kumar hi raja Harish Chandra ki aulad hai ke ho ya kahe wo sach ho. Sabse bada congressi chaploos, gaddar aur kamina to Rubbish hi hai
Aditya Bhagwat
May 3, 2019 at 8:46 pm
Self styled samaj sudharak shree ravish ji ko aajkal sapne me bhi modi aate hain! रविश भाई, आपसे उम्मीदें थीं कि आप पत्रकारिता में कुछ अच्छा करेंगे मगर आप मोदी विरोध में एक आयामी हो गए हैं। शायद समय के साथ कुछ बदले यही उम्मीद है
निरंजन शर्मा
May 3, 2019 at 10:44 pm
भाई लड़कियो कि दलाली करता है है खुद खुद न्यूज कि, फिर किस हक़ से औरो से सवाल करता है।