भारत की राजधानी दिल्ली से संचालित दो अपोलो अस्पतालों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. आरोप है कि वह दुनियाभर के अमीर मरीजों को किडनी उपलब्ध कराता है. यानी वह अंतर्राष्ट्रीय किडनी रैकेट में शामिल है.
ब्रिटेन के अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट में शनिवार को खुलासा हुआ है. अखबार की इस रिपोर्ट ने भारत में तहलका मचा दिया है. अख़बार के अनुसार अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप म्यांमार के गरीब ग्रामीण युवकों से किडनी खरीदकर दुनिया के जरूरतमंद अमीरों को दिल्ली अस्पताल में प्रत्यर्पित करता है.
अखबार ने कहा कि उसे पहली बार ‘कैश-फॉर-किडनी’ रैकेट के बारे में इंद्रप्रस्थ अपोलो में एक बिचौलिये से पता चला. इंद्रप्रस्थ अपोलो दिल्ली में अपोलो अस्पताल समूह का प्रमुख अस्पताल है.
द टेलीग्राफ का दावा है कि उसके एक रिपोर्टर को म्यांमार के एक बिचौलिए ने साक्ष्य के साथ किडनी और मानव अंगों के अवैध रूप से खरीदे जाने की जानकारी दी. फर्जी डाक्यूमेंट्स और फोटो के जरिए यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि अंगदान करने वाला मरीज का रिश्तेदार है.
इधर अपोलो ग्रुप की तरफ से आए एक बयान में कहा गया है कि, ‘हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया में अपोलो के खिलाफ लगाए गए आरोप बिल्कुल झूठे, गलत जानकारी वाले और भ्रामक हैं.’
दूसरी तऱफ सीएनबीसी-टीवी 18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दिल्ली सरकार इन लगे आरोपों की जांच शुरू करेगी.
अपोलो ने एक अलग बयान में कहा, ‘कॉर्पोरेट प्रशासन नीति के हिस्से के रूप में, अपोलो ने प्रत्यारोपण प्रक्रिया के सभी पहलुओं की जांच करने के लिए मामले की जांच शुरू की है.’ अपोलो को संचालित करने वाली कंपनी आईएमसीएल ने कहा कि कंपनी न तो असंबद्ध दाताओं की तलाश करती है और न ही उसके प्रतिनिधियों को किडनी रोगियों के लिए असंबंधित दाताओं को खोजने के लिए अधिकृत या निर्देश दिया गया है.’